Move to Jagran APP

सूदखाेरों पर शिकंजा कसने के लिए बरेली पुलिस ने चलाया ऑपरेशन मुक्ति, जानें क्या है ऑपरेशन

कोरोना की पहली लहर में बरेली के पूर्व आइजी राजेश पांडेय के पास सबसे ज्यादा मामले सूदखोरी के पहुंचे। सूदखोरों के बढ़ते दुस्साहस पर लगाम के लिए पूर्व आइजी ने रेंज में सूदखाेरों के खिलाफ आपरेशन मुक्ति चलाया। आपरेशन में सूदखोरों पर शिकंजा कसा मुकदमें दर्ज हुए।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 02:28 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 02:28 PM (IST)
सूदखाेरों पर शिकंजा कसने के लिए बरेली पुलिस ने चलाया ऑपरेशन मुक्ति, जानें क्या है ऑपरेशन
आइजी रमित शर्मा ने रेंज के पुलिस कप्तानों को जारी किए निर्देश, चलेगा डंडा।

बरेली, जेएनएन। कोरोना की पहली लहर में बरेली के पूर्व आइजी राजेश पांडेय के पास सबसे ज्यादा मामले सूदखोरी के पहुंचे। सूदखोरों के बढ़ते दुस्साहस पर लगाम के लिए पूर्व आइजी ने रेंज में सूदखाेरों के खिलाफ आपरेशन मुक्ति चलाया। आपरेशन में सूदखोरों पर शिकंजा कसा, मुकदमें दर्ज हुए। सूदखोरों की धड़-पकड़ हुई। कोरोना कफ्र्यू की दूसरी लहर में एक बार फिर सूदखोरी के सर्वाधिक मामले सामने आ रहे हैं। सूदखाेरों पर शिकंजा कसने के लिए रेंज में एक बार फिर से ऑपरेशन मुक्ति चलेगा। आइजी रमित शर्मा ने रेंज के पुलिस कप्तानों को इस बावत निर्देश जारी किए हैं।

loksabha election banner

रेंज के शाहजहांपुर जनपद में दवा व्यापारी ने सूदखोर के उत्पीड़न से तंग आकर परिवार सहित खुदकुशी कर ली थी। मामले की गूंज शासन तक पहुंची थी। बीते दिनों उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी ने इस संबंध में कमिश्नर आर रमेश कुमार, एडीजी अविनाश चंद्र, आइजी रमित शर्मा, डीएम नितीश कुमार और एसएसपी रोहित सिंह सजवाण के साथ बैठक की थी। साफ निर्देश दिया था कि शराब माफियाओं की तरह सूदखोरों पर भी शिकंजा कसा जाए। उनको चिन्हित कर उनकी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जाए। इधर, शाहजहांपुर का मुद्दा शांत भी नहीं हुआ था कि सुभाषनगर में भी सेल्समैन ने सूदखोरों से तंग आकर खुदकुशी कर ली। इसी के बाद आइजी रमित शर्मा ने रेंज के पुलिस अधीक्षकों को सूदखोरों पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए हैं।

सूदखोरों के रैकेट पर खफा एसएसपी ने इंस्पेक्टर को हटाया : शहर में सूदखाेरी के जाल में फंसकर लोग कंगाल हो रहे है। सूदखोरों के रैकेट में फंसे लोगों से लाखों की वसूली हो रही है। शनिवार को सेल्समैन की खुदकुशी के पीछे सामने आए सूदखोरों के रैकेट पर खफा एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने सुभाषनगर इंस्पेक्टर सुनील कुमार को लाइन में भेज दिया। अब रेंज स्तर पर तैनात टीम बरेली समेत शाहजहांपुर, पीलीभीत और बदायूं के सूदखोरों के रैकेट की तफ्तीश करने के लिए लगाई गई है। एक लिस्ट भी तैयार हुई है, जिसमें आपरेशन मुक्ति के तहत रडार पर आए सूदखोरों को लिया गया है। आइजी रमित शर्मा ने दावा किया है कि जल्द सूदखोरों के नेटवर्क को ध्वस्त किया जाएगा। वहीं सुभाषनगर इंस्पेक्टर को हटाने पर एसएसपी रोहित सिंह ने कहा कि सुनील कुमार आठ जून को तीन दिन की छुट्टी पर गए थे। 11 जून को वह कोविड पाजिटिव निकल आए। शनिवार को चुनाव था। लिहाजा, चुनाव संपन्न होने के बाद उन्हें लाइन भेज दिया गया।

सूदखोरों के बारे में पुलिस को दें सूचना, पहचान नहीं की जाएगी सार्वजनिक : साहूकारी अधिनियम के तहत जिले में 1600 रजिस्टर्ड साहूकार हैं। बावजूद सूदखोर बेखौफ होकर धड़ल्ले से सूदखोरी का काम कर रहे हैं। जिसके चलते सूदखोरी के दलदल में फंसे लोग खुदकुशी को मजबूर हो रहे हैं।एडीजी अविनाश चंद्र ने इस संबंध में बताया कि सूदखोरों के बारे में जिस किसी के पास भी जानकारी है। वह पुलिस से आसानी से साझा कर सकता है। सूचना साझा करने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। यहीं नहीं कोई संदेह है तो वह सीधे एडीजी से भी शिकायत कर सकता है। 

कर्ज के तले दबे युवक ने की खुदकुशी : घटना 16 अप्रैल 2021 की है। कैंट के नकटिया का रहने वाला जितेंद्र कुमार गुप्ता पानी सप्लाई का काम करता था। मां लीलावती के मुताबिक, उस पर करीब 12 लाख रुपये का कर्ज हो गया था। बिजली का बिल भी एक लाख रुपये आ गया था। इससे बेटा तनाव में रहने लगा और उसने यह कदम उठा लिया। पति जितेंद्र की मौत की सूचना मिलते ही उसकी पत्नी ने खुद के ऊपर तेल छिड़ककर खुद का आग लगाने की कोशिश की, गनीमत रही कि उसे समय रहता रोक लिया गया।

कर्ज तले दबे महाविद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने की खुदकुशी : घटना 20 मार्च 2021 की है। कन्या महाविद्यालय आर्य समाज भूड़ बरेली में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अरूण कुमार सक्सेना सूदखाेरों के चंगुल में इस कदर फंसा गया कि उसका घर, जमीन, जेवर, गाड़ी सब बिक गई। बावजूद सूदखोरों ने उत्पीड़न नहीं छोड़ा। दरवाजे पर आकर सूदखोरों ने अरूण की इज्जत उतार दी। इससे अरूण अंदर से इस कदर टूट गया कि खुदकुशी कर ली थी। अरुण ने बकादा सुसाइड लेटर भी लिखा था। सुसाइड लेटर में सूदखोरों के नाम भी लिखे थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.