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पति की मौत के बाद नहीं थमे भानवती के कदम, जनसेवा को बनाया हथियार, छेड़ी विकास की जंग

बहेड़ी विकास खंड के गांव आदलपुर की ग्राम प्रधान भानवती ने प्रधानी चुनाव में अपने धुरंधरों को धूल चटा कर जीत हासिल की थी। पर उनकी जीत की खुशी एक माह बाद ही उस वक्त धूमिल हो गयी जब उनके पति एक हादसे में अपनी जान गंवा बैठे।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 02:10 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 02:10 PM (IST)
पति की मौत के बाद नहीं थमे भानवती के कदम, जनसेवा को बनाया हथियार, छेड़ी विकास की जंग
पति की मौत के बाद नहीं थमे भानवती के कदम, जनसेवा को बनाया हथियार, छेड़ी विकास की जंग

बरेली, जेएनएन।  बहेड़ी विकास खंड के गांव आदलपुर की ग्राम प्रधान भानवती ने प्रधानी चुनाव में अपने धुरंधरों को धूल चटा कर जीत हासिल की थी। पर उनकी जीत की खुशी एक माह बाद ही उस वक्त धूमिल हो गयी जब अगले ही दिन उनके पति एक हादसे में अपनी जान गंवा बैठे। इस दर्द को सह पाना हर किसी के वश की बात नही होती पर अपने गम को सीने में छिपाकर भानवती ने अपने गांव लोगो का जीवन खुशहाल करने का बीड़ा उठाया। पिछले पांच साल की कड़ी मेहनत,दूरदर्शिता तथा गांव के बड़ों का आर्शीवाद लेकर व सलाह से गांव की तस्वीर बदलने में कामयाब रही।

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2016 में मिला रानी लक्ष्मीबाई पुरुस्कार

भानवती द्वारा सरकारी योजना मनरेगा को गांव में अच्छी तरह से संचालित करने के नतीजे में ग्राम पंचायत आदलपुर को 2016 में रानी लक्ष्मीबाई पुरूस्कार मिला।

बनाई गांव के विकास की योजना

ग्राम प्रधान बनने के बाद भानवती ने पति की मृत्यु से उभरते हुए गांव के विकास की योजना बनाई। उन्होने गांव के बुजुर्गों व उम्रदराज महिलाओं के विचारों को जाना तथा गांव के युवाओं की सलाह से गांव में सबसे पहले खस्ताहाल सड़कों की दशा सुधारने का निर्णय लिया। नतीजा आज गांव में करीब-करीब सभी सड़कों की हालत में काफी सुधार देखा जा सकता है।

शौचालय बनवाने की प्राथमिकता

भानवती स्वयं एक महिला है और वे जानती थी कि खुले में शौच जाने से महिलाओं को क्या दिक्कतें आती है। इसलिए उन्हे पीएम नरेंद्र मोदी की हर घर में शौचालय बनवाने की योजना खूब रास आयी। उन्होंने न केवल प्राथमिकता के आधार पर गांव में स्वीकृत शौचालयों का निर्माण कराया बल्कि गांव की महिलाओं को खुले में शौच न जाने के लिए जागरूक भी किया।

विधवा पेंशन के लिए विशेष प्रयास

स्वयं पति को खोकर असमय विधवा जैसे अभिशाप का वज्र सहन करने वाली भानवती ने गांव की विधवाओं के लिए शासन की विधवा पेंशन के लिए जी-तोड़ मेहनत व प्रयास किया।

सरकारी स्कूल की बदली तस्वीर

योगी सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों की काया पलटने के लिए चलाई जा रही योजना काया कल्प के लिए ग्राम प्रधान ने ग्राम पंचायत निधि से गांव के स्कूल की दशा बदलने में कोई कोर-कसर नही छोड़ी हे। स्कूल में शौचालय,कमरा तथा पुताई व गार्डन आदि देखकर उनके प्रयास को आसानी से महसूस भी किया जा सकता है।

 

महिला के लिए ग्राम प्रधानी करना कठिन कार्य है खासकर उस महिला के लिए जिसका पति उसका साथ छोड़कर चला गया हो। पर अगर मन में सेवाभाव हो और गांव के बुजुर्गो का आर्शीवाद तो राह मिल ही जाती है। गांव में सीसी रोड तथा अधिकतम शौचालयों को निर्माण कराया गया है। कई सरकारी योजनाओं को गांव में प्राथमिकता से लागू करवाकर लोगो को लाभांवित करवाया गया है। गांव के सरकारी स्कूल का उच्चीकरण कराया गया है। - भानवती,ग्राम प्रधान

ग्राम प्रधान भानवती ने अच्छा कार्य किया। सरकार द्वारा जनहित में लाई गयी योजनाओं को यहॉ क्रियांवयन कराकर विकास कार्यो में भरपूर सहयोग किया। ललित शर्मा एडवोकेट,आदलपुर बहेड़ी 

ग्राम प्रधान ने महिला होने के बावजूद विकास कार्यो में खूब मेहनत की इसकी सराहना होनी चाहिए। जगवीर सिंह, आदलपुर बहेड़ी ।

ग्राम प्रधान अच्छा हो तो विकास कार्य गांव में दिखते हे। बादलपुर की ग्राम पंचायत ने सरकारी योजनाओं को धरातल पर लाकर विकास करने का प्रयास किया जो सराहनीय है। हितेंद्र कुमार,आदलपुर बहेड़ी


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