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Lockdown Politics : नए रोडमैप पर दौड़ेगा कारोबार, उद्यमियों से प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा बोले- मुस्कुराइए, आप बरेली में हैं Bareilly News

प्रभारी मंत्री ने भरोसा दिया कि उद्यम का पहिया विकास के मार्ग पर खूब दौड़ेगा। थोड़ा सब्र करें। लॉकडाउन के बाद उद्यम संचालन का नया रोडमैप तैयार किया जा रहा।

By Ravi MishraEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 09:16 AM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 05:34 PM (IST)
Lockdown Politics : नए रोडमैप पर दौड़ेगा कारोबार, उद्यमियों से प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा बोले- मुस्कुराइए, आप बरेली में हैं Bareilly News
Lockdown Politics : नए रोडमैप पर दौड़ेगा कारोबार, उद्यमियों से प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा बोले- मुस्कुराइए, आप बरेली में हैं Bareilly News

बरेली, जेएनएन। लॉकडाउन का पालन और सख्त निगरानी का परिणाम है कि जिला कोरोना मुक्त घोषित कर दिया गया। अब अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद है। मौजूदा वक्त में उद्यम संचालन को लेकर कुछ परेशानियां हैं तो लॉकडाउन के बाद क्या स्थिति बनेगी, इस पर असमंजस भी। शहर के उद्यमियों के दिमाग में कई सवाल उठ रहे, जिन्हें दैनिक जागरण ने ऑनलाइन संवाद के जरिये प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा तक पहुंचाया। वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये उद्यमियों ने उसने अपनी हर समस्या साझा की, सुझाव भी दिए। प्रभारी मंत्री ने भरोसा दिया कि उद्यम का पहिया विकास के मार्ग पर खूब दौड़ेगा। थोड़ा सब्र करें। लॉकडाउन के बाद उद्यम संचालन का नया रोडमैप तैयार किया जा रहा।

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मुस्कुराइए, आप बरेली में हैं

उद्यमियों के सुझाव, समस्याएं सुनने के बाद प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अपनी बात की शुरुआत इस अंदाज में की.. ‘मुस्कुराइए, आप बरेली में हैं। क्योंकि, यहां के प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर सराहनीय काम किया। जिस अधिकारी, कर्मचारी को जो जिम्मेदारी दी गई उसे भली प्रकार निभाया गया। शहर के लोगों ने भी सहयोग किया। उद्यमी व्यवस्था बनाने में भागीदार बने। अभी भी सतर्क रहने का समय है।’

ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए बड़ी चुनौती: सचिन भसीन

सचिन हुंडई के प्रबंध निदेशक सचिन भसीन ने कहाकि इस वक्त ऑटोमोबाइल सेक्टर पर बड़ी चुनौती है क्योंकि दो-तीन महीने बाद यह बाजार उठ पाएगा। कर्मचारियों का वेतन आदि दे रहे हैं। ऐसे में सरकार इस सेक्टर के लिए आर्थिक मदद करे ताकि मौजूदा वक्त से पार पाया जा सके।

रिटेल बाजार की स्थिति स्पष्ट की जाए: विभोर गोयल

अशोक फोम्स के विभोर गोयल ने कहा कि लॉकडाउन सभी के हित में है, पूरी तरह पालन कर रहे। इसके बाद रिटेलर्स को कैसे काम करना है, इस पर अभी प्लान बना लिया जाए तो बेहतर रहेगा। बड़े पैमाने पर रिटेल इंडस्ट्री इस इंतजार में है कि सरकार उनके लिए क्या सोच रही।

कर्मचारियों की जांच पर विचार किया जाए : सुरेश सुंदरानी

उद्यमी सुरेश सुंदरानी ने कहा कि छोटी फैक्टियों में 50-50 स्क्वायर मीटर पर कर्मचारी काम करते हैं इसलिए वहां शारीरिक दूरी का पालन खुद ही हो जाता है। लघु एवं मध्यम उद्यम संचालन में सरकार मदद करे। कर्मियों की जांच का जिम्मा फैक्ट्री संचालकों पर न डालें। ये काम वे खुद या स्वास्थ्य विभाग करे।

श्रमिकों के लिए वाहन की व्यवस्था हो: पीयूष अग्रवाल

आइआइए की स्थानीय इकाई के अध्यक्ष पीयूष अग्रवाल ने कहा कि लघु उद्योगों के 80 फीसद श्रमिक दूसरे स्थानों से आते हैं। उनके रहने-खाने या वाहन से आवाजाही का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा। बेहतर हो कि सरकार इसमें मदद करे। वर्तमान समय में उद्यम संचालन चुनौतीपूर्ण है।

उद्यमियों को दिया जाए तैयारी का मौका: आदित्यमूर्ति

एसआरएमएस के प्रशासनिक निदेशक आदित्यमूर्ति ने कहा कि लॉकडाउन के बाद उद्यम कैसे चलाने हैं, इसकी गाइड लाइन दे दी जाए। ताकि उद्यमी अपने स्तर से तैयारी करके रखें। माइक्रो प्लान पहले बनाकर रखेंगे तो आगे जाकर इकाई का संचालन करने में सहजता होगी।

