सावधान : जिंदगी पर इस तरह से भारी पड़ता है कोहरा... रखिए इन बातों का ख्याल Bareilly News
ठंड के साथ कोहरा दस्तक दे चुका है। हादसों से बचना है तो सावधान हो जाइए। मौसम विभाग का पूर्वानुमान कह रहा कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह के अंत तक कोहरा विकराल रूप लेकर आ रहा है।
जेएनएन, बरेली : ठंड के साथ कोहरा दस्तक दे चुका है। हादसों से बचना है तो सावधान हो जाइए। मौसम विभाग का पूर्वानुमान कह रहा कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह के अंत तक कोहरा विकराल रूप लेकर आ रहा है। ऐसे में सबसे अधिक सावधानी वाहन चालकों को बरतने की जरूरत है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक के रास्तों की हालत खस्ताहाल है। जगह जगह ओवरब्रिज का काम चल रहा है। ऐसे में जरा सी असावधानी बड़े हादसे का सबब बन सकती है। हाईवे पर भी यातयात विभाग की ओर से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। साफ है कि विभाग ने बीते वर्ष हुए हादसों से कोई सबक नहीं लिया है। बता दें कि बीते वर्ष दिसंबर से फरवरी तक के बीच हुए 23 हादसों में 32 लोगों की जान गई थी जबकि 68 लोग घायल हुए थे।
बरेली-शाहजहांपुर मार्ग अधिक खतरनाक
सामान्य दिनों में बरेली से शाहजहांपुर जाने में आफत नजर आती है। जिले से निकले अन्य राष्ट्रीय राजमार्गो का हाल भी कुछ ऐसा ही है। जहां तहां टूटे और अधूरे पड़े हाइवे कोहरे में लोगों के लिए मुसीबत खड़ी करेंगे। सबसे अधिक परेशानी शाहजहांपुर मार्ग पर होगी जहां जगह जगह गड्ढे और सड़क खुदी पड़ी है। प्रशासन ने इस ओर अब तक ध्यान नहीं दिया है। हाईवे ही नहीं शहर के ऐसे खतरनाक स्थान जहां हादसे होने की संभावनाएं रहती हैं, वहां भी कोई इंतजाम नहीं हो सके हैं। साफ है कि अपनी जिंदगी के लिए सावधानी भी हमें ही बरतनी होगी।
उस कोहरे ने दुधमुंहे से छीन लिया था पिता का साया
तारीख 10 दिसंबर 2016, रात का अंधेरा और सड़क पर घना कोहरा। यह वह तारीख थी जब कोहरे के चलते हुए हादसे ने चार माह के दुधमुहे बच्चे से पिता, प}ी से सुहाग और मां से बुढ़ापे का सहारा छीन लिया। आज बेटा तीन साल का हो गया है। सभी लाड़ प्यार से उसे पाल रहे हैं, लेकिन कमी है तो पिता के दुलार की, गलती पर उनकी डांट की। घने कोहरे में हुए हादसे में उस दिन छात्र नेता रहे राजेंद्र नगर निवासी महेंद्र यादव की जान चली गई थी। एक समारोह से वापस आते समय कैंट क्षेत्र में किसी वाहन ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी थी। इसके बाद रात में उनका शव वहीं सड़क पड़ा रहा। सुबह राहगीरों ने शव देख सूचना पुलिस को दी तो जानकारी परिजनों तक पहुंची तो उनमें कोहराम मच गया।
हादसों की हो चुकी शुरुआत
अक्टूबर व नवंबर में 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 28 लोग घायल हो चुके हैं। नवंबर के आखिरी सप्ताह में भोजीपुरा में कोहरे के चलते आगे चल रहा वाहन न दिखाई देने के चलते तीन कैटर्स की मौत हो गई थी।
कोहरे में इन बातों का रखें ध्यान
गाड़ी की हेडलाइट्स को लो बीम पर रखें। ऐसा करने से आपको देखने में आसानी होगी और सामने वाले को भी गाड़ी की सही स्थिति का पता चल सकेगा।
कोहरा घना हो तो सड़क के बाएं किनारे को देखकर गाड़ी ड्राइव करें। जिससे बिना किसी परेशानी के गाड़ी सीधी लाइन पर चलेगी।
प्रयास करें कि सड़कों पर पीली लाइट के साथ चलें। इससे कोहरे में भी आसानी से गाड़ी चला सकेंगे।
कोहरे में दुर्घटना से बचने के लिए आगे चल रही गाड़ी से निश्चित दूरी बनाकर रखें। जिससे सड़क गीली होने पर भी गाड़ी को आसानी से रोक सकें।
इंडीकेटर देते हुए चलें, मोड़ पर अचानक इंडीकेटर न दें और न ही बिना इंडिकेटर दिए मुड़ें।
घने कोहरे में हेडलाइट के साथ फॉग लाइट जलाना न भूलें। फॉग लाइट के साथ हेड लाइट्स भी जलाते रहें।
स्पीड को कंट्रोल में रखते हुए गाड़ी की गति धीमी रखें।
गाड़ी ड्राइव करते हुए आप ओवरटेक करने की कोशिश न करें।
सर्दियों और कोहरे को देखते हुए हाईवे पर सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं। वाहनों पर रिफ्लेक्टर आदि भी लगाने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। जहां अधिक हादसे होते हैं, वहां भी यातायात कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। - सुभाष चंद्र गंगवार, एसपी ट्रैफिक
क्यों पड़ता है कोहरा
हमारे चारों ओर मौजूद हवा में जलवाष्प होती है, इसे ही हम नमी कहते हैं। सर्दियों में पृथ्वी की सतह के पास की गर्म हवा में मौजूद जलवाष्प ऊपर मौजूद ठंडी हवा की परतों से मिलकर जम जाती है। इस प्रक्रिया को सघनन (सघन हो जाना) कहते हैं। जब हवा में बहुत ज्यादा सघनन हो जाता है तो यह भारी होकर पानी की छोटी-छोटी बूंदों में बदलने लगती हैं। वहीं, आसपास की ठंडी हवा के संपर्क में आने पर इनका स्वरूप धुएं के बादल जैसा हो जाता है। मौसम वैज्ञानिक इसे ही कोहरा कहते हैं।
कोहरे को लेकर पूर्वानुमान
मंगलवार की रात को कोहरा पड़ने लगा। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को अधिकतम तापमान 21.7 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम तापमान भी 7.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वातावरण में अधिकतम आद्रता 100 फीसद और न्यूनतम आद्रता 50 फीसद रही। पांच दिसंबर तक इसी तरह का मौसम रहने की उम्मीद है। रात में कोहरा रहेगा।
सर्दियों में रात को लंबा सफर करना खतरनाक है। कोहरे के दौरान फिर भी यदि निकलना पड़े तो उसी अनुरूप लाइट और बैक लाइट जरूर लगाएं।
- अमित खंडेलवाल, व्यापारी
कोहरे सुरक्षा इंतजामों के प्रति लापरवाही अक्सर हादसे की वजह बनती है। ट्रैक्टर-ट्रालियों पर खासतौर से लगाम लगे जोकि रात में सड़क किनारे खड़ी रहती हैं। - मनभवन मिश्र, छात्र, पीलीभीत बाईपास
कोहरा होने पर लंबी यात्र टाली भी जा सकती है। जरूरी है तो ध्यान रखें कि आगे चल रही गाड़ी से पर्याप्त दूरी हो, जिससे अचानक ब्रेक लगने पर संभल सकें।
- इमरान, छात्र, बरेली कॉलेज