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UP Lok Sabha Election Results 2019: रुहेलखंड में भाजपा जीत का जोरदार 'पंच', विरोधी चारों खाने चित

विकास की छटपटाहट और राष्ट्रवाद की धुन में मगन रुहेलखंड की जनता मोदी लहर के संग ऐसी बही विरोधी चारो खाने चित होते दिख रहे हैैं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 10:50 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 10:13 PM (IST)
UP Lok Sabha Election Results 2019: रुहेलखंड में भाजपा जीत का जोरदार 'पंच', विरोधी चारों खाने चित
UP Lok Sabha Election Results 2019: रुहेलखंड में भाजपा जीत का जोरदार 'पंच', विरोधी चारों खाने चित

बरेली, जेएनएन: Lok Sabha Election Results 2019 के बाद सारे दावे और गणित धरे रह गए। जाति चली न धर्म और न वोटों की ठेकेदारी...। विकास की छटपटाहट और राष्ट्रवाद की धुन में मगन रुहेलखंड की जनता 'मोदी लहर' के संग ऐसी बही, विरोधी चारो खाने चित होते दिख रहे हैैं। 2014 के नतीजों को पीछे छोड़ते हुए भाजपा जीत का जोरदार 'पंच' लगाती दिख रही है। मोदी के तख्तापलट की मंशा से एकजुट हुई सपा-बसपा बढ़त दूर की बात, खाता खुलता नहीं दिख रहा। धर्मेंद्र के स्थानीय 'विकास पुरुष' के तमगे को नकारकर जनता ने 'मोदी मैजिक' पर ज्यादा भरोसा जताया है। 

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रुहेलखंड में बड़ा उलटफेर होगा, यह तय था लेकिन ऐसा...? इसकी कल्पना भी किसी को नहीं थी। वो इसलिए क्योंकि 2014 में डबल धमाका (चार सीटों पर जीत) करने वाली भाजपा के मुकाबले जातीय समीकरण के धनी सपा और बसपा का कथित मजबूत खड़ा गठबंधन था। यही कारण था कि पिछड़े, दलित और मुस्लिम मतों के दम पर भाजपा घिरती नजर आ रही थी। 

इसके उलट पिछले चुनाव को कांग्रेस विरोधी लहर, विकास और सुशासन के मुद्दे पर खड़ा करने वाली भाजपा न केवल अपने पुराने रुख पर कायम रही बल्कि राष्ट्रवाद के नारे से जातिवाद को मुंहतोड़ जवाब दिया। पार्टी लोगों को यह समझाने में बखूबी साबित हुई कि धुर विरोधी सपा-बसपा क्यों साथ आए हैैं? भाजपा के इस माइक्रो प्लान को विरोधी समझ नहीं सके और उनका सूपड़ा साफ हो गया। मंडल की पांचों सीटों पर पार्टी जीत के करीब है। हां, कुछ जगह गठबंधन का असर यह जरूर हुआ कि जीत का अंतर पहले की अपेक्षा जरूर कम है। 

इनको मिली बढ़त 

अलबत्ता, पीलीभीत में वरुण गांधी का 'कमबैक' 2009 की जीत की तरह तो नहीं बल्कि धमाकेदार जरूर रहा है। वहीं, बरेली से संतोष गंगवार आठवीं जीत दर्ज करके देश में रिकॉर्ड बनाने वाले नेताओं के और करीब पहुंच गए हैैं। शाहजहांपुर में कांटे के सजातीय संघर्ष में भाजपा के अरुण सागर बढ़त बनाए हुए हैैं। जबकि आंवला में भाजपा के धर्मेंद्र कश्यप ने मुश्किल पिच पर सधी हुई बल्लेबाजी करते हुए जीत के करीब पहुंच गए हैैं। 

बरेली 

भाजपा उम्मीदवार संतोष गंगवार आठवीं बार लोकसभा की दहलीज पर दस्तक दे रहे हैैं। उनका मुकाबला सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार भगवत सरन गंगवार से है। भगवत सरन ने 2009 में भी चुनाव लड़ा था। तब खुद तो नहीं जीत पाए थे लेकिन संतोष गंगवार की हार का इंतजाम कर दिया था। इस बार वह सीधे मुकाबले में हैैं। कहने के लिए कांग्रेस से पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन इस बार भी लड़े हैैं लेकिन अंतिम दिनों में उनका चुनाव काफी पीछे चला गया। हारजीत का फैसला संतोष गंगवार और भगवत सरन गंगवार में हैै। 

