बरेली में बस ऑपरेटर ऑल इंडिया परमिट की उड़ा रहे धज्जियां, लगा रहे राजस्व को चूना, पार्टी परमिट पर दौड़ा रहे प्राइवेट बसें
रोडवेज बसों व ट्रेनों का परिचालन सीमित दायरे में होने का फायदा निजी बस संचालकों ने खूब उठाया। आल इंडिया परमिट के सहारे नियमों की अनदेखी कर निजी बस संचालक पार्टी (यात्रियों का समूह) की जगह बसों में अलग-अलग सवारियां ढो रहे हैं।
बरेली, जेएनएन। : रोडवेज बसों व ट्रेनों का परिचालन सीमित दायरे में होने का फायदा निजी बस संचालकों ने खूब उठाया। आल इंडिया परमिट के सहारे नियमों की अनदेखी कर निजी बस संचालक पार्टी (यात्रियों का समूह) की जगह बसों में अलग-अलग सवारियां ढो रहे हैं।
जिले से जयपुर, सहारनपुर, मेरठ, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश के लिए निजी बसें प्रतिदिन सवारियां ढोने का काम करतीं हैं। जिनसे परिवहन विभाग को लाखों का चूना लग रहा है। इसके बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि प्रदेश सरकार ने बीते दिनों डग्गामार वाहनों के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश भी दिए थे। कुछ दिन अभियान चलाने के बाद कार्य कि इतिश्री कर दी गई। ऐसे में अब निजी बस संचालकों ने एक तरीका निकाल लिया है। वह पार्टियां एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए आल इंडिया परमिट ले रहे हैं और पार्टी की जगह सवारियां ढोने का काम शुरू कर दिया है। बरेली से जयपुर के लिए रोजाना 30 से अधिक निजी बसें सवारियां ढो रही हैं। त्योहारों में इनका व्यापार और बढ़ जाता है। अधिकांश रूट पर सूर्यास्त के बाद इनका नेटवर्क शुरू होता है और अगली सुबह तक चलता रहता है।
बना रखे हैं बुकिंग प्वाइंट
शहर में मधुवन टाकीज के पास नई दिल्ली समेत अन्य मार्गों के लिए बसों की बुकिंग की जाती है। जबकि बरेली से जयपुर, राजस्थान आदि के लिए बरेली कालेज पूर्वी गेट श्यामगंज पर कई बुकिंग प्वांइट बना रखे हैं। इसी प्रकार नरियावल, फरीदपुर, बीसलुपर, नवाबगंज, बहेड़ी, रिठौरा, सितारगंज, पीलीभीत, पूरनपुर, हाफिजगंज, खटीमा समेत अन्य जगहों पर बुकिंग प्वाइंट बना रखे हैं। जहां पर नगद भुगतान कर आफलाइन बुकिंग की जाती है। जबकि कई ट्रैवल्स आनलाइन बुकिंग का काम कर रहे हैं।
रोडवेज बस अड्डों से उठाते हैं सवारियां
पार्टी परमिट वाली बसों में केवल सवारियां किसी निश्चित जगह ही नहीं बल्कि रोडवेज बस अड्डों के बाहर से भी बैठाई जाती है। इसके लिए बस अड्डे से 70 मीटर की दूरी पर बस को खड़ा कर उसमें सवारी भरने का काम किया जाता है। जिसे रोडवेज व परिवहन विभाग के अधिकारी देखकर भी अनदेखा कर देते हैं।
नहीं होती कार्रवाई
ऐसा नहीं है कि आरटीओ व संबधित विभागों के अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन नियमों के विरुद्ध सवारियां ढोने वाले निजी बस संचालकों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं होती है।
पार्टी परमिट पर सवारियां ढोना गलत है, जिसके खिलाफ लगातार अभियान समय-समय पर चलाया जाता है। जिले में ऐसे वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी। - दिनेश कुमार, आरटीओ प्रवर्तन