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एनएचएम में नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, कई पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकालकर युवाओं को फंसाया, फर्जी नियुक्ति पत्र किए जारी

Government Job Recruitment FRAUD नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) में नौकरी के नाम पर एक बार फिर बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। जालसाजी का पता बुधवार को तब चला जब कुछ युवा एनएचएम के तहत विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग पहुंचे।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 05:02 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 07:37 PM (IST)
एनएचएम में नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, कई पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकालकर युवाओं को फंसाया, फर्जी नियुक्ति पत्र किए जारी
सिक्योरिटी मनी के रूप में हजारों रुपये मांगे तो स्वास्थ्य विभाग पहुंचे युवा तो हुआ राजफाश

बरेली, जेएनएन। Government Job Recruitment FRAUD : नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) में नौकरी के नाम पर एक बार फिर बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। जालसाजी का पता बुधवार को तब चला जब कुछ युवा एनएचएम के तहत विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए सिक्योरिटी मनी का पता करने व नियुक्ति पत्र लेने स्वास्थ्य विभाग पहुंचे। दरअसल, जालसाजों ने एक विज्ञापन के जरिए एनएचएम में विभिन्न पदों की भर्ती निकाली। आवेदन के लिए एक फोन नंबर भी दिया। नंबर पर फोन करने पर एक लिंक दिया गया, जिसकी वेबसाइट के जरिए आवेदन हुए। इस पर कई युवाओं ने फार्म भरा और इसकी फीस के रूप में 250 रुपये जमा कर दिए। युवाओं को सात से दस दिन में नियुक्ति पत्र मिल गए। हालांकि सिक्योरिटी मनी के रूप में हजारों रुपये की मांग पर कुछ युवा स्वास्थ्य विभाग पहुंचे। इस पर पता चला कि इस तरह की कोई भर्ती ही नहीं निकली, यानी वेबसाइट फर्जी थी।

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बताई 14 हजार से 35 हजार रुपये तक की नौकरी : जालसाजों ने कुछ दिन पहले 10वीं, 12वीं पास युवाओं के लिए एनएचएम में सीधी भर्ती का विज्ञापन दिया। इसमें 14 हजार से 35 हजार रुपये तक वेतन के अलावा रहना, खाना, कैब यानी गाड़ी से आने-जाने की सुविधा भी बताई। मुंबई के एक पते के साथ दो मोबाइल नंबर भी विज्ञापन में दिये गए।

मोबाइल नंबर के जरिए लिंक पर कई पदों के लिए आवेदन : ठगों के नंबर पर फोन करने पर एक लिंक युवाओं को दिया गया। nhm.in.net वेबसाइट पर सिक्योरिटी का चिह्न भी बना था। यहां 13 अलग-अलग पदों के लिए आवेदन का विकल्प था। यही नहीं, एनएचएम के नाम पर बनी फर्जी वेबसाइट पर स्वास्थ्य मंत्री और कुछ माननीयों की फोटो भी जालसाजों ने लगा रखी थीं। जबकि सरकारी भर्ती सीधे मंत्रालय या शासन के जरिए विज्ञापन के तौर पर निकलती हैं। स्थानीय स्तर से होने वाली भर्ती मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नाम पर जारी होती है।

इन पदों के लिए वेतन के साथ था झांसा : लैब टेक्नीशियन के लिए करीब 16 हजार, सीनियर लैब टेक्नीशियन के लिए 13 हजार, फार्मासिस्ट के लिए साढे आठ हजार से साढ़े 26 हजार। प्रोग्राम असिस्टेंट के लिए करीब 26 हजार, वाहन चालक के लिए 14 से 18 हजार, साइकेट्रिस्ट नर्स की 24 हजार, नर्स कन्सल्टेंट के लिए 41 हजार, प्रशासन की 24 हजार, टेलीकालर की साढ़े 18 हजार, टेक्नीशियन व इलेक्ट्रीशियन की 17 से 30 हजार, रजिस्टर्ड नर्स की 17 हजार, वार्ड ब्वाय की 12 हजार, स्टोर आफिसर की 20 हजार, कैशियर की 35 से 45 हजार व डेटा इंट्री क्लर्क की करीब 15 हजार।

एलआइसी और मेडिकल इंश्योरेंस का भी दिया लालच : युवा आसानी से जाल में आ जाएं, इसलिए ठगों ने कई जाल बिछाए थे। मोटे वेतन के अलावा उन्हें साढ़े तीन लाख रुपये का मुफ्त बीमा और मेडिकल इंश्योरेंस का लालच भी दिया था। जालसाजों ने यह भी लिखकर बरगलाया कि बीमा और मेडिकल इंश्योरेंस की सभी किस्त सरकार देंगी। पालिसी नंबर आदि जांच अधिकारियों को दस्तावेज जांच के बाद ही देने की बात कही। हालांकि इसे विभागीय शर्तें यानी सिक्योरिटी मनी जमा करने के बाद ही लागू होने की बात पत्र में लिखी थी। नियुक्ति भी सिक्योरिटी मनी जमा होने के बाद मिलनी थी। 

फर्जी वेबसाइट से लेकर जाली नियुक्ति पत्र में कई जगह गलतियां : फर्जीवाड़ा करने वालों ने वेबसाइट जरूर सुरक्षित बना ली थी। लेकिन इसके अलावा कई गलतियां थीं। लेब टेक्नीशियन से सीनियर लैब टेक्नीशियन के अलावा कई अन्य पदों पर कनिष्ठ कर्मचारियों का वरिष्ठों से ज्यादा वेतन दिखाया था। वहीं फार्मासिस्ट समेत कई पदों की स्पेलिंग गलत थी। इसके अलावा नियुक्ति पत्र का फार्मेट समेत पत्र में कई शाब्दिक व व्याकरणीय अशुद्धियां भी पत्र में थीं।

पहले भी सामने आ चुके करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े : स्वास्थ्य विभाग में नौकरी के नाम पर इस तरह का फर्जीवाड़ा पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी नेशनल हेल्थ मिशन के तहत भर्ती दिखाकर कई बार युवाओं के साथ जालसाजी हुई है। हाल में सबसे चर्चित मामला 300 बेड अस्पताल से जुड़ा था। तब करीब 50 युवाओं से नौकरी के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी हुई थी। मामले में स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ लिपिक का नाम भी सामने आया था। जिसके बाद पुलिस ने बाबू के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था।

जो नंबर दिए वो ट्रूकालर में एनएचएम हेड नाम से दिख रहे : जालसाजों ने जो नंबर दिए उन पर दैनिक जागरण संवाददाता ने फोन कर देखा। 9310992876 मोबाइल नंबर पर फोन करने पर काल रिसीव नहीं हुई। वहीं, ट्रूकालर पर यह नंबर ‘एनएचएम हेड’ का दिखा रहा था। इसके अलावा 9310970608 मोबाइल नंबर स्विच आफ बता रहा था। बरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बलवीर सिंह ने बताया कि जो विज्ञापन दिखाया गया है, सरकारी महकमा इस तरह से कभी जारी नहीं करता। मोबाइल नंबर भी नहीं दिए जाते। फर्जी रूप से दिए नियुक्ति पत्र का फार्मेट भी अलग है। पूरी तरह ठगी का मामला है। स्वास्थ्य विभाग का इससे कोई सरोकार नहीं है।


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