Business in Corona Era : कोरोना ने ठंडा कर दिया ठंडे का कारोबार, जानिये कितनी हो गई कोल्डड्रिंक और आइसक्रिम की डिमांड
Business in Corona Era जिले में कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम के कारोबार का कोरोना ने इस बार भी ठंडा कर दिया। लोगों के इन उत्पादों से दूरी बना लेने और लॉकडाउन लग जाने से करीब 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो चुका है।
बरेली, जेएनएन। Business in Corona Era : जिले में कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम के कारोबार का कोरोना ने इस बार भी ठंडा कर दिया। लोगों के इन उत्पादों से दूरी बना लेने और लॉकडाउन लग जाने से करीब 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो चुका है। कारोबारी आगे भी इसमें तेजी आने की संभावनाओं से इन्कार कर रहे हैं। जबकि अंतिम मार्च और अक्टूबर तक आइसक्रीम और कोल्डड्रिंक की बंपर डिमांड रहती थी। इन महीनों में ही कंपनियों और डिस्ट्रीब्यूटर्स के साल भर के टारगेट पूरे हो जाते थे।
बीते वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण की मार झेल चुके कोल्डड्रिंक और आइसक्रीम कारोबारी जनवरी से कम हुए संक्रमण के बाद से इस वर्ष अच्छे कारोबार की उम्मीद कर रहे थे। मार्च के अंतिम सप्ताह के बाद से जिले भर की गली मुहल्लों और शहर के प्रमुख क्षेत्रों की दुकानों पर इनकी मांग होने लगी थी। आइसक्रीम की ठेलियां चौराहों से लेकर मुहल्लों तक में लगने लगी थी।
अप्रैल में कोल्डड्रिंक और आइसक्रीम की अच्छी खासी सेल भी हुई। लेकिन अप्रैल के अंतिम सप्ताह से लॉकडाउन शुरू हो गया। इसके बाद से कोल्डड्रिंक और आइसक्रीम सब बंद हो गई। जिले के परसाखेड़ा में एक कोकाकोला की फैक्ट्री भी है, लेकिन इन दिनों उसमें उत्पादन बंद चल रहा है। परसाखेड़ा में ही बाडीलाल आइसक्रीम की भी फैक्ट्री है लॉकडाउन के बाद से यह भी बंद पड़ी है। इनके अलावा अन्य कंपनियों की आइसक्रीम व कोल्डड्रिंक बाहर से आती है, जिनके अलग अलग डिस्ट्रीब्यूटर्स हैं। लॉकडाउन के बाद से वह सभी परेशान हैं।
अप्रैल में ही कम हो गई थी मांग
होली के बाद से जब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आई तो चिकित्सकों ने ठंडा खाने पीने से परहेज रखने की सलाह दी थी। सभी को गुनगुना पानी पीने के लिए ही कहा गया था। इसके चलते भी अप्रैल में कोल्डड्रिंक और आइसक्रीम के कारोबार पर असर पड़ा था। यही वजह है कि कारोबारी और डिस्ट्रीब्यूटर आगे भी इससे बहुत अधिक आस नहीं लगाए हैं।
सहालग भी हो गईं प्रभावित
गर्मियों की सहालग में भी कोल्डड्रिंक और आइसक्रीम दोनों की अच्छी खासी मांग होती है। जिले में एक हजार से अधिक शादियां थी, जिनके लिए आर्डर लगे हुए थे, लेकिन अब कुछ टल गईं तो कुछ ने साधारण कार्यक्रम कर विवाह कर लिया। ऐसे में आइसक्रीम और कोल्डड्रिंक के आर्डर का भी नुकसान हुआ।
डिस्ट्रीब्यूटर्स और कंपनियों के लोगों की बात
कोल्डड्रिंक का काम काफी प्रभावित है। पिछले साल भी डिस्ट्रीब्यूटर को काफी चोट बैठी थी, इस बार भी सभी चिंता में हैं। जिले भर में 15 से 20 डिस्ट्रीब्यूटर हैं। सभी को मिलाकर हर दूसरे दिन 20 से 30 गाड़ी माल की खपत रहती थी। अब तक सभी को मिलाकर 35-30 करोड़ का नुकसान हो चुका होगा।- कबीर खान, डिस्ट्रीब्यूटर
डिमांड कुछ नहीं है। सवा लाख केस प्रति माह निकलते थे, लेकिन अब तो फैक्ट्री ही बंद है। पिछले साल भी ऐसा ही हुआ और इस बार भी। बीते साल तो कुछ माल निकला भी था, लेकिन इस बार पूरी तरह चोक है। - अनिल सिंह, एच आर मैनेजर, कोकाकोला
सब बंद पड़ा है कोई लेने वाला ही नहीं है। एक भी आर्डर नहीं है। कोरोना के चलते लोगों ने कोल्डड्रिंक की तरफ रुझान कम कर दिया, अब पानी और जूस ही बिक रहा। - अंकित ढींगरा, डिस्ट्रीब्यूटर, पेप्सी
बहुत हालत खराब है। फैक्ट्री, मशीन बंद हुए 20 दिन से ज्यादा हो गए। गाड़ियां सब खड़ी करा दी है। जिनके पास माल है वह इधर उधर गली या घर में खड़े हैं। आइसक्रीम कारोबार को इस बार बड़ी चपत लगी है। - दिनेश सिंह, एचआर, द वाडीलाल आइसक्रीम