भाई की तहरीर से मिला हत्यारे का सुराग, सीसीटीवी फुटेज व शर्ट में खून के दाग से खुला अधिवक्ता भूपेंद्र की हत्या का राज
Advocate Bhupendra Murder Case शाहजहांपुर अदालत परिसर में हुई घटना से अफरा तफरी मच गई। इस वारदात को लेकर अधिवक्ताओं ने प्रशासन व पुलिस की घेराबंदी शुरू की। अधिकारियों के लिए भी तत्काल में स्थिति संभालना मुश्किल था।
बरेली, जेएनएन। Advocate Bhupendra Murder Case : शाहजहांपुर अदालत परिसर में हुई घटना से अफरा तफरी मच गई। इस वारदात को लेकर अधिवक्ताओं ने प्रशासन व पुलिस की घेराबंदी शुरू की। अधिकारियों के लिए भी तत्काल में स्थिति संभालना मुश्किल था। जिस कार्यालय में घटना हुई वहां कोई चश्मदीद नहीं मिला। जहां पर घटना हुई वहां सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा था। उसके बाद जैसे ही अधिवक्ता भूपेंद्र प्रताप सिंह के भाई योगेंद्र प्रताप सिंह से संपर्क हुआ। पुलिस को क्लू मिलना शुरू हो गए।
योगेंद्र की तहरीर, सीसीटीवी फुटेज ने पुलिस को हत्यारोपित सुरेश गुप्ता तक पहुंचा दिया। सीसीटीवी में सुरेश दस बजकर आठ मिनट पर अदालत परिसर में घुसते हुए व 11 बजकर 36 मिनट पर सीढ़ियां चढ़ते दिख रहे थे। योगेंद्र के आरोप व बयान के आधार पर पुलिस ने उन्हें तलाशा तो वह जजी परिसर में ही मिल गए। उनको पूछताछ के लिए ले जाया गया तो शर्ट पर खून का निशान मिला। बस कुछ देर बाद उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। करीब पांच घंटे बाद पुलिस ने राहत की सांस ली।
यह लगाया आरोप
योगेंद्र प्रताप ने बताया कि उनके भाई की सुरेश गुप्ता से रंजिश चल रही थी। कई बार मुकदमों में सुरेश उनके भाई पर राजीनामा का दबाव बना चुके थे। सोमवार को वह अपने भाई के साथ 11 बजे अदालत आए। एसीजेएम के कार्यालय में गए तो पीछे से आए सुरेश गुप्ता ने भाई के गोली मार दी और वहां से भाग गए। आरोप है कि उनके साथ बेटे गौरव व अंकित भी थे। जिसके आधार पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली।
मौके पर छोड़ दिया तमंचा
सुरेश गुप्ता ने बताया कि जैसे ही भूपेंद्र ने बाबू से फाइल दिखाने के लिए कहा। उन्होंने सटाकर गोली मार दी। उसके बाद तमंचा वहीं छोड़कर चले आए। क्योंकि तमंचा साथ लाने से पकड़े जाने का डर था।
इस मामले में आरोपित ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। उनको हिरासत में लिया गया था। अब आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मुकदमे की विवेचन में सभी वैज्ञानिक साक्ष्य सीसीटीवी फुटेज, शर्ट पर खून के दाग आदि को भी शामिल किया जाएगा। रमित शर्मा, आइजी