आइवीआरआइ : बीएसएसी और एमएससी के खोले जाएंगे नए कोर्स, पढ़ाई के लिए आएंगे विदेशी छात्र
डीम्ड यूनिवर्सिटी कहे जाने वाले भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को अमल में लाने को लेकर जल्द ही बदलाव की तैयारी है। इसके लिए वोकेशनल एजुकेशन से जुड़े स्नातक व परास्नतक में नए कोर्स खोले जाएंगे।
बरेली, जेएनएन। डीम्ड यूनिवर्सिटी कहे जाने वाले भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को अमल में लाने को लेकर जल्द ही बदलाव की तैयारी है। इसके लिए वोकेशनल एजुकेशन से जुड़े स्नातक व परास्नतक में नए कोर्स खोले जाएंगे। संस्थान ने कॉलेजों को कोर्स चलाने की सम्बद्धता देने और इंटरनेशनल सेंटर स्थापित करने पर भी विचार किया है। जिससे विदेशी छात्र भी यहां पढ़ने के लिए आ सकें। दो दिन पहले संस्थान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर हुई बैठक में इस पर विचार विमर्श किया गया है। वरिष्ठ वैज्ञानिकों से सुझाव भी मांगे गए हैं। इसी सप्ताह एक और बैठक बुलाई जाएगी, जिसके बाद फाइनल प्रस्ताव बनाकर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) को भेज दिया जाएगा।
दरअसल, केंद्र सरकार ने शैक्षिक संस्थानों के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू कर दी है। सभी स्कूल-कॉलेजों से लेकर विश्वविद्यालयों को इसे अपने यहां क्रियान्वित करना है। इसको लेकर बीते 10 दिसंबर को संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डॉ. बीपी मिश्रा की अध्यक्षता में ऑनलाइन बैठक हुई। चर्चा हुई कि नई शिक्षा नीति के तहत इस डीम्ड यूनिवर्सिटी को मल्टी डिसिप्लीनरी एजुकेशन एवं रिसर्च यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित किया जाए। इस पर सभी से सुझाव भी मांगे गए हैं। इसके लिए संसाधन भी जुटाने होंगे।
खुलेंगे बीएससी, एमएससी के कोर्स
आइवीआरआइ में अभी बैचलर ऑफ वेटिनरी साइंस (बीवीएससी), मास्टर ऑफ वेटिनरी साइंस (एमवीएससी) और पीएचडी की पढ़ाई होती है। अब नई नीति के तहत यहां बीएससी और एमएससी कोर्स भी खोलने पर विचार किया गया है। इसमें बायोटेक्टनोलॉजी, साइंसेज, फिशरीज, एनिमल बिहैवियर एंड वेलफेयर, बायो केमेस्ट्री आदि शामिल हैं। वोकेशनल एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट से जुड़े कार्य भी होंगे।
बनेगा एकेडमिक क्रेडिट बैंक
नई शिक्षा नीति में मल्टी एंट्री और एग्जिट का विकल्प दिया गया है। यहां भी इसे लागू करने की तैयारी है। इसके लिए एकेडमिक क्रेडिट बैंक बनाया जाएगा। छात्र के क्रेडिट जमा होंगे। अगर वह बीच में पढ़ाई छोड़ कर दूसरी जगह चला जाता है तो उसके क्रेडिट वहां जुड़ जाएंगे। संस्थान में ऑनलाइन डिजिटल एजुकेशन को भी बढ़ावा दिया जाएगा। स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
आइवीआरआइ के संयुक्त निदेशक शैक्षणिक डॉ. त्रिवेणी दत्त का कहना है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को संस्थान में लागू करने को लेकर पहली बैठक हुई है। जिसमें सभी विभागाध्यक्षों से चर्चा की गई। सुझाव मांगे गए हैं। जल्द ही दूसरी बैठक कर जो भी सुझाव आएंगे, उसका प्रस्ताव आइसीएआर को भेजें जाएंगे।