Bareilly Sitapur Highway : जानिए क्यों ! तैयार नहीं हो सका दस साल में 157 किमी का हाईवे
157 किमी लंबे बरेली-सीतापुर हाईवे पर गाड़ियां रफ्तार में दौड़ाने की शुरुआत 2011 में हुई थी। लेकिन मौजूदा हाईवे की सूरत में दरकती सड़क गहरे गड्ढे अधूरी बनी सड़कें ही नजर आती हैं।
बरेली, जेएनएन। 157 किमी लंबे बरेली-सीतापुर हाईवे पर गाड़ियां रफ्तार में दौड़ाने की शुरुआत 2011 में हुई थी। लेकिन मौजूदा हाईवे की सूरत में दरकती सड़क, गहरे गड्ढे, अधूरी बनी सड़कें ही नजर आती हैं। हर साल बारिश होने पर यह पहले से ज्यादा खतरनाक होता है। अब आगरा की फर्म को टेंडर होने के बाद आस जगी कि हिचकौले वाले हाईवे से लोगों को निजात मिलेगी। लेकिन कंपनी को ठेका मिलने के बाद निर्माण शुरू नहीं हुए। बरेली-सीतापुर हाईवे को बनाने का ठेका लेने वाली इरा इंफ्रास्ट्रक्चर के भागने के बाद एनएचएआइ ने आगरा की कंपनी को अक्टूबर 2019 में ठेका दिया।
दावा रहा कि अगले पंद्रह महीने में 6 करोड़ 97 लाख की लागत से हाईवे का ये खस्ताहाल हिस्सा एग्रीमेंट होने के पंद्रह महीने में बनाकर तैयार कर दिया जाएगा। एग्रीमेंट की औपचारिकताएं अधिकारियों के मुताबिक दिसंबर तक पूरी हो गईं। लेकिन निर्माण नहीं शुरू हो पाए। यानी आश्वासन में ही आठ महीने गुजर चुके हैं। लोग हिचकौले वाले हाईवे पर सफर करने को मजबूर हैं। सबसे महत्वपूर्ण है कि एनएचएआइ की तरफ से ठेका कंपनी को 700 करोड़ का बजट जारी हो चुका है। कंपनी की तरफ से प्रशासन को भेजे गए जवाब में लॉकडाउन के दरम्यिान मजदूर का नहीं मिलना और बाद में बारिश के सीजन का बहाना किया गया है। इन हालात में अक्तूबर 2020 के बाद कंपनी निर्माण की शुरुआत करने का दावा कर रही है। लेकिन ऐसे दावे पहले भी हो चुके हैं।
दो दिन काम के बाद हाईवे पर सुस्त पड़ी टीमें फतेहगंज पूर्वी: हाईवे के गड्ढों को भरने की कवायद रविवार को ठंडी पड़ गई। टोलप्लाजा पर निर्माण चल रहे थे। लेकिन बाकी हाईवे पर कही भराव होता हुआ नहीं मिला। हाईवे भले ही खस्ताहाल है। एनएचएआइ का दावा है कि बड़ा निर्माण अक्टूबर से पहले नहीं करवा सकते। लेकिन हाईवे निर्माण छोड़कर एनएचएआइ फरीदपुर के पास टोल प्लाजा बनाने में जुटा हुआ है। जबकि इस टोल में रजऊ से लेकर फरीदपुर की सड़क सबसे ज्यादा खराब है। फरीदपुर कस्बा से ठीक पहले निकलने वाला बाईपास, कई जगह से धंस चुका है। खंडेलवाल एडिबल ऑयल कंपनी के सामने बाईपास की शुरुआत है। वहां से फरीदपुर में जाने का भी रास्ता है। लेकिन वह रास्ता नजर नहीं आता। सिर्फ गड्ढे ही दिखाई देते हैं।
पैचवर्क में करोडों खपाए
लोगों को सुगम रास्ता नहीं दे पाए हाईवे पर पैचवर्क का बड़ा खेल है। खस्ताहाल हाईवे पर हर साल होने वाला पैचवर्क एक बारिश भी नहीं झेल पाता है। हर साल लाखों रुपये बजट हाईवे के पैचवर्क में खपाया जाता है। लेकिन नतीजा शून्य हैं। हाईवे पर बारिश के सीजन में हालत बद से बदतर हो जाते हैं। आठ पुलों के अधूरे ढांचे सालों से पूरे होने का कर रहे इंतजार फरीदपुर बाईपास से लेकर शाहजहांपुर जिले के तिलहर तक करीब आठ पुलों के अधूरे ढांचे खड़े हैं। किसी की एक साइड चालू है। किसी की सर्विस रोड नहीं है। किसी पर रेलिंग नहीं है। कही पुल की साइड धंसी हुई है। बहगुल नदी के पुल के एक हिस्से को धंसे हुए करीब एक सप्ताह हो चुका है। लेकिन इसको ठीक कराने की सुध नहीं ली गई है। सिर्फ बेरिकेटिंग लगाकर छोड़ दिया गया है।
सर्विस रोड से मिलेगी राहत, लेकिन फाटक लगवाएगा जाम हुलास नगरा रेलवे क्रासिंग की टूटी सड़क अभी भी जाम की वजह बन रही। यहां सर्विस रोड बनाई जानी है, लेकिन अभी तक सर्विस रोड का इंतजार कायम है। प्रतिदिन हुलासनगरा पर लगने वाले जाम में घंटों लोगों की गाड़ियां फंसती हैं। एनएचएआइ की तरफ से हुलासनगरा क्रासिंग पर ओवरब्रिज बनाने वाली कंपनी को सर्विस रोड के निर्माण इसी पखवाड़े में शुरू करने के लिए कहा गया है।
हाईवे को दुरुस्त करने के लिए एनएचएआइ के अधिकारियों से फोन पर वार्ता की थी। सोमवार को दिल्ली जा रहा हूं। शनिवार को बरेली वापस आऊंगा। इस दौरान हाईवे को लेकर बातचीत की जाएगी। - संतोष गंगवार, केंद्रीय मंत्री
हाईवे पर मरम्मत के काम चल रहे हैं। करीब 20 टीमों के जरिए गड्ढों के भराव करवाए जा रहे हैं। यह काम फरीदुपर से लेकर शाहजहांपुर तक हो रहे हैं। - अमित प्रकाश, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