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Chinmayanand Case : सीजेएम ने खारिज की छात्रा की अर्जी, कहा- उप‍स्थ‍िति के नियम में छूट दिलाना अधिकार क्षेत्र में नहीं Shahjahanpur News

चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग की आरोपित एलएलएम छात्र के वकील ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ओमवीर सिंह की कोर्ट में मंगलवार को प्रार्थना पत्र दिया।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 09:55 AM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 08:09 PM (IST)
Chinmayanand Case : सीजेएम ने खारिज की छात्रा की अर्जी, कहा- उप‍स्थ‍िति के नियम में छूट दिलाना अधिकार क्षेत्र में नहीं  Shahjahanpur News
Chinmayanand Case : सीजेएम ने खारिज की छात्रा की अर्जी, कहा- उप‍स्थ‍िति के नियम में छूट दिलाना अधिकार क्षेत्र में नहीं Shahjahanpur News

जेएनएन, शाहजहांपुर : पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग के आरोप में जेल में बंद छात्रा के एलएलएम की परीक्षा के लिए विश्वविद्यालय के उपस्थिति नियम में छूट दिलाने संबंधी प्रार्थना पत्र को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ओमवीर सिंह ने खारिज कर दिया है। उन्होंने इसे अपने क्षेत्राधिकार से बाहर का मामला बताया है।

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मंगलवार को छात्रा के वकील कलविंदर सिंह ने सीजेएम को छात्रा की ओर से प्रार्थना दिया था। जिसमें बताया था कि रुहेलखंड विश्वविद्यालय में परीक्षा देने की अनुमति उसे ही मिलेगी, जिसकी 75 फीसद उपस्थिति होगी। जेल में बंद होने के कारण छात्रा कक्षा में नियमित रूप से नहीं जा सकी, जिस कारण उसकी उपस्थिति काफी कम है। उसे 26 नवंबर से शुरू हो रही एलएलएम तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा देने के लिए इस नियम में छूट दिलाई जाए। बुधवार को सीजेएम ने इस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। छात्रा के वकील अब इस संबंध में जिला जज की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दे सकते हैं। 

परीक्षा की अनुमति के लिए दिया जाएगा प्रार्थनापत्र

ब्लैकमेलिंग मामले में एसआइटी ने छात्रा को 25 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। तब से वह जेल में है। ऐसे में उसे 26 नवंबर से होने वाली एलएलएम की परीक्षा देने जाने के लिए कोर्ट के आदेश की जरूरत होगी, जिसके लिए उसकी ओर से एक और प्रार्थना पत्र सीजेएम कोर्ट में दिया जाएगा। 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कराया प्रवेश

छात्रा एसएस कॉलेज से एलएलएम की पढ़ाई कर रही थी।  चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए वीडियो वायरल करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शासन को छात्रा का प्रवेश किसी अन्य कालेज में कराने के आदेश दिए थे। जिसके बाद रुहेलखंड विश्वविद्यालय में उसका प्रवेश कराया गया था।  

न जारी करें बयान की कॉपी

अधिवक्ता कलविंदर सिंह ने सीजेएम के सामने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी भी सौंपी। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने सात नवंबर को छात्र के 164 के बयान की कॉपी चिन्मयानंद पक्ष को उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। छात्र की रिट पर सुप्रीम कोर्ट ने 15 नवंबर को हाईकोर्ट के आदेश पर स्थगन का आदेश दे दिया है। ताकि बयान की कॉपी किसी को भी न जारी की जाए।


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