VIDEO: गजब बरेली के इस कोविड अस्पताल में कोरोना संक्रमित मचा रहे धमाल, कर रहे वीडियो वायरल
मरीज को क्या चाहिए ... दवा और दुआ! कोरोना वायरस से पार पाने के लिए इतना नाकाफी हो तो? तब एका काम आता है। ऐसा एका जो हर फिक्र को भुला दे।
बरेली, जेएनएन। मरीज को क्या चाहिए... दवा और दुआ! कोरोना वायरस से पार पाने के लिए इतना नाकाफी हो तो? तब एका काम आता है। ऐसा एका जो हर फिक्र को भुला दे। जो बीमारी को दिमाग से निकाल दे और हर हाल में जीतना सिखा दे। बरेली के कोविड अस्पताल में ऐसा ही हो रहा। यहां भर्ती मरीजों ने अस्पताल को दूसरा घर परिवार बना लिया। यहां सुबह-शाम हनुमान चालीसा गूंजती हैं। खाली वक्त में स्वच्छता अभियान चलाया जाता है। इसके बाद भी वक्त मिले तो अस्पताल का गलियारा क्रिकेट की पिच बन जाता है। ऐसा माहौल, जिसके बीते 150 लाइलाज बीमारी को हराकर अपने घर लौट चुके हैं। इस वक्त 25 अन्य भर्ती हैं, इनमें से भी दो की रिपोर्ट महज सात दिन में निगेटिव आ चुकी है।
इज्जतनगर रेल मंडल के अस्पताल को कोविड एल-1 अस्पताल बनाए जाने के बाद कई संक्रमित मरीज वहां भर्ती किए जाते तो सिसकते थे। खुद को कैद समझकर घर जाने की जिद करते थे। अस्पताल स्टाफ के सामने दोहरी चुनौती थी। पहली यह कि किस तरह उन्हें यहां रुकने के लिए राजी किया जाए। दूसरी चुनौती यह कि यदि मानसिक रूप से इतने तनाव में रहेंगे तो इनकी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना बेहद बेहद मुश्किल हो जाएगा। इसके लिए रास्ता निकाला।
करीब डेढ़ महीने पहले सुबह को सभी के लिए अस्पताल की गैलरी में एकत्र कर दूर-दूर बैठाकर हनुमान चालीसा शुरू कराया। शाम को ही ऐसा ही किया। बाद में मरीज खुद ही ऐसा करने लगे। इस दौरान एक साथ बैठते थे तो एक-दूसरे से परिचय होने लगा। कोरोना संक्रमण को भूलकर वे आपसी बातें करने में वक्त गुजारते। धीरे-धीरे सबकुछ सामान्य होने लगा।
— amit singh (@amitsingh121083) July 25, 2020
सोशल मीडिया पर कमेंट दे रहे जज्बा
इस वक्त भर्ती 25 मरीजों में 20 युवा हैं। वे खाली वक्त में खुद झाडू़ लेकर अस्पताल की सफाई करने में लग जाते हैं। इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर सभी को स्वच्छता का संदेश देते हैं। इन पोस्ट को खूब सराहा जा रहा। लोग कमेंट कर मरीजों के जज्बे को सराह रहे। ये सभी आपस में भी सोशल मीडिया पर जुड़ गए। इसी के जरिये मरीजों को एक दूसरे के जन्मदिन के बारे में भी पता चला।
इसके बाद माहौल कुछ और आत्मिक हुआ। बीते बीस दिनों में दो युवक और एक युवती के जन्मदिन की तारीख पड़ी तो उनके सरप्राइज सेलिबे्रेशन की तैयारी हो गई। अस्पताल स्टाफ ने भी खूब साथ दिया। छोटा स्पीकर मंगवाया गया, इसके बाद अस्पताल का परिसर पार्टी स्थल में बदल गया। जमकर नाच-गाना हुआ। उसका भी वीडियो वायरल किया गया था।
ये कहते हैं डॉक्टर
अस्पताल के प्रभारी डॉ. संचित बताते हैं कि कोरोना से लडऩे के लिए जरूरी था कि ये सब मानसिक रूप से मजबूत रहें। तनाव में रहेंगे तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा पाना कठिन होगा। जबकि संक्रमण से पार पाने के लिए प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना जरूरी है। मरीजों को प्रेरित किया गया, अब वे परिवार जैसे माहौल में रहते हैं जिसके अच्छे परिणाम आ रहे।