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कालाबाजारी को लेकर बरेली एसएसपी हुए सख्त, तीन दिन में कालाबाजारी करने वालों को गिरफ्तार करने के क्राइम ब्रांच को दिए निर्देश

सर्जिकल आइटम और ऑक्सीजन सिलिंडर की कालाबाजारी करने के आरोपितों पर एसएसपी रोहित सिंह सजवाण के तेवर सख्त है। उन्होंने प्रेमनगर थाने की पुलिस से दोनों एफआइआर क्राइम ब्रांच को हस्तांतरित करने के बाद तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। क्राइम ब्रांच हर हाल में आरोपितों को जेल पहुंचाएगी।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 09:49 AM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 09:49 AM (IST)
कालाबाजारी को लेकर बरेली एसएसपी हुए सख्त, तीन दिन में कालाबाजारी करने वालों को गिरफ्तार करने के क्राइम ब्रांच को दिए निर्देश
मेहता सर्जिकल के साझेदार और पारस गुप्ता की जांच क्राइम ब्रांच ने शुरू की।

बरेली, जेएनएन। सर्जिकल आइटम और ऑक्सीजन सिलिंडर की कालाबाजारी करने के आरोपितों पर एसएसपी रोहित सिंह सजवाण के तेवर सख्त है। उन्होंने प्रेमनगर थाने की पुलिस से दोनों एफआइआर क्राइम ब्रांच को हस्तांतरित करने के बाद तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी करने के लिए क्राइम ब्रांच को लगा दिया गया है। लोकेशन के आधार पर क्राइम ब्रांच हर हाल में आरोपितों को सलाखों के पीछे पहुंचाएगी।

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प्रेमनगर पुलिस की लापरवाही पर नाराज एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने अजय मेहता, सुशांत मेहता समेत छह साझेदारों पर दर्ज एफआइआर को क्राइम बांच से विवेचना के लिए शिफ्ट की थी। दस दिन बाद भी प्रेमनगर पुलिस बेनतीजा रही। इसके बाद एसएसपी ने प्रभारी निरीक्षक अवनीश यादव से नाराजगी जाहिर की। लाेकेशन तक पुलिस नहीं निकाल सकी। जबकि उनके वकील ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी भी लगवा दी। क्राइम ब्रांच अब पूरे मामले की विवेचना को सोमवार से शुरू करेगी। दूसरी तरफ ऑक्सीजन सिलिंडर को 40 हजार रुपये में बेचने के आरोपित पारस गुप्ता की मुश्किलें भी बढ़ी है। प्रेमनगर पुलिस भले ही उसको नहीं पकड़ सकी। लेकिन क्राइम ब्रांच के निशाने पर आ चुके है। एसएसपी ने पारस की गिरफ्तारी के लिए भी निर्देश जारी किए हुए हैं।

ये है पूरा मामला : एसडीएम विशु राजा और ड्रग विभाग की इंस्पेक्टर उर्मिला वर्मा ने डीडीपुरम के मेहता सर्जिकल पर छापामारी की। प्रारंभिक जांच में कालाबाजारी मिली। प्रेमनगर थाने में अजय मेहता समेत छह साझेदारेां के खिलाफ धोखाधड़ी, महामारी अधिनियम, आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केस दर्ज किया। इसी प्रकार, वीडियो वायरल होने के बाद प्रेमनगर थाने में पारस गुप्ता के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज हुई थी।


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