कोरोना की दूसरी आहट से दवा का बाजार गर्म
कोरोना की दूसरी आहट हो चुकी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तरह अपने जिले में अभी इसका बहुत ज्यादा असर तो नहीं दिखा लेकिन नवंबर महीने में कोरोना संक्रमण पहले के मुकाबले बढ़ा जरूर है। कोरोना की आहट महसूस होते ही संक्रमण से जुड़ा बाजार गर्म हो गया है
बरेली, जेएनएन। कोरोना की दूसरी आहट हो चुकी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तरह अपने जिले में अभी इसका बहुत ज्यादा असर तो नहीं दिखा, लेकिन नवंबर महीने में कोरोना संक्रमण पहले के मुकाबले बढ़ा जरूर है। कोरोना की आहट महसूस होते ही संक्रमण से जुड़ा बाजार गर्म हो गया है। दवाओं, इंजेक्शन, विटामिन की गोलियों आदि के दाम दस फीसद तक बढ़ चुके हैैं। थोक बाजार में हुई बढ़ोत्तरी का असर फुटकर मार्केट में भी तेजी से सामने आ रहा है।
प्री-क्योर करने वाली दवाओं की अच्छी मांग
मार्च-अप्रैल में कोरोना ने दस्तक दी थी। इसके बाद से बुखार, खांसी, जुकाम और एंटी बायोटिक दवाओं की बिक्री हो रही थी,लेकिन इस बार ऐसी दवाओं की मांग भी बढ़ी है, जिससे कोरोना संक्रमण से बचा जा सके। हालांकि यह दावा शत प्रतिशत नहीं है। बावजूद इसके प्री-क्योर करने वाली दवाओं (आइवरमैक्ट्रोल और हाइड्रैक्सक्वीन) की मांग बढ़ी है। हाइड्रैक्सोक्वीन वही दवा है, जिसे अमेरिका को दिए जाने पर खासा चर्चा हुई थी।
विटामिन-सी से लेकर क्रोसीन तक महंगी
बाजार में कोरोना संक्रमण से जुड़ी करीब आठ दवाएं हैैं। इनमें बुखार, एंटी बायोटिक, गले का संक्रमण दूर करने वाली दवा, विटामिन-सी की गोलियां, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले कैप्सूल, प्री-क्योर टेबलेट आदि हैैं। इन सभी के दाम तीन महीने पहले के मुकाबले करीब दस फीसद तक ज्यादा हैैं।
सिर्फ अस्पतालों के लिए रेमडेसिवीर
रेमडेसिवीर एक न्यूक्लियोसाइड राइबोन्यूक्लिक एसिड बेस्ड इंजेक्शन है। जो चुपके से हमला कर वायरस के जीनोम में खुद को शामिल करता है। इस इंजेक्शन की बिक्री की इजाजत थोक या फुटकर मेडिकल स्टोर पर नहीं है। इन्हें केवल अस्पतालों में ही उपयोग की छूट है। डिमांड के आधार पर सीधे सप्लाई भी वहीं की जाती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में हैैं।
सैनिटाइजर के रेट तय, ठगी से बचेें
थोक बाजार में साधारण मास्क एक रुपये में और एन-95 मास्क 20 रुपये में बिक रहा है। वहीं, फुटकर बाजार में साधारण मास्क पांच रुपये और एन-95 मास्क 100 से 150 रुपये तक बिक रहा है। इसके अलावा सैनिटाइजर का दाम भी अधिकतम 50 रुपये प्रति 100 मिलीलीटर तय किया जा चुका है। यानी, इससे ज्यादा दाम पर सैनिटाइजर नहीं बेचा जा सकता। ऐसे में ठगी से बचें।
दवा या कैप्सूल उपयोग पैक थोक दाम (रु.) फुटकर दाम (रु.)
लिम्सी टेबलेट विटामिन-सी 15 16.38 22.39
बीकासूल-जेड इम्यून सिस्टम 20 31.34 41.79
क्रोसीन टेबलेट बुखार 20 15.17 20.38
एजिलाइड-500 गले का संक्रमण 5 84.92 118.89
माइक्रोडोक्स-एलबी एंटी बायोटिक 10 49.64 69.50
आइवरमैक्ट्रोल-12एमजी प्री-क्योर 2 71.50 85.00
एचसीक्यूएस-200 एमजी प्री-क्योर 10 70.50 84.00
क्या कहना है जानकारों का
इस बार कोरोना संक्रमण से जुड़ी दवाओं के दाम दस फीसद तक बढ़े हैं। हालांकि खपत के हिसाब से यह अप्रत्याशित नहीं है।
- मुकेश अग्रवाल, अध्यक्ष, डिस्ट्रिक्ट बरेली केमिस्ट एसोसिएशन
बाजार में कोरोना संक्रमण से जुड़ी दवाओं की आपूर्ति पर्याप्त है। किसी भी तरह की दवाई की कालाबाजारी का डर नहीं है।
- किशोर खटवानी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, न्यू डिस्ट्रिक बरेली कैमिस्ट एसोसिएशन
मास्क और सैनिटाइजर के अधिकतम सरकार तय कर चुकी है। ऐसे में इनके दाम को लेकर लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है।
- अजय कुमार ङ्क्षसह, जेनरिक मेडिकल स्टोर
पिछली बार कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोग एहतियात नहीं बरत रहे थे। इस बार प्री-क्योर दवाइयों की मांग भी बाजार में है।
- राजेश ओबराय, अध्यक्ष, न्यू डिस्ट्रिक बरेली कैमिस्ट एसोसिएशन