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नेपाल में बड़े भारतीय नोटों की बंदी से व्यापारियों में खलबली

पड़ोसी देश नेपाल में भारत की दो सौ, पांच सौ और दो हजार की नोटों पर पाबंदी लगाने से खलबली मच गई है। सबसे ज्यादा परेशान दोनों देशों के व्यापारी हैैं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 01:52 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 01:52 PM (IST)
नेपाल में बड़े भारतीय नोटों की बंदी से व्यापारियों में खलबली
नेपाल में बड़े भारतीय नोटों की बंदी से व्यापारियों में खलबली

पीलीभीत(जेएनएन): पड़ोसी देश नेपाल में भारत की दो सौ, पांच सौ और दो हजार की नोटों पर पाबंदी लगाने से खलबली मच गई है। सबसे ज्यादा परेशान दोनों देशों के व्यापारी हैैं। भारतीय व्यापारियों से लिया गया रुपया वहां के व्यापारियों पर फंस सकता है। इस कारण नेपाली व्यापारियों और ज्यादा उथल-पुथल मची हुई है। इतना ही नहीं, आशंका जताई जा रही है कि रुपयों की ब्लैक बढऩे के साथ-साथ सीमा पर तस्करी भी तेज होगी।

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खरीदारी में आएगी भारी गिरावट

नेपाल में भारत की बड़ी करेंसी बंद होने से खरीदारी में भारी गिरावट आ सकती है। भारतीय व्यापारी नेपाल से अपने उपयोग के लिए वस्त्रों की सबसे ज्यादा खरीदारी करते हैैं। कुछ बड़े व्यापारियों का भी थोक के हिसाब से सामान आता है। व्यापारी जहां बड़े नोटों के साथ बड़ी खरीदारी करता था अब छोटे नोटों से वह थोड़ी ही खरीदारी कर सकेगा।

बढ़ सकती है मुद्रा की ब्लैक

भारत से नेपाल को जाने वाले लोग और व्यापारी छोटे नोटों के साथ ही बड़े नोटों से खरीदारी करते हैं। ऐसे में नेपाल के व्यापारियों के पास बड़े नोटों की करेंसी जमा है। अचानक से नोट बंद कर देने से बड़े नोटों को ठिकाने लगाने के लिए मुद्रा की ब्लैक बढ़ सकती है, इसके लिए सीमा किनारे के दुकानदारों का भी सहारा लिया जा सकता है। इसके साथ ही भारतीय करेंसी जमा करे बैठे नेपाली भी उसकी ही सरकार के सामने आएंगे।

आने-जाने वालों पर नहीं पड़ेगा खास फर्क

नेपाल को जाने वाले अधिकांश लोग अपने घरेलू उपयोग के लिए ही सामान लाते हैं। नेपाल से भारत खरीदारी करने वाले लोग रोजमर्रा और घरेलू सामान अधिक ले जाते हैं। कोई खास फर्क न पडऩे की आशंका जताई जा रही है। नेपाली अधिकांश भारत से सब्जी और परचून के सामान की खरीदारी फुटकर में करता है।

भारत की नोटबंदी का झेल रहे दंश

जानकार बताते हैं मोदी सरकार ने अचानक नोटबंदी कर दी थी। इससे नेपाल के व्यापारियों और सीमा से सटे लोगों को काफी हद तक फर्क पड़ा। उनके पास मौजूद करेंसी बेकार साबित हुई। काफी प्रयास के बावजूद वह भारत के बड़े नोटों को ठिकाने नहीं लगा सके। अभी तक वह इसका दंश झेल रहे हैं।

तस्करी पर नहीं लग सकेगा अंकुश

नेपाल से वस्त्रों के साथ ही चना, मटर की तस्करी होती है। भारत से परचून, हार्डवेयर, इलेक्ट्रानिक, साइकिल, सिलाई मशीन आदि नेपाल को जाता है। नोटबंदी से रोजमर्रा और घरेलू उपयोग में आने वाली तस्करी पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। बल्कि यह ग्राफ बढऩे की उम्मीद है।

इन स्थानों से ले जाया जाता है सामान

खजुरिया, सम्पूर्णानगर, बसही, मिलन बाजार, टिल्ला नम्बर चार, कम्बोजनगर, टाटरगंज आदि गांव और कस्बों से सामान की तस्करी का काम होता है। एसएसबी लगातार यहां छापेमारी भी करती है लेकिन तस्करी पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। नोटबंदी के बाद भी इन वस्तुओं को लाने ले जाने का काम होने की आशंका है।

नेपाल बैंक ने लेना बंद किए नोट

सीमा से सटे व्यापारी बताते हैं कि नेपाल सरकार के अचानक भारत के बड़े नोट बंद कर देने से बैंकों ने भी उन्हें लेना बंद कर दिया है। हालांकि नेपाल के छोटे व्यापारी और सीमा से सटे ग्रामीण भारत के बड़े नोटों का आदान प्रदान कर कर रहे हैं। उन्हें भारतीय नोट लेने से गुरेज नहीं है। नेपाल के बड़े व्यापारी बैंक में भारतीय रुपया न जमा होने से परेशान हैं।

भारतीय सामान की बढ़ेगी खरीदारी

बड़े नोटों के बंद होने से नेपाल में भारतीय सामान की खरीदारी बढऩे के संकेत हैैं। वहां की बैंक के भी नोट न लेने से नेपाली व्यापारियों में भारतीय सामान की डिमांड बढ़ जाएगी। सीमा पर तस्करी के बढऩे से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। 


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