सिविल कोर्ट ने निदा को तलब किया
शरीयत के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं को भड़काने, अनर्गल बयानबाजी से शहर के अमन पहुंचाने के आरोप में सिविल जज जूनियर डिवीजन ने तलब किया।
जासं, बरेली : शरीयत के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं को भड़काने, अनर्गल बयानबाजी से शहर के अमन को नुकसान पहुंचाने के आरोप में सिविल जज जूनियर डिवीजन (शहर) मृत्युंजय श्रीवास्तव ने निदा खान को आगामी 13 अगस्त को कोर्ट में तलब किया है। महिला जन कल्याण सोसायटी की अध्यक्ष रीना खान व हजियापुर की शिम्मी खान ने कोर्ट में दावा दायर करने की अनुमति मांगी थी। जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। दावे में कहा गया है कि निदा शीरान मामले को लेकर शरीयत के खिलाफ बयानबाजी कर रही है। मुस्लिम महिलाओं को भड़का रही हैं। आए दिन ऐसी खबरों से शहर की शांति व्यवस्था खतरे में पड़ गई है। निकाह, हलाला को लेकर शहर भर में फब्तियां कसी जा रही हैं। इससे लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। दावे में कहा गया कि निदा बगैर किसी शरई जानकारी के बयानबाजी कर रही हैं। इससे सामाजिक विघटन के हालात पैदा हो गए हैं। सोसायटी ने कोर्ट से इजाजत मांगी है कि मामला सार्वजनिक हित का है। लिहाजा दावा दायर करने की अनुमति दी जाए। साथ ही निदा को स्थाई तौर पर शरीयत के खिलाफ बयानबाजी से रोका जाए। ताकि मुस्लिम समाज प्रभावित न हो।
--फरहत ने फैमिली कोर्ट में केस ट्रांसफर करने की लगाई अर्जी : फरहत नकवी ने अपने पूर्व शौहर रेहान से बीस हजार रुपये महीना गुजारा भत्ता की मांग करते हुए कोर्ट में अर्जी लगाई थी। गुरुवार को रेहान ने यह केस फैमिली कोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका दायर की है। बहरहाल अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त तय कर दी है।
फरहत ने अपनी अर्जी में बेटी की पढ़ाई का हवाला दिया था। उन्होंने लिखा कि बेटी की पढ़ाई का एक महीने का खर्च करीब दस हजार रुपये आता है। जबकि अभी जो गुजारा भत्ता मिल रहा है, वो नाकाफी है। फरहत ने पिछले 10-11 माह से गुजारा भत्ता न दिए जाने पर अदालत से रेहान के खिलाफ वारंट जारी करने की मांग की है। गुरुवार को दोनों पक्षों के वकील ने अपने केस की पैरवी की।
--तीन बच्चे भी तो पढ़ाते हैं : मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी ने कोर्ट से इतर अपने पूर्व शौहर रेहान के बारे में कहा कि दूसरी बीवी से उनके तीन बच्चे हैं। वह सभी को अच्छे स्कूल में पढ़ा रहे हैं। मगर अपनी पहली बेटी की अच्छी तालीम की जिम्मेदारी से क्यों पीछे हट रहे हैं।