शासन के आदेश दारोगा की गलती पर जिम्मेदार होंगे सीओ और थानेदार
पंचायत चुनाव के दौरान अक्सर मनमाने ढंग से चालान और शांतिभंग के साथ मुचलका पाबंद करने वाली पुलिस पर इस बार अधिकारियों ने लगाम कसने की तैयारी कर ली है। अक्सर बिना भौतिक सत्यापन के इस पुलिसिया कार्रवाई की जद में वृद्ध और बच्चे भी आ जाते है।
बरेली, जेएनएन। पंचायत चुनाव के दौरान अक्सर मनमाने ढंग से चालान और शांतिभंग के साथ मुचलका पाबंद करने वाली पुलिस पर इस बार अधिकारियों ने लगाम कसने की तैयारी कर ली है। अक्सर बिना भौतिक सत्यापन के इस पुलिसिया कार्रवाई की जद में वृद्ध और बच्चे भी आ जाते है। मामला कोर्ट पहुंचता है ताे कोर्ट की नाराजगी के चलते अधिकारियों की परेशानी बढ़ जाती है।
इस बार अधिकारियों ने पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही पुलिसिया कार्रवाई पर सख्ती कर निगरानी के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने साफ कहा है कि किसी भी सूरत में पंचायत चुनाव के दौरान कोटा पूरा करने के चक्कर में वृद्धों व बच्चों का शांति भंग में चालान, मुचलका पाबंद न किया जाए। पुलिस चालान व मुचलका पाबंद की कार्रवाई करेगी तो वह भौतिक सत्यापन के आधार पर होगी। इसकी निगरानी की पूरी जिम्मेदारी थाना प्रभारी और सीओ की होगी।
अगर किसी दारोगा ने इस तरह की कार्रवाई की और शिकायत हुई तो इसके लिए निगरानी करने वाले अधिकारी जिम्मेदार होंगे। डीजीपी मुख्यालय से पंचायत चुनाव को लेकर पत्र भी जारी कर दिया गया है। जिसमें पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट को देखते हुए पुलिस को पुरानी रंजिश, विवादों और पंचायत चुनाव के दौरान दो गुटों के हुए विवादों की निगरानी के साथ ही उनके बीच समझौता और मुचलका पाबंद के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वहीं पत्र में साफ कहा गया है कि पुलिसिया कार्रवाई में पूरी तरह से पारदर्शिता और गुणवत्ता रखी जाए। कार्रवाई के नाम पर बच्चों और वृद्धों काे न परेशान किया जाए।
पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां की जा रही है। पुराने विवादों की जानकारी के साथ ही खुराफातियों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई के लिए कहा गया है। रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी