पीएम नरेंद्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी को लेकर खफा भाजपा सांसद ने सीएम को लिखा पत्र, बोले- पीएम पर होती रही टिप्पणी और खामोश रहे अफसर
PM Narendra Modi News उत्तर प्रदेश के बरेली में बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा धरना प्रदर्शन के दौरान काव्य पाठ कर प्रधानमंत्री पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में भाजपा सांसद खफा हो गए है। उन्होंने इस मामले में सीधे तौर पर सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।
बरेली, जेएनएन। PM Narendra Modi News : उत्तर प्रदेश के बरेली में बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा धरना प्रदर्शन के दौरान काव्य पाठ कर प्रधानमंत्री पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में भाजपा सांसद खफा हो गए है। उन्होंने इस मामले में सीधे तौर पर सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने अभद्र टिप्पणी करने के मामले में कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच कराए जाने का अनुरोध किया है। गौरतलब है कि बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर के परिसर में कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी को कविता पाठ के जरिए अपशब्द बोले थे।
आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर की जाने वाली टिप्पणी को आडे़ हाथों लिया है। उनका कहना है कि ऐसा करने वालों कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। जिसके लिए पहले उनके खिलाफ विभागीय जांच बिठाई जाए। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाए। उन्होंने सवाल किया कि बरेली में धारा 144 लागू है, फिर भी बिजली विभाग के कैंपस में वेतनमान और अन्य मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कैसे किया गया ? जब इसकी अनुमति नहीं थी तो चीफ इंजीनियर ने मना क्यों नहीं किया?
सांसद बोले - पीएम को बोले गए अपशब्द और खामोश रहे अफसर
बिजली विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी मे प्रधानमंत्री के लिए अपशब्द बोले गए। इस मामले मे बिजली अफसर चुप्पी साधे है। सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने कहा कि सभा में प्रधानमंत्री के लिए विवादित बयान देने वाले के खिलाफ अधिकारियों ने कार्रवाई क्यों नहीं की। जबकि कार्यालय में बैठे अधिकारी चुपचाप सुनते रहे। सांसद के पत्र लिखने के बाद पूरे मामले में विभागीय जांच बैठने की संभावना अधिक हो गई। हांलाकि धरना प्रदर्शन के दौरान काव्य पाठ के जरिए पीएम पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में धरना प्रदर्शन में मौजूद कुछ लोगों ने इस बात की पुष्टि की थी कि कुछ कर्मचारियों ने काव्य पाठ कर पीएम पर टिप्पणी की थी। लेकिन कुछ कर्मचारियों ने ऐसा कुछ भी होने से साफ इंकार कर दिया था। हालांकि सांंसद के पत्र लिखने के बाद मामले में जांच बैठना तय माना जा रहा है।