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बरेली के गांवों में न दवा है न कोविड जांच किट तो कैसे मिले इलाज, पढ़ें गांवों में चिकित्सा सुविधा की पोल खोलती रिपोर्ट

Bareillys Village Coronavirus News कोरोना संक्रमण के इस भयावह दौर में चिकित्सा सेवाओं की हालत बेहद पतली है। क्यारा ब्लाक का गांव क्यारा इसका उदाहरण है। जहां गांव के 40 फीसद घरों में लोग बीमार पड़े हैं। आठ दिन में गांव के 20 लोगों की मौत हो चुकी है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 03:03 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 03:03 PM (IST)
बरेली के गांवों में न दवा है न कोविड जांच किट तो कैसे मिले इलाज, पढ़ें गांवों में चिकित्सा सुविधा की पोल खोलती रिपोर्ट
सीएचसी पहुंचे मरीजों को नहीं मिली दवा, कोविड जांच के लिए एंटीजन किट भी उपलब्ध नहीं।

बरेली, (अंकित गुप्ता)। Bareillys Village Coronavirus News : कोरोना संक्रमण के इस भयावह दौर में चिकित्सा सेवाओं की हालत बेहद पतली है। क्यारा ब्लाक का गांव क्यारा इसका उदाहरण है। जहां गांव के 40 फीसद घरों में लोग बीमार पड़े हैं। बीते आठ दिनों में गांव के 20 लोगों की मौत हो चुकी है। गांव के लोग अस्पताल जाते हैं तो उनकी न कोविड जांच होती है और न ही उन्हें दवा मिलती है।एंटीजन किट न होने का हवाला देकर अगर आरटीपीसीआर जांच कर भी दी जाती है तो उसकी रिपोर्ट कब आएगी इसका किसी को पता नहीं होता। जब इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को दी जाती है तो हर वह अपने अधीनस्थों पर मामला टाल देते हैं। एमओआइसी गांव की आशा और संगिनी द्वारा जांच करने की बात कहते हैं और सीएमओ, एमओआइसी को जिम्मेदार बताते हैं।

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शहर से 13 किमी दूर स्थित गांव क्यारा की आबादी छह हजार है। हाल ही में यहां भी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हुआ है। पंचायत चुनाव होने के बाद मतगणना भी हुई। इसके बाद से गांव के हालात दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं। बीते आठ दिन पूर्व गांव में 50 फीसद से अधिक घरों के लोग बीमार थे। लेकिन अब कुछ की हालत ठीक है, जबकि 40 फीसद घरों में आज भी लोग बीमार पड़े हैं। रविवार को जब दैनिक जागरण इसकी पड़ताल करने गांव क्यारा पहुंचा तो ग्रामीणों ने बताया कि गांव के बाहर बने सीएचसी में जब बीमार लोगों को दिखाने जाते हैं तो वहां चिकित्सक नहीं मिलते। वहां मौजूद स्टाफ को समस्या बताकर दवा लेने जाओ तो वह दवा न होने की बात कहते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि तीन दिन पहले अस्पताल में पैरासीटामोल की टेबलेट तक नहीं थी।

इन लोगों की हो चुकी मौत

उमा सिंह, जनवरी, कस्तूरी जाटव, रामसेवक पंडित, माया देवी, अनिल कुमार सिंह, नरेश कुमार सिंह, कृष्ण पाल, हरपाल मौर्या और उनकी पत्नी, विशल पाल सिंह, जितेंद्र कुमार सिंह, मंगली कश्यप, ब्रजपाल, रामरईस, हंसे कश्यप, अमित का चार साल का बेटा, मुन्नी देवी, शांति देवी, राजेश्वरी देवी समेत अन्य कई लोगों की भी इस दौरान मौत हो चुकी है।

ज्यादातर बुजुर्ग और अधेड़ बीमार, कुछ युवा भी शामिल

गांव क्यारा में बीमार लोगों में अधिकतर बुजुर्ग और अधेड़ लोग हैं। इनकी उम्र 45 वर्ष से 70 वर्ष के बीच है। इन लोगों से बात करने पर पता चला कि इनमें से अधिकतर का अब तक वैक्सीनेशन भी नहीं हुआ है। बताया कि पंचायत चुनाव के बाद से उनकी तबीयत बितगड़ी हुई है। इनमें कुछ युवा भी शामिल है। बीमार लोगों में उदयवीर सिंह, राजवीर सिंह, राखी पत्नी राकेश, अरविंद सिंह, ब्रजेंद्र सिंह, रमनपाल सिंह, पप्पू सिंह, हरवंश गुर्जर, महेश गुर्जर आदि अन्य लोग शामिल हैं।

