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Chandrayaan-2 : ISRO वैज्ञानिकों को शहर का सलाम... हमें आप पर गर्व है Bareilly News

भले ही चांद पर उतरने से पहले लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया मगर प्रोफेसर चंद्रयान-टू को सफल मिशन ही मान रहे हैं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 08:45 AM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 08:45 AM (IST)
Chandrayaan-2 : ISRO वैज्ञानिकों को शहर का सलाम... हमें आप पर गर्व है Bareilly News
Chandrayaan-2 : ISRO वैज्ञानिकों को शहर का सलाम... हमें आप पर गर्व है Bareilly News

बरेली, जेएनएन : वैज्ञानिक और उनके मिशन को लेकर देश में ऐसी दीवानगी शायद पहली बार नजर आई। भले ही चांद पर उतरने से पहले लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया मगर, प्रोफेसर चंद्रयान-टू को सफल मिशन ही मान रहे हैं। वह इसलिए, क्योंकि इस प्रयास में हमारा देश चांद से दो किमी दूर तक पहुंच गया। शनिवार को स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी से लेकर सोशल मीडिया तक वैज्ञानिकों की चर्चा रही। उन्हें बधाई और सलाम किया जाता रहा। हर खास-ओ-आम उनके संघर्ष को सराहते हुए साथ खड़ा नजर आ रहा है। इस जज्बे के साथ कि संपर्क टूटा है-हौसला नहीं। फिर प्रयास करेंगे। हम होंगे कामयाब.. एक दिन।

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एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग विभाग के डीन रहे प्रो. एके गुप्ता के मुताबिक चंद्रयान-टू का ऑर्बिटर वहीं घूमकर अपना काम करता रहेगा। वह अगले साल भर तक चांद की पांच मीटर की सतह तक की तस्वीर और सूचनाएं भेजता रहेगा। इस लिहाज से यह मिशन 95 फीसद सफल रहा। इसे असफल नहीं मान सकते। वह समझाते हैं कि लैंडर में क्या दिक्कत आई। यह सूचना भी ऑर्बिटर के माध्यम से सामने आ जाएगी।

क्या बोले प्रोफेसर 

वैज्ञानिकों के प्रयास निश्चित ही सराहनीय है। ऐसे मिशन में सफलता के आसार 50-60 फीसद ही रहते हैं। हम अंतिम क्षण में चूके हैं। इसलिए हमारे नजरिये से यह मिशन सफल रहा है। इसके लिए वैज्ञानिकों को बधाई। -डॉ. वीपी सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर फिजिक्स, बरेली कॉलेज

पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से हमारा मिशन गया। अभी चंद्रयान से हमारा संपर्क ही टूटा है, मगर वो होगा तो वहीं ही। आज हम वहां तक पहुंचे हैं। एक दिन सफलता भी मिलेगी। हम इसे सफल मिशन मानते हैं। -डॉ. अजय यादव, एसोसिएट प्रो. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग रुविवि

दक्षिण ध्रुव तक पहुंचना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। ऑर्बिटर अभी संदेश दे ही रहा है। लैंडर जहां उतरना था। वहां कैसी स्थिति है अब यह भी हम जान जाएंगे। -डॉ. मनोज कांडपाल, पूर्व प्रवक्ता बरेली कॉलेज

वैज्ञानिकों ने देश की शान बढ़ाई है। यह बड़ी उपलब्धि है। इसे असफल नहीं माना जा सकता। हमें वहां की अहम सूचनाएं और तस्वीरें अभी मिलती रहेंगी। -डॉ. इकबाल हबीब, प्राचार्य राजकीय डिग्री कॉलेज फरीदपुर

विक्रम लैंडर से हमारा संपर्क टूट गया और उसकी सॉफ्ट लैं¨डग नहीं कर पाए। इसरो के वैज्ञानिकों ने जी जान से कोशिश की। वह बधाई के पात्र है। अगली बार दोगुने उत्साह से फिर कोशिश करेंगे। यही विज्ञान है। इसरो के प्रति हर हिंदुस्तानी के दिल में सम्मान बढ़ा है। - डॉ. आरिफ नदीम, एसोसिएट प्रोफेसर बरेली कॉलेज

छात्रों ने कहा 

वैज्ञानिकों ने भारत को गौरवान्वित किया है। आज पूरा देश इसरो पर गौरवान्वित है। -पुष्पेंद्र कुमार, छात्र

वैज्ञानिकों ने अपना सौ फीसद दिया। हम सफल भी हुए। अंतिम क्षण में हार-हार नहीं होती है। - आलोक चंद्रा, छात्र

आज पूरा देश वैज्ञानिकों की सफलता का जश्न मना रहा है। असफलता का किसी को मलाल नहीं है। वैज्ञानिकों को ऐसा ही समर्थन चाहिए। - लव तिवारी, छात्र

मेरे हिसाब से यह मिशन सफल रहा। इस उपलब्धि के लिए वैज्ञानिकों को बधाई। हमारा ऑर्बिटर अभी वहां से लगातार सूचनाएं भेजता रहेगा। इससे हमें वहां की स्थिति समझने में सफलता मिलेगी। -प्रो. एके जेटली, रुविवि

हमारे देश के वैज्ञानिकों ने चांद के करीब तक अपने चंद्रयान को पहुंचा दिया। यह उपलब्धि किसी से कम नहीं। हम सभी को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है। पूरा भरोसा है कि जल्द ही हमारा देश चांद पर होगा। -डॉ. सौरभ गोयल


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