बरेली में केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ने की आत्महत्या
शास्त्रीमार्केट में दवा के थोक कारोबारी और बरेली मंडल केमिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश ओबराय ने मंगलवार देर शाम मालगाड़ी के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। घटनास्थल पर उनके शरीर के टुकड़े दूर तक बिखरे मिले। मोबाइल फोन के जरिये स्वजनों को रात करीब नौ बजे कारोबारी की मौत के बारे में बताया।
बरेली, जेएनएन: शास्त्रीमार्केट में दवा के थोक कारोबारी और बरेली मंडल केमिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश ओबराय ने मंगलवार देर शाम मालगाड़ी के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। घटनास्थल पर उनके शरीर के टुकड़े दूर तक बिखरे मिले। मोबाइल फोन के जरिये स्वजनों को रात करीब नौ बजे कारोबारी की मौत के बारे में बताया।
प्रेमनगर के विष्णु सागर आवास कालोनी में राजेश ओबराय परिवार संग रहते थे। उनके दो बेटे गर्भित, हर्षित एवं एक बेटी हिमांगी है। बेटी की शादी हो चुकी है। स्वजन के मुताबिक, राजेश बीते तीन साल से बीमारी से जूझ रहे थे। उनकी बाइपास सर्जरी भी हो चुकी थी। स्वास्थ्य खराब रहने एवं व्यापार में नुकसान के चलते वह मानसिक तनाव में रहते थे। मंगलवार शाम पांच बजे घर से निकलने से पहले पत्नी रेखा से उन्होंने कहा कि जरूरी काम खत्म करके वापस आता हूं। लोगों ने उन्हें सड़क पर आकर ई-रिक्शा पर बैठते हुए देखा। रात करीब साढ़े आठ बजे पुलिस के फोन से जानकारी मिली कि बाकरगंज क्रासिग के पास मालगाड़ी के सामने आकर युवक के जान दी है। उन्हें शिनाख्त के लिए बुलाया गया। दोनों बेटों ने मौके पर पहुंचकर बिखरे हुए सामान से पहचान की। थोड़ी देर में केमिस्ट एसोसिएशन के दुर्गेश खटवानी, विजल मूलचंदानी समेत दवा कारोबारी उनके घर पहुंचने लगे। गार्ड बचाने के लिए दौड़ा लेकिन, कूद गए राजेश
राजेश ट्रेन के आगे कूदने से पहले दो से तीन बार ठिठके थे। क्रासिग के पास खड़े गार्ड ने राजेश के इरादों को समझ लिया था। वह राजेश को बचाने के लिए दौड़ा लेकिन तब तक राजेश ने छलांग लगा दी। सोमवार को ही इरादा बना चुके थे राजेश
राजेश सोमवार को ही खुदकुशी का इरादा बना चुके थे। शास्त्री मार्केट में उनकी राजेश मेडिकोज नाम से दुकान है। दुकान पर काम करने वाले शुमान अली निवासी अशरफ खां छावनी ने बताया कि ठीक एक दिन पहले सोमवार को शाम पांच बजे भी राजेश घर से निकले थे। लेकिन शुमान को देखकर थोड़ा विचार करने के बाद घर के अंदर चले गए थे। शुमान को घर भेज दिया था। हर साल जाते थे वैष्णो देवी, रोज जाते थे गुरुद्वारे
स्वजन के मुताबिक राजेश माता वैष्णो देवी के भक्त थे। हर साल वह दर्शन करने जाते थे। हर रोज वह गुरुद्वारे पर मत्था टेकते। गुरुद्वारे पर मत्था टेकने के बाद ही वह कार्य की शुरुआत करते थे। उनके धार्मिक प्रवृत्ति और सामाजिक सरोकारों से जुड़े होने की वजह से लोग उनका सम्मान करते थे। सीमा विवाद में उलझी रही किला व जीआरपी पुलिस
राजेश की मौत के बाद शव पड़ा रहा। बरेली सिटी जीआरपी इंस्पेक्टर मनोज यादव ने मामले से पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने बरेली जंक्शन जीआरपी की पहले घटना बताई। बाद में किला क्षेत्र की घटना बताई। इस बारे में जब किला इंस्पेक्टर राजकुमार तिवारी से बात की गई तो उन्होंने मामले में किसी भी प्रकार की जानकारी से इन्कार कर दिया। जबकि राजेश से जुड़े लोग किला थाने जाने की बात कहते रहे। किला पुलिस द्वार सूचना दिये जाने की बात कहते रहे। इंस्पेक्टर किला ने इस बात से भी इन्कार किया। हैरत यह सामने आया कि इतने गंभीर मसले में देररात तक टालमटोल चलता रहा।