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M Stripe App : पीलीभीत टाइगर रिजर्व में एम स्ट्राइप एप से होगी बाघों की गणना

M Stripe App इस बार टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना में एम स्ट्राइप एप का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रभागीय वनाधिकारी ने पिछले दिनों देहरादून में भारतीय वन्यजीव संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वह मास्टर ट्रेनर के तौर पर बाघ गणना से संबंधित स्टाफ को प्रशिक्षित करेंगे।

By Edited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 10:46 PM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 04:14 PM (IST)
M Stripe App :  पीलीभीत टाइगर रिजर्व में एम स्ट्राइप एप से होगी बाघों की गणना
M Stripe App : पीलीभीत टाइगर रिजर्व में एम स्ट्राइप एप से होगी बाघों की गणना

पीलीभीत, जेएनएन। M Stripe App : इस बार टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना में एम स्ट्राइप एप का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रभागीय वनाधिकारी ने पिछले दिनों देहरादून में भारतीय वन्यजीव संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वह मास्टर ट्रेनर के तौर पर बाघ गणना से संबंधित स्टाफ को प्रशिक्षित करेंगे। अधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। वन रक्षकों, वाचरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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बाघ गणना के लिए कैमरे लगाने का कार्य अगले महीने से शुरू हो जाएगा। भारतीय वन्यजीव संस्थान ने इस बार टाइगर रिजर्व में एम स्ट्राइप एप के माध्यम से बाघ गणना कराने का निर्णय लिया है। इस एप का पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अभी तक जंगल में गश्त के लिए उपयोग किया जा रहा था। ऐसे में अधिकारियों व कर्मचारियों के मोबाइल फोन में यह एप पहले से ही डाउनलोड है। बाघों की गणना से पहले तृणभोजी वन्यजीवों की गिनती की जाती है।

इसमें पिछले वर्षों तक कर्मचारी जंगल में डाली जाने वाली ट्रांजिक्ट लाइन पर चलते हुए डायरी में विवरण व आंकड़े कलम से दर्ज करते थे। उसे बाद में विभाग के कार्यालय में लाकर कंप्यूटर में फीड कराते थे। नई व्यवस्था में इतनी मशक्कत की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सारा विवरण और आंकड़े एप से कंप्यूटर में डाउनलोड कर लिए जाएंगे। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक अभी तक इस एप का इस्तेमाल जंगल में पेट्रो¨लग के दौरान किया जाता रहा है।

पहली बार बाघ गणना में इसका उपयोग होगा। विश्व प्रकृति निधि के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार ने बताया कि वन विभाग में रेंज अधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। अब जल्द ही कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम विश्व प्रकृति निधि व वन विभाग दोनों मिलकर तय करेंगे। प्रभागीय वनाधिकारी तथा वह स्वयं कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे। इनसेट क्या है एम स्ट्राइप एप यह एप भारतीय वन्यजीव संस्थान ने बनाया है।

पहले जंगल में कर्मचारी कागज की शीट लेकर गश्त किया करते थे। जंगल में जो कुछ भी उन्हें गश्त के दौरान दिखता, उसका विवरण शीट पर लिख लेते। एप से गश्त होने पर कागज व कलम का उपयोग बंद हो गया। इस एप में इकलॉजिकल सर्वे की भी सुविधा है। इसी से बाघ गणना से संबंधित सभी विवरण, आंकड़े फीड किए जा सकते हैं।

फैक्ट फाइल

टाइगर रिजर्व के जंगल का कुल क्षेत्रफल 73 हजार 24.98 हेक्टेयर

जंगल की कुल लंबाई 60 किमी व चौड़ाई 15 किमी

पिछली गणना में जंगल में 65 से अधिक बाघ होने की पुष्टि

इस बार बाघ गणना के कार्य में एम स्ट्राइप एप का इस्तेमाल किया जाना है। स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है। सभी वन क्षेत्राधिकारियों का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है। जल्द ही कर्मियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। बरसात खत्म होने के बाद जंगल में ट्रांजिक्ट लाइन डालकर तृणभोजी वन्यजीवों की गिनती का कार्य शुरू होगा। बाघ गणना की प्रक्रिया चरणबद्ध ढंग से आगे बढ़ेगी। नवीन खंडेलवाल, प्रभागीय वनाधिकारी, टाइगर रिजर्व


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