उम्मीदों की ट्रेन चली ़ ़ ़मगर धीरे-धीरे
जागरण संवाददाता, बरेली : आम बजट भले ही तमाम वर्गो के लिए हाईस्पीड है लेकिन रेलवे के लिए बजट की
जागरण संवाददाता, बरेली : आम बजट भले ही तमाम वर्गो के लिए हाईस्पीड है लेकिन रेलवे के लिए बजट की रफ्तार किसी धीमी रफ्तार की मालगाड़ी से ज्यादा नहीं। रेलवे से जुड़े विशेषज्ञ बताते हैं कि इस बजट में न रेलगाड़ी पर सफर करने वालों के लिए कुछ नया है और न ही देश के सबसे बड़े महकमे में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए कोई सौगात। खासकर न्यू पेंशन स्कीम समाप्त करने की मांग, न्यूनतम वेतन एवं फिटमेन्ट फार्मूल में सुधार की मांग को दरकिनार किए जाने से रेलवे कर्मचारियों को खास तौर पर निराशा हुई है। उनका कहना है कि महज बीते कुछ सालों की उपलब्धियों को पैकेजिंग कर साढ़े 64 हजार के बजट में परोसा गया है।
पूर्वोत्तर रेलवे को 2674 करोड़
रेलवे के कुल बजट में से करीब 2673.62 करोड़ रुपये पूर्वोत्तर रेलवे के हिस्से आए हैं। इसमें नई लाइन निर्माण के लिए 426.4 करोड़, आमान परिवर्तन के लिए 255 करोड़, दोहरीकरण के लिए 902 करोड़, यातायात सुविधा के लिए 74.58 करोड़, आरओबी और आरयूबी के लिए 215 करोड़, ट्रैक नवीनीकरण के लिए 396 करोड़, यात्री सुविधाओं के लिए 187 करोड़ रुपये बजट में हैं। चूंकि, इज्जतनगर मंडल पूर्वोत्तर रेलवे में है। इसके अलावा तमाम अपलाइन की ट्रेन इस ओर से आती हैं। ऐसे में शहर के मुसाफिरों को इससे फायदा पहुंचेगा।
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बजट में कर्मचारियों की सालों से लंबित मांगों पर खामोशी रही। वहीं, रेलकर्मियों के जर्जर आवास व मूलभूत जरूरतों को भी दरकिनार किया है। कर्मचारियों को काफी निराशा हुई है।
- बसंत चतुर्वेदी, केंद्रीय अध्यक्ष, नरमू
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हर महीने इंडियन रेलवे में दस हजार कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं लेकिन नई भर्ती के बाबत भी बजट में कोई बात नहीं है। रेलवे कर्मचारियों पर बोझ बढ़ रहा है।
- मुकेश सक्सेना, मंडल अध्यक्ष, नरमू
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हादसों के लिए रेल कर्मचारी को दोषी ठहराते हैं। तकनीकि पर काम बेहद धीमी गति से हो रहा। पिछली तमाम घोषणाओं के क्रियान्वयन का अभी भी इंतजार है।
- अभय कुमार चौबे, जिला मंत्री, उरमू