आंवला  

भाजपा के टिकट पर धर्मेंद्र कश्यप दूसरी बार संसद में पहुंचने का दम भर रहे हैैं। इस बार उनका मुकाबला गठबंधन की प्रत्याशी रुचि वीरा से है, जो बिजनौर से आकर चुनाव लड़ी हैैं। कांग्रेस के टिकट पर यहां से सपा के पूर्व सांसद रहे कुंवर सर्वराज सिंह ने किस्मत आजमाई है। जहां तक हारजीत का सवाल है तो भाजपा और गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। कांटे की टक्कर बताई जा रही है। गठबंधन के नेताओं की इस सीट से ज्यादा उम्मीदें जुड़ी हुई हैैं।  

बदायूं 

बदायूं में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव मौजूदा सांसद है, जो पिछली बार मोदी लहर में भी अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे। इस बार उनकी हैट्रिक पर सबकी निगाहें होंगी। भाजपा ने सपाई किले में सेंध लगाने के प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री व मौर्य-शाक्य वोटरों में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य को उतारा है। भाजपा उनके दम पर बदायूं सीट जिताने का दावा कर रही है।

शाहजहांपुर 

इस बार लोकसभा में शाहजहांपुर सीट पर सजातीय संघर्ष के बीच दिलचस्प नतीजे आने की उम्मीद है। भाजपा के अरुण कुमार व गठबंधन प्रत्याशी अमरचंद जौहर के बीच सीधी लड़ाई देखने को मिली थी। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी ब्रह्मस्वरुप सागर भी जीत का दम भरते नजर आएं। इस बार चुनाव में मंडल की सभी सीटों में शाहजहांपुर के नतीजों पर सबकी नजरें रहेंगी। यहां जबरदस्त उठा-पटक देखने को मिल सकती है।

पीलीभीत

केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की परंपरागत सीट मानी वाली पीलीभीत लोकसभा से इस बार उनके बेटे व सांसद वरुण गांधी मैदान में हैं। पीलीभीत में भाजपा के वरुण गांधी की वापसी पर सभी की निगाहें हैैं। उनका सीधा मुकाबला गठबंधन प्रत्याशी हेमराज से है। कांग्रेस ने गठबंधन के तहत यह सीट अपना दल के लिए छोड़ दी थी। 

लोकसभावार मतदान फीसद व प्रत्याशी

लोकसभा सीट       मतदान का फीसद        कुल प्रत्याशी

बरेली                            59.34                         16

आंवला                          58.81                         14

पीलीभीत                      67.20                          13

शाहजहांपुर                    56.1                            14

बदायूं                            56.59                           9

2014 के विजयी प्रत्याशी 

लोकसभा            प्रत्याशी

शाहजहांपुर          कृष्णाराज 

पीलीभीत            मेनका गांधी 

बरेली                 संतोष गंगवार

आंवला               धर्मेद्र कश्यप

बदायूं                 धर्मेद्र यादव 

फैसले की घड़ी 

  • पिछली बार भाजपा ने किया था डबल धमाका, स्कार बनाया-4-1
  • इस बार गठबंधन के कड़ी टक्कर देने का हो रहा दावा
  • कांग्रेस को माना जा रहा बेहद कमजोर, सभी जगह सीधा मुकाबला

कसौटी पर नेता 

  • बरेली में आठवां फेरे के लिए जोर लगाएंगे भाजपा के संतोष गंगवार, गठबंधन के सजातीय भगवत पर रहेगी नजर 
  • बदायूं में गठबंधन का दामन थामे धर्मेंद्र की हैट्रिक पर नजर, भाजपा की इकलौती प्रमुख प्रत्याशी संघमित्रा से मुकाबला 
  • पीलीभीत में वरुण गांधी की वापसी पर सभी की निगाहें, गठबंधन से हेमराज ठोक रहे ताल 
  • शाहजहांपुर सुरक्षित सीट पर दिलचस्प सजातीय मुकाबला, भाजपा के अरुण सागर और गठबंधन के जौहर पर निगाहें

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