ग्रामीण की एमओआइसी से बातचीत

ग्रामीण : हेलो डॉक्टर साहब

एमओआइसी : हां बताओ

ग्रामीण : गांव में लोग बीमार हैं, एंटीजन किट आ गईं।

एमओआइसी : अभी नहीं आईं।

ग्रामीण : कब तक आएंगी।

एमओआइसी : कल तक आने की उम्मीद है। आ जाएंगी तो बता देंगे। लोगों को को भेज देना।

ग्रामीण की सीएमओ से बातचीत

ग्रामीण : नमस्ते सर

सीएमओ : नमस्ते

ग्रामीण : क्यारा गांव से बोले रहे

सीएमओ : बताइए

ग्रामीण : सर गांव में कई लोग बीमार है। कई लोगों की मौत हो चुकी है।

सीएमओ : गांव में आशा और संगिनी है या नहीं।

ग्रामीण : आशा तो हैंं, वह क्या बीमारी देख लेंगी।

सीएमओ : आशा को ट्रेनिंग देकर भेजा जाता है। वह जांच कर मेडीसिन देकर किट देंगी।

ग्रामीण : जो लोग बीमार हैं, उन्हें तो मिली नहीं। सीएचसी पर भी सामान नहीं है।

सीएमओ : ऐसा कैसे हो सकता है, सभी दवा हैं, किट हैं।

ग्रामीण : सीएचसी पर तो मना कर दिया जाता है।

सीएमओ : डा. सौरभ वहां इंचार्ज हैं, उनसे पूछिए।

ग्रामीण : उन्होंने भी एंटीजन किट के लिए मना किया। यह भी कहा कि आरटीपीसीआर का सैंपल कराना उनका काम है। रिपोर्ट कब आएगी यह उन्हें पता नहीं।

सीएमओ : ऐसा कैसे कह सकते हैं वह।

ग्रामीण : आप यह बताइए गांव में जो लोग बीमार है उनका क्या करें।

सीएमओ : डा. सौरभ देखेंगे और उनकी टीम देखेंगे। टीम भेजनी चाहिए।

ग्रामीण : डाक्टर साहब से मिले थे तो उन्होंने कहा कि उनके पास स्टाफ नहीं है।

सीएमओ : अरे खुद तो हैं वह, खुद जाकर देखें। आशा नहीं पहचान सकती तो वह खुद जा सकते हैं।

ग्रामीण : यह बात तो आप कह सकते हैं उनसे हम लोग कैसे कह सकते हैं। आप उनके अधिकारी है।

सीएमओ : हां, मैं कहूंगा उनसे अभी बात करता हूं। 

डॉ.सौरभ सैंपल सही नहीं भेजते : सीएमओ

ग्रामीण से बातचीत के दौरान ही सीएमओ डा. एस के गर्ग ने बताया कि सैंपल की रिपोर्ट कहां से आए। डा. सौरभ सैंपल ही ठीक से नहीं भेजते हैं। उनके डिब्बों में जिस मरीज का नाम लिखा होता है उसका सैंपल नहीं होता।

वायरल ऑडियो ने खोली हकीकत

सीएचसी क्यारा के एक स्टाफ और ग्रामीण की बातचीत का एक ऑडियो वायरल हुआ। इसमें स्टाफ द्वारा बताया गया कि 15 दिन से एंटीजन किट नहीं है। आरटीपीसीआर जांच की जा रही है, जिनकी 15-15 दिन तक रिपोर्ट नहीं आ रही है। कई लोगों की तो 20 दिन से ज्यादा हो गए रिपोर्ट ही नहीं आई है। स्टाफ बताता है कि स्थिति बहुत खराब है। स्थिति यह है कि टेबलेट तक नहीं है कि किसी को दे सकें। डिमांड भी भेज चुके लेकिन कोई फर्क नहीं है। सबको पता है कि सीएचसी पीएचसी की स्थिति क्या है, लेकिन कोई किसी की सुन ही नहीं रहा है।

हम सैंपल ही ले सकते हैँ रिपोर्ट कब आएगी कैसे बता दें

क्यारा सीएचसी के एमओआइसी डा. सौरभ सिंह ने बताया कि संगिनी की ओर से गांव का सर्वे कर 36 लोगों को बीमार पाया गया है। उनकी किट तैयार कराकर भेजी गई है।गांव के किसी व्यक्ति ने इतनी बड़ी संख्या में ग्रामीणों के बीमार होने की जानकारी नहीं दी है। जो संसाधन है उनका पूरा इस्तेमाल किया जा रहा है। एंटीजन किट नहीं है तो आरटीपीसी जांच की जा रही है। हम सैंपल ही ले सकते है, रिपोर्ट कब आएगी इस बारे में कैसे बताएं। सीएमओ डा. एस के गर्ग ने बताया कि पिछले दिनों मशीन खराब थी, इसीलिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने में देरी हो सकती है। क्यारा गांव के संबंध में जानकारी मिली है। एमओआइसी डा. सौरभ से बात कर टीम भेजने को कहा है। सोमवार को टीम गांव जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी। 


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