शिक्षक स्कूल में और बच्चे रहें घर में: राजेश गुप्ता

उद्यमी एवं स्कूल संचालक राजेश गुप्ता ने कहा कि अभी और कुछ समय बाद तक ऑनलाइन कक्षाएं ही चलाएंगे। मगर, शिक्षकों को स्कूल आने की छूट दी जाए। वे यहां से ऑनलाइन सिस्टम के जरिये घर बैठे बच्चों को पढ़ाएंगे तो व्यवस्थित रहेंगे। विद्यालय प्रबंधन से जुड़े काम भी हो सकेंगे।

लॉकडाउन का पालन जरूरी, उद्यम का भी ध्यान रहे: दिनेश गोयल

उद्यमी दिनेश गोयल ने कहा कि लॉकडाउन का पालन करने में उद्यमी अपनी पूरी जिम्मेदारी निभा रहे। अब जो उद्यम शुरू किए गए हैं, उनमें नियमों का पूरी तरह पालन किया जा रहा। सरकार उद्यमियों का ध्यान रखे क्योंकि आने वाले वक्त में कई चुनौतियां होंगे।

छोटे उद्योगों को मदद की जरूरत: घनश्याम खंडेलवाल

बीएल एग्रो के एमडी घनश्याम खंडेलवाल ने मंत्री से कहाकि मध्यम उद्यम शारीरिक दूरी का पालन कर रहते हुए चलाए जा रहे। वहां ज्यादा दिक्कत नहीं है। मगर छोटी इकाइयों में श्रमिकों के प्रबंधन में दिक्कत आ रही। नए नियमों के बीच उद्योग चलाने में आर्थिक चुनौतियां भी हैं। बेहतर हो कि सरकार इनकी मदद के लिए आगे जाए। उत्पादन की खपत कहा हो, इस पर भी विस्तार से विचार हो। दूसरे राज्यों के कर्मचारी काम पर वापस आना चाहते हैं।

लॉकडाउन का पालन जरूरी है इसलिए ऑनलाइन शिक्षा शुरू हो गई है। इसका विस्तृत स्वरूप तैयार हो जाए तो सहजता रहे। -मुकेश गुप्ता, चेयरमैन, फ्यूचर ग्रुप

मध्यम व लघु उद्योगों के लिए टैक्स आदि में कुछ समय के शिथिलता दी जाए। इससे वे मौजूदा हालात से उबर सकेंगे। -राजेंद्र गुप्ता, प्रदेश महामंत्री, उद्योग व्यापार मंडल

सुझाव नोट किए, जल्द होगा समाधान: श्रीकांत शर्मा ने उद्यमियों से कहा कि आपके सुझाव अर्थव्यवस्था सुधारने में मददगार साबित होंगे। प्रत्येक सुझाव को नोट किया गया है। दो-तीन दिन में समस्याओं का निराकरण होगा, सुझाव को रोडमैप में शामिल किया जाएगा।

डीएम भी रहे शामिल

ऑनलाइन संवाद में डीएम नितीश कुमार भी शामिल रहे। मंत्री से बात कर रहे उद्यमियों की समस्याओं और सुझावों को समझा।

औद्योगिक क्षेत्र पर ए‍क नजर  

बरेली जिले में- परसाखेड़ा, भोजीपुरा, रजऊ और फरीदपुर।

182 इकाइयां हैं परसाखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में।

100 इकाइयां रजऊ और फरीदपुर औद्योगिक क्षेत्र में हैं।

40 उद्यम भोजीपुरा औद्योगिक क्षेत्र में चलाए जा रहे।

950 इकाइयां हैं विभिन्न उद्योगों की जिले में

07 हजार से अधिक उद्यमी हैं जिले में

माइक्रो प्लान: उद्यमियों के लिए बताया जाए कि उन्हें लॉकडाउन के बाद किस स्वरूप में काम करना है। ताकि वे अभी से माइक्रो प्लान बना सकें।

तीन के बाद क्या: यदि तीन मई को लॉकडाउन खुलता है तो आगे के नियम क्या होंगे, यह साझा कर लिया जाए ताकि बंदोबस्त हों।

कच्चे माल की आमद: विभिन्न उद्यमों में कच्चे माल की आमद कम है। सुचारू करने के लिए विस्तृत योजना पर काम किया जाएगा।

तैयार माल की खपत: आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन पहले से ही हो रहा। इनकी खपत दूरी राज्यों तक होती थी, उसका रास्ता तैयार हो।

दूसरे राज्य के कर्मचारी: कई फर्मो में दूसरे राज्यों के कर्मचारी भी काम करते हैं। उन्हें यहां तक आने का बंदोबस्त किया जाएगा।

छोटे उद्यमों के लिए नियम सरल हों: जिन इकाइयों में 20-25 कर्मचारी हैं, वहां शारीरिक दूरी भरपूर है। नियम सरल किए जाएं।

कर्मचारियों का आवागमन: इकाइयों में रोकना संभव नहीं हो पा रहा। उनके आवाजाही के लिए सरकारी बसों या अन्य वाहनों का इंतजाम हो।

कर्मचारियों का वेतन: आटोमोबाइल सेक्टर ठप पड़ा है, कर्मचारियों के वेतन मिलता रहे इसके लिए सरकार भी मदद करे।

प्रशासन से कहें या मुझें फोन कर बताएं समस्या

उन्होंने कहा कि समस्या होने पर स्थानीय प्रशासन को अवगत कराएं। मुङो फोन करें, वाट्सएप पर अपनी समस्या बताएं। तुरंत समाधान कराया जाएगा।


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