Bareilly Nagar Nigam : बरेली में 14 दुकानों को सील करने के मामले में कार्यकारिणी ने सुनाया फरमान, बोली- बोर्ड में निहित है अधिकार
Bareilly Nagar Nigam News नगर निगम कार्यकारिणी समिति के सदस्यों का अति उत्साह। अपने से उच्च स्तर के प्रस्ताव पर गहन चर्चा ही नहीं की बल्कि दुकानों को सील करने का फरमान भी सुना दिया जबकि प्रस्ताव पर चर्चा का अधिकार निगम बोर्ड में ही निहित है।
बरेली, जेएनएन। Bareilly Nagar Nigam News : नगर निगम कार्यकारिणी समिति के सदस्यों का अति उत्साह। अपने से उच्च स्तर के प्रस्ताव पर गहन चर्चा ही नहीं की, बल्कि दुकानों को सील करने का फरमान भी सुना दिया, जबकि प्रस्ताव पर चर्चा का अधिकार निगम बोर्ड में ही निहित है। अधिकारियों पर दुकानें सील करने का दबाव बनाए पर सच्चाई सामने आई है।
महापौर डा. उमेश गौतम के कार्यालय में चार अगस्त को नगर निगम कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई थी। इसमें नगर निगम की ओर से सरकारी संपत्तियों के आवंटन, प्रीमियम, किराया संबंधित प्रस्ताव लगाए थे। नावेल्टी चौराहे के पास की 14 दुकानों का मामला उठा तो समिति के सदस्यों ने गर्मजोशी से उसका विरोध किया। पार्षदों ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि जांच में संपत्तियां खुर्द-बुर्द किए जाने की पुष्टि के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इस पर समिति ने सभी दुकानों को सील करने का फैसला सुना दिया। महापौर ने भी उनकी बात पर मुहर लगा दी थी। इसके बाद भी दुकानें सील नहीं होने पर पार्षदों ने अधिकारियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। अब मामला सामने आया है कि जिस फरमान को लागू करने की जिद कार्यकारिणी के सदस्य कर रहे है, वह तो उनके अधिकार क्षेत्र में है ही नहीं। वह अगर चाहे तो कार्यकारिणी प्रस्ताव लगाकर उसे बोर्ड के लिए अग्रसारित कर सकते हैं।
कार्यकारिणी का अधिकार इतना सीमित
अधिवक्ता व पूर्व पार्षद राजेश तिवारी ने बताया कि नगर निगम अधिनियम की धारा 129 (3) के मुताबिक कार्यकारिणी समिति ऐसे संपत्तियों पर फैसला ले सकती है, जिसकी प्रीमियम की राशि 50000 और वार्षिक किराया तीन हजार तक हो। इससे अधिक धनराशि के प्रस्तावों को कार्यकारिणी 91(2) के तहत पेश कर सकती है, जिसे बोर्ड के लिए अग्रसारित करना होता है। अधिक धनराशि के प्रस्तावों पर बोर्ड में ही बहस और निर्णय लिया जा सकता है।
अधिकारियों ने जारी किए हैं दुकानदारों को नोटिस
नावेल्टी के पास दुकानों की बीते दिनों नगर निगम की टीम ने जांच की थी। वहां निगम की संपत्ति खुर्द-बुर्द पाई गई। कई दुकानों की छत ऊंची करने के साथ ही ऊपरी मंजिल पर भी निर्माण करा लिया था। कुछ दुकानों की बीच की दीवार तोड़कर एक कर लिया गया था। कुछ दुकानदारों ने पीछे की खुली भूमि को कब्जे में ले रखा था। टीम की रिपोर्ट पर अधिकारियों ने दुकानदारों को नोटिस जारी किए थे।
कार्यकारिणी समिति को सभी प्रस्तावों पर चर्चा का अधिकार है, चाहे रकम कितनी भी हो। फिलहाल बैठक के मिनट आज तैयार हो पाए हैं। शुक्रवार को पता चलेगा कि क्या करना है। अगर अधिक धनराशि होगी तो प्रस्ताव बोर्ड को अग्रसारित किया जाएगा। डा. उमेश गौतम, महापौर