बरेली में बीडीए ने पांच महीने की कमाई से उतारा 140 करोड़ रुपए का कर्ज, जानिए कितने का हुआ फायदा
कर्ज और दायित्वों में डूबे बरेली विकास प्राधिकरण ने बीते पांच महीने में गजब की छलांग लगाई है। पांच महीने में बीडीए ने ना सिर्फ कर्ज और किसानों का मुआवजा बांटा बल्कि करोड़ों रुपये की आय भी अर्जित की।
बरेली, जेएनएन। कर्ज और दायित्वों में डूबे बरेली विकास प्राधिकरण ने बीते पांच महीने में गजब की छलांग लगाई है। पांच महीने में बीडीए ने ना सिर्फ कर्ज और किसानों का मुआवजा बांटा, बल्कि करोड़ों रुपये की आय भी अर्जित की। बीडीए उपाध्यक्ष ने सोमवार को पांच महीने का विवरण जारी कर विकास की रफ्तार को जागरण के साथ साझा किया है।
विकास था दूर, कर्ज में डूबा था बीडीए
बरेली विकास प्राधिकरण में धन के अभाव के कारण पांच महीने पहले तमाम विकास कार्य रुक गए थे। ठेकेदारों ने जो निर्माण कार्य कर दिए थे, उनका भी भुगतान कई साल से नहीं हो पा रहा था। रामगंगा नगर आवासीय योजना के किसानों का करोड़ों रुपये का मुआवजा बीडीए नहीं चुका पा रहा था। इतना ही नहीं करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये के कर्ज में प्राधिकरण डूब गया था। अवैध प्लाटिंग जोरों पर थी और सरकारी भूमियों पर भी कब्जा कर लिया गया था।
अच्छी की कमाई, शासन से तारीफ पाई
अक्टूबर 2020 में जोगिंदर सिंह ने बीडीए उपाध्यक्ष का कार्यभार संभाला। इसके बाद उन्होंने निगम की आय बढ़ाने का काम किया। बकौल बीडीए उपाध्यक्ष, पांच महीने में 179 करोड़ रुपये की कमाई बीडीए ने की है। इतना ही नहीं रामगंगा आवासीय योजना के सभी किसानों का मुआवजा चुका दिया है। करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये का कर्ज भी चुकता कर दिया है। रामगंगा योजना में पांच सौ से अधिक प्लाट आवंटित किए जा चुके हैं। वहां तमाम कार्य शुरू हो चुके हैं। इस कारण शासन से प्रशंसा भी उन्हें मिली है।
इन साधनों से हुई आय
शमन से प्राप्त आय - 10.37 करोड़
विकास शुल्क - 7.62 करोड़
संपत्ति विक्रय - 161.07 करोड़
करीब 70 अवैध निर्माण कराए ध्वस्त
शहर में हुए अवैध निर्माण पर बीडीए का बुलडोजर खूब चला। रामगंगा नगर आवासीय योजना में करीब 50 दुकानों का ध्वस्तीकरण कराया गया है। इसके साथ ही शहर में 18 अनाधिकृत कालोनी, व्यक्तिगत भवनों काे भी ध्वस्त कराया है। 56 से अधिक भवन गलत तरीके से बनाने पर सील किए हैं। सैदपुर हाकिंस, बदायूं रोड, तुलाशेरपुर, रामगंगा नगर में अर्बन सीलिंग की बेशकीमती जमीनें कब्जा मुक्त कराई हैं।
शहर के विकास के लिए बीडीए पूरी तरह वचनबद्ध है। इसी क्रम में तमाम कार्य कराए जा रहे हैं। बीडीए ने पांच महीने में करोड़ों रुपये की आय अर्जित की है। दायित्वों को चुकता भी किया है। अवैध निर्माण करने वालों पर नकेल कसी है। जोगिंदर सिंह, उपाध्यक्ष, बीडीए