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बर्ड फ्लू में अबकी एच5 एन8 ने ज्यादा की मार

देश में हाल में बर्ड फ्लू ने हजारों पक्षियों की जान ले ली। इसके लिए एच5 एन1 से 10 गुना ज्यादा एच5 एन8 जिम्मेदार मिला। यह पक्षियों में तेजी से फैलता है। कई राज्यों के नमूनों की जांच के बाद यह निष्कर्ष सामने आया है। हालांकि एच5 एन8 इंसानों के लिए घातक नहीं माना जाता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Feb 2021 05:48 AM (IST)Updated: Mon, 15 Feb 2021 05:48 AM (IST)
बर्ड फ्लू में अबकी एच5 एन8 ने ज्यादा की मार
बर्ड फ्लू में अबकी एच5 एन8 ने ज्यादा की मार

बरेली, दीपेंद्र प्रताप सिंह: देश में हाल में बर्ड फ्लू ने हजारों पक्षियों की जान ले ली। इसके लिए एच5 एन1 से 10 गुना ज्यादा एच5 एन8 जिम्मेदार मिला। यह पक्षियों में तेजी से फैलता है। कई राज्यों के नमूनों की जांच के बाद यह निष्कर्ष सामने आया है। हालांकि एच5 एन8 इंसानों के लिए घातक नहीं माना जाता है।

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हिमाचल प्रदेश के महाराणा प्रताप सागर (पोंग झील) में 28 दिसंबर 2020 को कई साइबेरियाई पक्षियों की मौत हुई। आशंका जताई गई कि इन पर वायरस बर्ड फ्लू (एच5 एन1) ने मार की है। बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) ने जांच की, तो इनमें इन्फ्लुएंजा वायरस बर्ड फ्लू (एच5 एन1) ही मिला। इसके बाद देश में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश सहित कई दूसरी जगह पर बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत हुईं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आइसीएआर) ने जांच का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए। पूरे देश के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित की गई, जिसमें आइवीआरआइ, इज्जतनगर के पशु रोग अनुसंधान एवं निदान केंद्र (कैडरेड) में वायरोलॉजिस्ट व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस नंदी के साथ रीजनल डिसीज डायग्नोस्टिक लैब जालंधर के गौरव शर्मा और लुधियाना के डॉ. जेएस बेदी भी थे। टीम देशभर में कई जगह मौके से नमूने लाई। जांच में मालूम हुआ कि हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र में महज कुछ जगह ही एच5 एन1 वायरस से पक्षियों की मौत हुई थी।

वहीं हरियाणा, महाराष्ट्र, केरल, गुजरात में ज्यादातर जगह पक्षियों की मौत की वजह एवियन इन्फ्लुएंजा (एच5 एन8) वायरस था। इससे पहले देश में एच5 एन8 से मौत के केस इतनी मात्रा में कभी नहीं मिले। अभी इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

पक्षियों में एच5 एन8 ज्यादा तेजी से फैलता :

आइवीआरआइ के प्रधान वैज्ञानिक और वायरोलॉजिस्ट डॉ.एस नंदी के मुताबिक इन्फ्लुएंजा वायरस में 'एच' प्रोटीन के एक से 18 और एन प्रोटीन के 1-11 तक अवयव होते हैं। इन्हीं के अलग-अलग प्रोटीन कांबिनेशन से एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) के अलग-अलग प्रकार बनते हैं। पक्षियों से पक्षियों में एच5 एन8 वायरस ज्यादा तेजी से फैलता है। यह मौत का कारण भी ज्यादा बनता है। इस बार इस वायरस से जुड़े केस ज्यादा मिले। यह क्यों ज्यादा फैला इसकी वजह भी पता की जा रही है।

इंसान के लिए ज्यादा बड़ा खतरा नहीं एच5 एन8 :

एच5 एन8 वायरस इंसान के लिए बड़ा खतरा नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार एच5 एन8 वायरस इंसान के शरीर में प्रवेश तो करता है लेकिन इसके साथी काफी हद तक निष्क्रिय हो जाता है। यह महज हल्के खांसी, जुकाम की वजह बनता है। इसीलिए एच5 एन8 वायरस से इंसान के संक्रमित होने के केस नहीं मिले। वहीं, एच5 एन1 वायरस अपनी संरचना के चलते पक्षी से इंसान को तेजी से संक्रमित कर सकता है। हालांकि यह डेड एंड होस्ट होता है। यानी, एक इंसान के बाद एच5 एन1 वायरस दूसरे इंसान को संक्रमित नहीं कर सकता।

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वर्जन

आइवीआरआइ कैडरेड के प्रधान वैज्ञानिक केंद्र सरकार के निर्देश पर गठित टीम में शामिल थे। सर्वे और हजारों सैंपलों की जांच के दौरान अधिकांश जगह एवियन इन्फ्लुएंजा (एच5 एन8) वायरस से अधिकांश पक्षियों की मौत सामने आई है।

- डॉ.केपी सिंह, संयुक्त निदेशक (कैडरेड), आइवीआरआइ


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