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CLAT Exam : छात्राएं बोली- जज बनकर करुंगी निर्भया जैसे मामलों में जल्द फैसला

निर्भया जैसे केस जिनके फैसले आने में आठ-आठ साल लग जाते हैं। कई लोगों को तो समय पर न्याय मिल ही नहीं पाता। अब भी कई ऐसे केस लंबित पड़े हैं। अदालतों की इन्ही प्रोसीडिंग को देखते हुए जज बनने का मन किया। इसी के चलते क्लैट क्लीयर कर लिया।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 07:30 AM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 09:39 AM (IST)
CLAT Exam : छात्राएं बोली- जज बनकर करुंगी निर्भया जैसे मामलों में जल्द फैसला
CLAT Exam पास करने वाली दो छात्राएं बोली- जज बनकर करुंगी निर्भया जैसे मामलों में जल्द फैसला

बरेली, जेएनएन। निर्भया जैसे केस, जिनके फैसले आने में आठ-आठ साल लग जाते हैं। कई लोगों को तो समय पर न्याय मिल ही नहीं पाता। अब भी कई ऐसे केस लंबित पड़े हैं। अदालतों की इन्ही प्रोसीडिंग को देखते हुए जज बनने का मन कर गया। इसी के चलते क्लैट क्लीयर कर लिया। अब जज बनकर निर्भया जैसे केसों के जल्द फैसले करूंगी। कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) में 588 वीं रैंक हासिल करने वाली अलाइना फातिमा ने यह बातें कहीं।

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उन्होंने बताया कि जीआरएम स्कूल से बारहवीं की परीक्षा साइंस स्ट्रीम से पास की। 11वीं क्लास में थी तभी जज बनने का विचार मन में उठा। कभी लगा कि शायद नहीं कर पाऊंगी तो बीटीएस बैंड के मोटीवेशनल गाने सुन लिए। एक महीने ही तैयारी की। फिर एक साल दिल्ली में रहकर तैयारी की। मार्च में लॉकडाउन की वजह से कोचिंग बंद हो गई तो बरेली वापस आ गई। यहां सेल्फ स्टडी की।

किसी दिन 14 तो किसी दिन तीन घंटे पढ़ लेती थी। सामान्य ज्ञान कमजोर था। उस पर ज्यादा फोकस किया। अलाइना ने बताया कि ज्यूडिशरी में जाना है। देश के कानून में अपना योगदान देकर बेहतर करना है। उनके पापा सैय्यद अथर अली रेलवे में लोको पायलेट हैं। मम्मी अंबर फातिमा गृहणी हैं। उन्होंने शहर में कैरियर लांचर कोचिंग से तैयारी की।

विधि के क्षेत्र में रुझान ने दिलाई सफलता

मलूकपुर में सिटी सब्जी मंडी के पास रहने वाली मयूरी सक्सेना ने क्लैट में 2203 वी रैंक पाई है। उन्होंने हाईस्कूल सेंट मारिया गोरेटी से और इंटरमीडिएट की परीक्षा जीआरएम स्कूल से पास की। बारहवीं में वह साइंस स्ट्रीम की स्टूडेंट रही। क्लैट परीक्षा देने की वजह विधि की ओर रुझान बताया। मयूरी ने कहा कि कई केसों में फैसले होने में कई वर्ष लग जाते हैं। वह इसमें सुधार चाहती है। उनके पित अनूप सक्सेना रेलवे स्कूल में शिक्षक हैं और मां योगिता सक्सेना जीजीआइसी में मैथ की प्रवक्ता है।

करीब ढाई सौ बच्चों ने दी थी क्लैट परीक्षा

क्लैट की परीक्षा जिले में 28 सितंबर को श्री सिद्धि विनायक इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुई थी। दो पालियों में हुई परीक्षा में करीब 250 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। सोमवार शाम को उसका परिणाम आ गया है।


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