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बरेली पुलिस ने बगैर साक्ष्य युवक को भेज दिया था जेल, परसाखेड़ा चौकी इंचार्ज के खिलाफ बैठी जांच

बगैर साक्ष्यों के ही युवक को जेल भेजे जाने के मामले में परसाखेड़ा चौकी इंचार्ज देवेंद्र कुमार चौतरफा घिर गए हैं। सोमवार को वह मामले में आइजी के समक्ष पेश हुए। मुकदमे की विवेचना से संबंधित एक के बाद एक 20 महत्वपूर्ण सवाल उनसे पूछे गए।

By Sant ShuklaEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 12:05 PM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 05:47 PM (IST)
बरेली पुलिस ने बगैर साक्ष्य युवक को भेज दिया था जेल, परसाखेड़ा चौकी इंचार्ज के खिलाफ बैठी जांच
बगैर साक्ष्यों के ही युवक को जेल भेजे जाने के मामले में परसाखेड़ा चौकी इंचार्ज देवेंद्र कुमार घिर गए हैं।

 बरेली, जेएनएन। बगैर साक्ष्यों के ही युवक को जेल भेजे जाने के मामले में परसाखेड़ा चौकी इंचार्ज देवेंद्र कुमार चौतरफा घिर गए हैं। सोमवार को वह मामले में आइजी के समक्ष पेश हुए। मुकदमे की विवेचना से संबंधित एक के बाद एक 20 महत्वपूर्ण सवाल उनसे पूछे गए। वह किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे पाए। ऐसे में प्रथम दृष्टया दारोगा पर बगैर साक्ष्य संकलित किए युवक को जेल भेजे जाने के आरोप सिद्ध हुए हैं। लिहाजा, आइजी ने पूरे प्रकरण की जांच एसएसपी को सौंप दी है। दारोगा पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।

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बता दें कि सेनटेक कंपनी के प्रबंधक आमिर हुमायूं की ओर से रुपेंद्र सेन गुप्ता पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। आमिर हुमायूं ने आरोप लगाया कि रुपेंद्र सेन ने गलत बाउचर लगा कंपनी के खाते से फर्जी तरीके से लाखों की धनराशि निकाल ली। विवेचना दारोगा देवेंद्र कुमार को मिली। उन्होंने रुपेंद्र सेन गुप्ता को जेल भेज दिया। दावा किया कि रुपेंद्र सेन के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत थे। इसलिए जेल भेजा गया। इस पर रुपेंद्र सेन गुप्ता के स्जवन ने आइजी से दारोगा की शिकायत की। आरोप लगाया कि बगैर साक्ष्यों के ही दारोगा द्वारा रुपेंद्र को जेल भेज दिया। आइजी ने दारोगा से साक्ष्य मांगे तब दारोगा ने दो दिन का समय मांगा। 15 दिन बाद भी दारोगा नहीं पहुंचा। आइजी ने साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए देवेंद्र कुमार को सोमवार को अंतिम मौका दिया। सवाल पूछा गया कि रुपसेन ने जिस खाते से रकम निकाली, उस खाते से क्या हुमायूं का मोबाइल नंबर लिंक था। क्या उसकी डिटेल एकत्र की गई। खाते से राशि कब-कब और कितनी निकाली गई, क्या बैंक जाकर इसकी तहकीकात की गई। ऐसे 20 सवालों में से किसी का भी जवाब न दारोगा दे पाया और न ही वादी हूमायूं। लिहाजा, आइजी ने पूरे प्रकरण की जांच एसएसपी को सौंप दी है। माना जा रहा है कि जांच के बाद दारोगा पर कार्रवाई तय है।

क्या कहना है आइजी 

विवेचना से संबंधित दारोगा से 20 सवाल पूछे गए, वह किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे पाए। प्रथमदृष्टया दारोगा की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। जांच एसएसपी को सौंप दी गई है।

 राजेश पांडेय, आइजी रेंज


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