नए साल में रेडीमेड कपड़ेे खरीदना हो जाएगा महंगा, आनलाइन कारोबार पर भी पड़ेगा असर, जानें वजह
GST on Readymade Garments कोरोना और महंगाई की मार से अभी आम आदमी उबर भी नहीं पाए थे। अब केंद्र सरकार ने कपड़े पर जीएसटी की दरें 5 से बढ़ाकर 12 फीसद करने की तैयारी कर दी है। नई दर एक जनवरी 2022 से लागू होगी।
बरेली, जेएनएन। GST on Readymade Garments : कोरोना और महंगाई की मार से अभी आम आदमी उबर भी नहीं पाए थे। अब केंद्र सरकार ने कपड़े पर जीएसटी की दरें 5 से बढ़ाकर 12 फीसद करने की तैयारी कर दी है। नई दर एक जनवरी 2022 से लागू होगी। इस समय व्यापारी हो या आम जनमानस सभी महंगाई की मार से परेशान हैं। कोरोना पर नियंत्रण के बाद व्यापार धीरे धीरे पटरी पर लौट रहा है।
ऐसे में कपड़ों पर जीएसटी बढ़ाने से व्यापारियों व ग्राहकों की मुश्किलें बढ़ेंगी। कारोबारियों का कहना है कि इस समय सरकार को व्यापारियों के साथ खड़ा होना था। वह व्यापारियों को किसी तरह की सहूलियत ना दे पाते पर जीएसटी में वृद्धि से उनका व्यापार पर असर पड़ेगा। टेक्सटाइल और सूती कपड़े पर जीएसटी की मार पड़ी है। जिससे आम आदमी को भी दिक्कतों का सामना करना होगा आम आदमी इस समय खाद्य पदार्थों पर महंगाई की मार झेल रहा है।
पीलीभीत के कपड़ा व्यापारी प्रदीप ने बताया कि कपड़े पर जीएसटी में वृद्धि से आम आदमी पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। छोटे व्यापारी को बहुत ज्यादा नुकसान होगा। उनका व्यापार बहुत ज्यादा प्रभावित हो जाएगा। उपभोक्ता को भी महंगाई की मार देनी पड़ेगी जिससे व्यापार प्रभावित होगा। कपड़ा व्यापारी दीपक गुप्ता का कहना है कि अभी तक कपड़े पर 5 वर्ष है जीएसटी है शादी विवाह में बिकने वाले लहंगे पर 8% जीएसटी है सरकार कपड़े पर 12% जीएसटी करने और लहंगे पर 17 पर्सेंट जीएसटी करने का प्लान बना रही है जिससे व्यापारी के साथ आम उपभोक्ता को भी परेशानी होगी।
स्थानीय निवासी रचना आनंद का कहना है कि महंगाई की वजह से रसोई का बजट पहले ही गड़बड़ा गया। इस समय खाने की सारी चीजें बहुत ज्यादा महंगी है अब कपड़े पर महंगाई से आम आदमी की कमर ही टूट जाएगी।महिला नेहा भसीन ने बताया कि सरकार द्वारा कपड़े पर जीएसटी की दर में इजाफा करने से कपड़ा महंगा हो जाएगा। इस समय आम आदमी वैसे ही महंगाई से परेशान है।