एयरफोर्स कर्मी एथलीट की कार से लखनऊ गए थे ठग
एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर करोड़ों की ठगी के आरोपितों ने जिस कार का इस्तेमाल किया वह इंटरनेशनल एथलीट इबरार की थी। खेल कोटे में उन्हें एयरफोर्स में नौकरी मिल चुकी इस वक्त कर्नाटक में तैनाती है।
जेएनएन, बरेली: एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर करोड़ों की ठगी के आरोपितों ने जिस कार का इस्तेमाल किया, वह इंटरनेशनल एथलीट इबरार की थी। खेल कोटे में उन्हें एयरफोर्स में नौकरी मिल चुकी, इस वक्त कर्नाटक में तैनाती है। पुलिस ने उनसे पूछताछ की, मगर घटना में कोई संलिप्तता नहीं पाए जाने पर छोड़ दिया। मूलरूप से प्रतापगढ़ निवासी इबरार की कार लखनऊ में उनका साला मुजाहिद चलाता है। 14 दिसंबर को इबरार छुटटी पर आए हुए थे। उसी दौरान जस्ट डायल के जरिये सचिन ने नंबर लिया और बुकिंग कराई। बताया कि बरेली में रिश्तेदार हैं, उनके नाती-नातिन को प्रवेश के लिए लखनऊ तक लाना है। उस दिन मुजाहिद के न होने पर इबरार खुद ही कार लेकर बरेली आए और सचिन व अन्य को लखनऊ तक ले गए। इसके बदले उन्हें किराये के 15 हजार रुपये मिले। उस दिन बाद से किसी से कोई संपर्क नहीं हुआ। प्रकरण की जांच कर रही नोएडा पुलिस को भी यही बयान दिए गए। प्रकरण में मुकदमा दर्ज कराने वाले गोवर्धन लाल श्रीवास्तव ने भी पुलिस को बताया कि लखनऊ नंबर की कार लेने आई थी। नोएडा से सचिन व दो अन्य आरोपित पहले ही उनके पास बरेली पहुंच चुके थे। रुपयों का इंतजाम होने के बाद वे उसी कार से लखनऊ फिर दूसरे वाहन से प्रयागराज तक ले गए।
यह था मामला
एमबीबीएस में प्रवेश के नाम पर ठगी का मामला 19 फरवरी को सामने आया था। करगैना निवासी रिटायर्ड शिक्षक गोवर्धन लाल श्रीवास्तव ने थंब टॉवर सेक्टर नंबर 62 नोएडा के सचिन, पंकज खटिक, आदेश, वीरेंद्र, प्रयागराज के डॉ. हर्षवर्धन, डॉ. एसके शर्मा व दो अज्ञात पर 34 लाख की ठगी का मुकदमा दर्ज कराया। बताया कि नाती-नातिन का प्रवेश कराने के नाम पर आरोपितों ने फोन किया। इसके बाद प्रयागराज लेकर जाकर काउंसिलिंग का नाटक किया, जिसमें दो डाक्टर भी शामिल हैं। बाद में आरोपितों ने संपर्क करना बंद कर दिया।
इसी मामले में नोएडा सेक्टर-58 थाने में वार्ड-12 फर्रुखनगर गुरुग्राम के रहने वाले प्रदीप रईया, पहला पुस्ता साठ फुटा रोड मोलरबंद विस्तार बदलपुर दिल्ली के सुरेंद्र कुमार चौहान, भोलेपुर अंबेडकरनगर कॉलोनी फतेहगढ़ फर्रुखाबाद के अनिल कुमार गुप्ता, नेलोर आंध्रप्रदेश के अंबरकर वसमी व दिल्ली के रोहिणी के सुरेश कुमार भी आरोपितों पर इसी तरह की ठगी की रिपोर्ट दर्ज करा चुके हैं। आदर्श, काव्या, धनजंय मिश्रा, शशांक मिश्रा का भी ठगी प्रकरण में नाम सामने आया।
कानपुर जेल में है बंद है दूसरा आरोपित
जांच में पता चला कि ठगी का दूसरा प्रमुख आरोपित आदेश आठ मार्च से कानपुर जेल में बंद है। उस पर भी धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। अब सुभाषनगर पुलिस कानपुर पुलिस से संपर्क कर जानकारी जुटाएगी।
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ठग गिरोह को पकड़ने के लिए सीओ के निर्देशन में हर बिंदु पर जांच की जा रही है। कुछ अहम साक्ष्य मिले हैं।
- रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी