तीन सौ बेड अस्पताल की अब सीएमओ करेंगे खुद जांच, हस्तांतरण करने में फंसा है पेंच
300 बेड अस्पताल के भवन हस्तांतरण का पेंच फिलहाल फंसा ही हुआ है। पहले जहां निर्माण विभाग स्वास्थ्य महकमे पर करीब सात करोड़ रुपये बकाया होने का हवाला दे रहा था। वहीं हस्तांतरण प्रक्रिया से पहले स्वास्थ्य महकमे की जांच में भवन निर्माण के दौरान कई खामियां निकलकर सामने आईं।
बरेली, जेएनएन। 300 बेड अस्पताल के भवन हस्तांतरण का पेंच फिलहाल फंसा ही हुआ है। पहले जहां निर्माण विभाग स्वास्थ्य महकमे पर करीब सात करोड़ रुपये बकाया होने का हवाला दे रहा था। वहीं, हस्तांतरण प्रक्रिया से पहले स्वास्थ्य महकमे की जांच में भवन निर्माण के दौरान कई खामियां निकलकर सामने आईं। पहले मुख्य चिकित्सा अधिकारी अस्पताल भवन की जांच किसी अन्य इकाई के रूप में लोक निर्माण विभाग से करवाना चाहते थे। जिससे भवन निर्माण में उपयोगी की गई सामग्री और उसकी स्थिति पर एक अन्य संस्था की राय भी रखी जा सके। हालांकि प्रशासन ने इससे इन्कार कर दिया। अब सीएमओ खुद बिंदुवार पूरे हुए काम और इस पर लागत की रिपोर्ट चेक कराएंगे।
मुख्यमंत्री ने बीते साल अगस्त में दिए थे हस्तांतरण के निर्देश
300 बेड अस्पताल के हस्तांतरण के लिए मुख्यमंत्री ने बीते साल अगस्त में प्रशासन को निर्देश दिए थे। एनओसी और हैंडओवर से पहले अस्पताल में निर्माण कार्य निरीक्षण हुआ था। इसमें कई खामियां सामने आई थीं। निरीक्षण टीम में एसीएमओ डॉ. आरएन गिरी, एडी हेल्थ कार्यालय से एई सिविल एके शर्मा, एई संदीप सक्सेना, अवर अभियंता मोहम्मद आरिफ थे।
जांच में मिली थीं आठ खामियां
जांच के दौरान मुख्य रूप से मिली खामी में फायर फाइटिंग सिस्टम, अंडरग्राउंड संपवेल से नहीं बल्कि ओवरहेड टैैंक से जुड़ा मिला। मेन अर्थिंग में भी सुधार की दरकार थी। पैनल ट्रैक केबिल भी काफी अस्त-व्यस्त मिली। लिफ्ट भी चार की बजाए दो थीं, फिनिशिंग होना बाकी थी। अस्पताल परिसर की पार्किंग और ड्रेनेज के लिए नाली और गैस पाइप लाइन नहीं बिछी थी। केंद्रीकृत वातानुकूलन से संबंधित काम अधूरा था। वहीं, एलटी पैनल निष्क्रिय मिला था। इसके अलावा 260 केवीए डीजी सेट का टेस्ट ही पूरा नहीं हुआ था। कंट्रोल वायरिंग भी नहीं थी।
क्या कहना है सीएमओ का
स्वास्थ्य, बिजली, सिविल इंजीनियर की टीम ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी। हालांकि एक अन्य विशेषज्ञ टीम से जांच में स्थिति और साफ हो जाएगी। इस बाबत प्रशासन को पत्र लिखा जाएगा।
- डॉ.एसके गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बरेली