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तोमर गुट को उखाड़ने के लिए आइएमए में घुसी भाजपा

डॉक्टरों की पॉलिटिक्स इस वक्त पूरे चरम पर है। आइएमए चुनाव की नाम वापसी से एक दिन पहले भाजपाइयों की बैठक के बाद सरगर्मी और बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 01:40 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 01:40 PM (IST)
तोमर गुट को उखाड़ने के लिए आइएमए में घुसी भाजपा
तोमर गुट को उखाड़ने के लिए आइएमए में घुसी भाजपा

जेएनएन, बरेली। डॉक्टरों की पॉलिटिक्स इस वक्त पूरे चरम पर है। इसी कड़ी में आइएमए चुनाव की नाम वापसी प्रक्रिया से ठीक एक दिन पहले डॉक्टरों की सियासत के बीच 'सत्ता पक्ष' ने भी दखल दे दिया। महापौर डॉ. उमेश गौतम, अनिल शर्मा ने डॉक्टरों के साथ बैठक की। इसमें डॉ. तोमर गुट के प्रत्याशी पर नाम वापस लेने का दबाव बनाया गया। प्रत्याशी तैयार भी हो गए, लेकिन समय खत्म होने के कारण उनका नाम वापस नहीं हो सका। इसी बीच नाम वापसी का समय बढ़ाने के लिए दो सीनियर डॉक्टरों में जबरदस्त कहासुनी भी हो गई।

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चूंकि, मामला दो दिग्गजों के पुराने मतभेद का है, जो आइएमए के चुनाव की भी धुरी बन रहा है। संस्था के भावी अध्यक्ष पद का चुनाव 23 सितंबर को होना है। इसकेलिए 20 सितंबर को नाम वापस लेने की आखिरी तारीख थी। कई प्रत्याशियों के नाम वापस लेने के बाद सिर्फ डॉ. राजेश और डॉ. राजीव अग्रवाल ही मैदान में बचे हैं। इसमें डॉ. राजेश आइएमए की राजनीति में 'भीष्म पितामाह' कहे जाने वाले डॉ. आइएस तोमर गुट के हैं, जबकि डॉ. राजीव विरोधी गुट के माने जाते हैं।

--आइएमए पहुंची पुरानी अदावत

किसी से छिपा नहीं है कि आइएमए में डॉ. आइएस तोमर का लंबे समय तक वर्चस्व रहा। जिसे चाहे अध्यक्ष बना दिया। जिसके चाहे कदम रोक दिए। वरिष्ठता के नाते कोई जुबां भी खोल नहीं पाता था लेकिन, अब हालात अलग हैं। सूबे की सियासत में परिवर्तन के साथ निचले स्तर पर भी अलग-अलग संस्थाओं तख्ता पलट लगातार चल रहे हैं। यही कारण है, पुरानी अदावत के चलते आइएमए भी नगर निगम की पॉलिटिक्स की धुरी बन गया है। महापौर डॉ. उमेश गौतम भी डॉ. तोमर से हिसाब चुकता करने के लिए मैदान में कूद पड़े। नाम वापसी प्रक्रिया से ठीक पहले बुधवार की रात कैंप ऑफिस में उन्होंने प्रत्याशियों समेत अन्य डॉक्टरों के साथ बैठक की। इसमें सपा नेता अनिल शर्मा भी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर डॉ. राजेश पर नाम वापस लेने का दबाव बनाया। वह राजी हो गए। गुरुवार सुबह नौ बजे एक बार फिर पूरी मंडली महापौर के कैंप दफ्तर पर जमा हुई। प्रत्याशी के नाम वापस लेने पर फिर कशमकश चलती रही। नाम वापसी का समय सुबह 10 बजे तक ही था इसलिए डॉ. राजेश के नाम वापस लेने से पहले ही प्रक्रिया समाप्त हो गई। पर्चे सील हो गए।

--समय बढ़ाने के मुद्दे पर तीखी बहस

इस दौरान एक सीनियर डॉक्टर ने चुनाव अधिकारी से नामाकन वापस लेने का समय बढ़ाने की माग भी की, जिसे खारिज कर दिया गया। इसी बात को लेकर दोनों डॉक्टरों में तीखी बहस भी हुई। पूरा प्रकरण आइएमए के डॉक्टरों के वाट्सएप ग्रुप पर दिनभर सुर्खियों में बना रहा। तमाम डॉक्टरों ने आइएमए के चुनाव में भाजपा के हस्तक्षेप पर जमकर विरोध जताया।


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