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Bareillys Mehta Surgical Raid Case : बरेली औषधि विभाग आखिर मेहता सर्जिकल पर इतना मेहरबान क्यों है, जानिये पूरा मामला

Bareillys Mehta Surgical Raid Case डीडीपुरम स्थित मेहता सर्जिकल में छापामारी के दौरान अजय मेहता और उनके बेटे सुशांत मौजूदगी दुकान पर होने के बावजूद प्रेमनगर थाने में दर्ज एफआइआर में नाम दबाए जाने पर औषधि विभाग घिर रहा है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 03:47 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 03:47 PM (IST)
Bareillys Mehta Surgical Raid Case : बरेली औषधि विभाग आखिर मेहता सर्जिकल पर इतना मेहरबान क्यों है, जानिये पूरा मामला
विवेचक बोले मजमूम में अजय, उनकी पत्नी और बेटे के नाम शामिल, पहले पर्चे के साथ खोल देंगे।

बरेली, जेएनएन।Bareillys Mehta Surgical Raid Case : डीडीपुरम स्थित मेहता सर्जिकल में छापामारी के दौरान अजय मेहता और उनके बेटे सुशांत मौजूदगी दुकान पर होने के बावजूद प्रेमनगर थाने में दर्ज एफआइआर में नाम दबाए जाने पर औषधि विभाग घिर रहा है। छापामारी के 42 घंटे बाद लिखी गई एफआइआर में आरोपितों के नाम सिर्फ इसलिए नहीं खोले जा सके, क्योंकि औषधि विभाग की तहरीर में प्रतिष्ठान का नाम लिखा गया था। पहले ये तहरीर एसडीएम कार्यालय से जारी होनी थी, लेकिन थाने तक पहुंचते -पहुंचते औषधि विभाग पूरे मामले में वादी बन गया। फिर नाम भी गायब हो गए।

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वहीं पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद विवेचना शुरू की है। विवेचक मनोज कुमार वर्मा के मुताबिक तहरीर से पहले एक जांच आख्या थाने आई थी। जिसमें छापामारी का विवरण दिया गया था। लेकिन जांच आख्या पर रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकती थी। इसलिए तहरीर का इंतजार करना पड़ा। फिर औषधी विभाग से मिले मजमूम में अजय मेहता, उनके बेटे सुशांत और पत्नी के नाम दर्ज है। क्योंकि लाइसेंस भी उनकी पत्नी के नाम है।

चूंकि मुकदमा संज्ञेय धाराओं में दर्ज है, इसलिए प्रेमनगर थाने की पुलिस ने पीलीभीत रोड स्थित अजय मेहता के घर पर दबिश दी। लेकिन आरोपित फरार थे। तफ्तीश शुरू करने के लिए दुकान का मौका मुआयना किया गया है। साक्ष्य जुटाने के लिए औषधि विभाग से जब्त किए गए नमूनें और दस्तावेज मांगे गए हैं। अजय मेहता, उनके बेटे सुशांत और पत्नी के नंबर सर्विलांस पर लगवाए गए हैं।

सीओ प्रथम दिलीप कुमार ने बताया कि केस की निगरानी की जा रही है। आरोपितों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। जांच में कोई लापरवाही नहीं होगी। ड्रग इंस्पेक्टर उर्मिला वर्मा ने बताया कि तहरीर के साथ पूरे दस्तावेज भिजवाए गए है। इनमें अजय मेहता समेत सभी साझेदारों के नाम है। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है। वह आरोपितों के नाम खोले।

जवाब नहीं दिया तो सस्पेंड होगा लाइसेंस : औषधि अधिनियम के तहत महकमा ने अजय मेहता को सर्जिकल आइटम के पक्के बिल और दस्तावेज पेश करने के लिए तीन दिन का समय दिया था। शनिवार को माेहलत पूरी हो गई। अजय मेहता की तरफ से कोई दस्तावेज पेश नहीं किए गए। नियमानुसार अगर दुकान संचालक संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं तो उनका लाइसेंस भी सस्पेंड हो सकता है।

फ्लोमीटर 8000 का बताया था : बिहारीपुर के गौरव सक्सेना के मुताबिक उनके परिचित के लिए ऑक्सीमीटर और फ्लोमीटर के लिए मेहता सर्जिकल गए थे। उन्हें ऑक्सीमीटर 1600 रुपये, जबकि फ्लोमीटर 8000 रुपये का बताया गया। उन्होंने बाद में दूसरी दुकान से उसी कंपनी का ऑक्सीमीटर 1200 रुपये, जबकि फ्लोमीटर 3500 रुपये में खरीदा था। सौदागरारन के नीरज रस्तोगी ने बताया कि मेहता सर्जिकल पर उन्हें ऑक्सीजन सिलिंडर पर लगने वाला फ्लोमीटर लेने गए थे। उन्हें 8000 रुपये में बताया गया। वह भी एडवांस भुगतान पर। उन्होंने शास्त्री मार्केट से वही ऑक्सीमीटर 3000 रुपये का खरीदा। हालांकि वह अपने मरीज की जान नहीं बचा सके।


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