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निजी अस्पताल ने कोरोना संक्रमित मरीजों को खाना खिलाया 35 लाख रुपये का और बिल भेजा 80 लाख का

डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाए गए इस मेडिकल कालेज में कोरोना संक्रमितों उनकी देखरेख और इलाज करने वाले स्टाफ के खाने-पीने और अन्य सुविधाओं का बिल भुगतान करने के लिए कॉलेज प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग के पास करीब 80 लाख रुपये का बिल भेजा है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 04:47 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 04:47 PM (IST)
निजी मेडिकल कालेज ने स्वास्थ्य विभाग को बिल भुगतान के लिए भेजा था पत्र।

बरेली, जेएनएन। कोरोना का संकट गहराया तो लोग आपदा में अवसर की तलाश में लग गए हैं। ऐसा ही एक मामला शहर के निजी मेडिकल कालेज का भी सामने आया है। डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाए गए इस मेडिकल कालेज में कोरोना संक्रमितों, उनकी देखरेख और इलाज करने वाले स्टाफ के खाने-पीने और अन्य सुविधाओं का बिल भुगतान करने के लिए कॉलेज प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग के पास करीब 80 लाख रुपये का बिल भेजा है। बिल की जब विभाग के अधिकारियों ने जांच की तो पता चला कि वह मानकों के अनुसार जारी नहीं हुआ है। जांच में भुगतान राशि करीब 35 लाख है जबकि बिल 80 लाख रुपये का भेज दिया गया।

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18 हजार रुपये के हिसाब से किया भुगतान 

पिछले साल जब मार्च में कोरोना का प्रकोप बढ़ा तो शासन के आदेश पर जिले के तीनों मेडिकल कॉलेजों का अधिग्रहण हुआ था। एसआरएमएस को 18 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से शासन ने भुगतान करने की सहमति दी। बीते दिनों कॉलेज प्रबंधन ने 203 दिनों का बिल बनाकर विभाग को भुगतान कराने को पत्र भेजा है।

92 का स्टाफ दिखाया, इसलिए बढ़ी रकम

विभागीय अधिकारियों के अनुसार कॉलेज प्रबंधन से संक्रमितों के इलाज में 35 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने को कहा गया था। इसके आधार पर ही 18 हजार रुपये प्रतिदिन का चार्ज निर्धारित किया गया था। लेकिन प्रवंधन ने 92 कर्मचारियों का स्टाफ जोड़ा। इस वजह से बिल भी ढ़ाई गुना से ज्यादा पहुंच गया। बाद में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल ने संशोधित बिल भेजा। जिसके बाद भुगतान की प्रक्रिया शुरू हुई।

भूलवश बन गया इतना बिल

नोडल अधिकारी डॉ.रंजन गौतम ने बताया कि डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों का भुगतान विभाग बिल चेक करने के बाद ही किया जाता है। मेडिकल कालेज ने भूलवश कुछ अमान्य को दिया भोजन भी बिल में जोड़ दिया था। जिस वजह से बिल बढ़ गया। नियम की जानकारी दी गई, जिसके बाद बिल संशोधित कराया गया है।


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