Move to Jagran APP

CM Yogi in Bareilly : सीएम साहब करवाएं सुधार, बरेली में गंभीर कोरोना संक्रमितों के लिए निजी अस्पतालों के सहारे है सरकारी सिस्टम

CM Yogi in Bareilly कोरोना संक्रमितों के इलाज में वैसे तो जिले का पूरा अमला लगा है। लेकिन सरकारी सिस्टम केवल अपने भरोसे गंभीर संक्रमितों को इलाज तक मुहैया नहीं करा सकता है। 300 बेड कोविड अस्पताल में 18 वेंटीलेटर महीनों से शोपीस बने रखे हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 12:37 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 12:40 PM (IST)
CM Yogi in Bareilly : सीएम साहब करवाएं सुधार, बरेली में गंभीर कोरोना संक्रमितों के लिए निजी अस्पतालों के सहारे है सरकारी सिस्टम
मंडल स्तर के 300 बेड कोविड अस्पताल में वेंटीलेटर होने के बावजूद मरीजों का इलाज नहीं।

बरेली, जेएनएन। CM Yogi in Bareilly : कोरोना संक्रमितों के इलाज में वैसे तो जिले का पूरा अमला लगा है। लेकिन सरकारी सिस्टम केवल अपने भरोसे गंभीर संक्रमितों को इलाज तक मुहैया नहीं करा सकता है। 300 बेड कोविड अस्पताल में 18 वेंटीलेटर महीनों से शोपीस बने रखे हैं, यहां आज तक एक भी संक्रमित का इलाज नहीं हो सका है। गंभीर मरीजों को यहां से केवल निजी कोविड अस्पतालों में रेफर किया जाता है।

loksabha election banner

वजह, लाखों रुपये की एक-एक मशीन होने के बावजूद जिले के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर और अन्य जरूरी मानव संसाधन नहीं हैं। यही नहीं, जिले से शासन को रोज भेजी जाने वाली रिपोर्ट में अस्पतालों में मौजूद वेंटीलेटर और भर्ती मरीजों का डेटा भेजा जाता है। लेकिन 300 बेड कोविड अस्पताल में 18 वेंटीलेटर होने के बावजूद शासन को रिपोर्ट जीरो की ही भेजी जाती है। वजह, इन वेंटीलेटर पर किसी मरीज को इलाज ही नहीं मिलता है।

जिले के 17 कोविड अस्पतालों में 105 वेंटीलेटर

जिले में 300 बेड कोविड अस्पताल, डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाए गए तीन मेडिकल कालेज के अलावा 13 निजी अस्पताल हैं। एसआरएमएस और रोहिलखंड मेडिकल कालेज में 20-20 और राजश्री अस्पताल में 10-10 वेंटीलेटर हैं। इसके अलावा निजी अस्पतालों में 65 मिलाकर कुल 105 वेंटीलेटर हैं। जिनमें से अधिकांश समय सभी जगह के वेंटीलेटर फुल रहते हैं।

सफाई व पैरा मेडिकल स्टाफ संविदा पर, इनका भी वेतन महीनों में

300 बेड कोविड अस्पताल में पैरा मेडिकल स्टाफ व सफाई कर्मी की भी बेहद कमी है। बमुश्किल स्टाफ किसी तरह संविदा पर कर्मचारी रखकर पूरा किया गया। लेकिन इनका वेतन भी समय पर नहीं आता। कई बार चक्कर काटने के बाद किसी तरह दो से तीन महीने में वेतन मिलता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.