PCS 2017 Results : पीसीएस में बरेली के होनहारों ने मारी बाजी, कोई डीएसपी बना तो कोई नायब तहसीलदार
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीसीएस) की सिविल सेवा परीक्षा 2017 में शहर और आस-पास के कई होनहारों ने सफलता हासिल की है।
जेएनएन, बरेली : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीसीएस) की सिविल सेवा परीक्षा 2017 में शहर और आस-पास के कई होनहारों ने सफलता हासिल की है। ज्यादातर चयनित अभ्यर्थी परीक्षा की तैयारी के सिलसिले में शहर से बाहर थे ऐसे में सभी ने फोन पर घरवालों से बात कर इसकी जानकारी दी।
डीआइजी की बेटी बनी डीएसपी, अब आइएएस का सपना
आइटीबीपी बरेली के डीआइजी एपीएस निम्बाडिया की बेटी अपेक्षा अब डिप्टी सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस (डीएसपी) बन गई हैं। अपेक्षा मूल रुप से हापुड़ की रहने वाली हैं। उन्होंने दूसरी बार में यह सफलता हासिल की है। बताती हैं कि उन्होंने गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा से बीटेक की पढ़ाई की थी। इसके बाद एमएससी जियोग्राफी की पढ़ाई कोटा यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। यूजीसी की नेट जेआरएफ परीक्षा भी क्वालीफाई कर ली और अभी वह इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर पढ़ा रहीं हैं। अपेक्षा कहती हैं कि वह अभी सिविल सर्विसेज की तैयारी जारी रखेंगी। आइएएस अफसर बनना उनका सपना है।
पहली बार में आशीष बने नायब तहसीलदार
गंगवार एन्क्लेव कर्मचारी नगर के आशीष सक्सेना का चयन नायब तहसीलदार पद पर हुआ है। आशीष ने पहली बार में ही यह उपलब्धि हासिल कर ली है। पिता आलोक कुमार सक्सेना, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में जूनियर इंजीनियर टेक्निकल पद पर कार्यरत हैं जबकि मां सारिका सक्सेना शिक्षिका हैं। बड़ी बहन गुंजन सक्सेना की शादी हो चुकी है। आशीष बताते हैं कि उन्होंने 76 प्रतिशत अंकों से 2011 में 10वीं और 2013 में 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद 2016 तक रुहेलखंड विश्वविद्यालय से बीएससी की पढ़ाई पूरी की। फिलहाल वह आइआइएमसी दिल्ली से पत्रकारिता में डिप्लोमा कर रहे हैं। आशीष कहते हैं कि अभी वह आइएएस और पीसीएस की तैयारी जारी रखेंगे। यहां उन्हें श्रेष्ठ आइएएस क्लासेज के डॉ. केबी त्रिपाठी ने पढ़ाया था।
सहायक जिला सेवा योजन अधिकारी बने रविश
शहर के एडिशनल कमिश्नर प्रशासन अरुण कुमार के भाई रविश चंद्र ने भी सफलता हासिल की है। रविश का चयन सहायक जिला सेवा योजन अधिकारी पद पर हुआ है। उन्होंने यहीं पर रहकर परीक्षा की तैयारी की थी। पिता राम प्यारे पशु चिकित्सक पद से रिटायर्ड हैं और मां सरस्वती देवी गृहिणी हैं। रविश मूलत: देवरिया के रहने वाले हैं। बताते हैं कि लोअर पीसीएस 2015 में उनका चयन मार्केटिंग अफसर पद पर हुआ था। फिलहाल वह मुरादाबाद में तैनात हैं। रविश बताते हैं कि वह पीसीएस का तीन बार इंटरव्यू दे चुके थे।
मां की मेहनत ने प्रशाली को बनाया डीएसपी
राजनगर सेटेलाइट की रहने वाली प्रशाली गंगवार ने पीसीएस 2017 में सफलता सफलता हासिल कर डीएसपी का पद हासिल किया है। प्रशाली की इस उपलब्धि के पीछे उनकी मेहनत के साथ मां मृदुला गंगवार का संघर्ष भी है। मृदुला शिक्षिका हैं। प्रशाली फिलहाल गृह मंत्रालय में अफसर हैं। बताती हैं कि 1999 में उनके पिता की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। इसके बाद मां ने ही भाई-बहन का ख्याल रखा। छोटी बहन प्रगति शिक्षिका हैं। भाई दिव्यम चेन्नई में इंजीनियर है। उन्होंने राधा माधव पब्लिक स्कूल से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की थी। दोनों में वह टॉपर थीं।
नायब तहसीलदार बने दीपक
रुहेलखंड विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले दीपक गंगवार का चयन भी पीसीएस-2017 में हो गया है। दीपक नायब तहसीलदार बने हैं। बताते हैं कि वह मूलरूप से बिलासपुर पीलीभीत के रहने वाले हैं। 2011 में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने आइआइटी की तैयारी की। जेईई के जरिए उन्हें एनआइटी में दाखिला मिल रहा था लेकिन नहीं लिया। 2015 में रुविवि से बीए की पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने 2016 में पीसीएस की पहली बार परीक्षा दी। इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन सफल नहीं हो पाए। अब दूसरे प्रयास में वह नायब तहसीलदार पद पर चयनित हो गए हैं। कहते हैं कि आगे वह तैयारी जारी रखेंगे। लक्ष्य एसडीएम और आइएएस अफसर बनने का है। पिता लालता प्रसाद गंगवार सहायक अध्यापक हैं जबकि मां लौंगश्री गृहिणी हैं।