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Drain cleaning in Bareilly : बरेली में नालों की सफाई के ठेके देने में एक फर्म पर रही नगर निगम की खास मेहरबानी

Drain cleaning in Bareilly नाला सफाई के खेल की परते खुलने लगी है। निगम के ठेकेदारों का ध्यान नालों की नहीं सिर्फ बजट की सफाई में रहता है। परते उधड़ी तो सामने आया कि 20 नालों की सफाई के ठेके देने में एक फर्म पर खास मेहरबानी हुई।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 07:08 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 07:08 AM (IST)
Drain cleaning in Bareilly : बरेली में नालों की सफाई के ठेके देने में एक फर्म पर रही नगर निगम की खास मेहरबानी
बरेली में चेहते ठेकेदारों ने नालेे की नहीं बजट की ही ‘सफाई’ कर डाली।

बरेली, जेएनएन। Drain cleaning in Bareilly : नाला सफाई के खेल की परते खुलने लगी है। निगम के ठेकेदारों का ध्यान नालों की नहीं, सिर्फ बजट की सफाई में रहता है। परते उधड़ी तो सामने आया कि 20 नालों की सफाई के ठेके देने में एक फर्म पर खास मेहरबानी हुई। ई टेंडर प्रक्रिया में शामिल कई ठेकेदार हुए, लेकिन आठ नालों का ठेका उनकी फर्म को गया। दैनिकजागरण में नालों का हाल-ए-बयां तस्वीरों के साथ उजागर हुआ तो ठेकेदारों ने नगर निगम के निर्माण विभाग में डेरा जमाया। सफाई ठीक से की नहीं है, इसलिए अब भुगतान की चिंता सता रही है।

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बारिश से पहले 20 बड़े नालों की सफाई के टेंडर में पूर्व महापौर के चेहते रहे ठेकेदार की फर्म को सबसे ज्यादा नालाें की सफाई के ठेके दिए गए। इन ठेकों की लागत करीब 40 से 50 लाख है। अब सवाल इसलिए उठ रहे है, क्योंकि सफाई के दावों के बावजूद नालों में कूड़ा और सिल्ट मिल रही है। जागरण पड़ताल में सामने आया कि ठेकेदार शाकीर मियां, रतन कान्ट्रेक्टर, एसएस कान्ट्रेक्टर, अनवार और इम्तियाज के पास नालों की सफाई के ठेके पहुंचे थे।

इन नालों के सफाई टेंडर में हुआ खेल

बुखारपुर डलावघर में गणपति स्वीट्स तक : लागत 12.50 लाख

सेटेलाइट से नकटिया नदी तक नाला सफाई : लागत 6.20 लाख

आजाद इंटर कालेज से सेटेलाइट चौराहे तक : लागत 14 लाख

बुखारपुरा साजन पैलेस की पुलिया से डलावघर तक : लागत 2.50 लाख

चमेली की बगिया वाली रोड, प्रेमनगर, जोशीटोला के नाले : लागत 8.60 लाख

कोपल अस्पताल से तुलाशेरपुर होते हुए मुख्य नाला : लागत 9.60 लाख

सूर्या बैंक्वट हाल होते हुए बानखाना तिराहा, धर्मकांटा रोड की पुलिया : लागत 8.20 लाख

कमिश्नर हुए नाराज दिनभर हड़कंप मची रही : 

नाला सफाई पर दैनिक जागरण की खबर प्रकाशन के बाद कमिश्नर आर. रमेश कुमार नाराज हुए। नगर आयुक्त को फोन करके उन्होंने पूछा कि अाखिर कैसे सफाई करवाई आपने। इसके बाद निर्माण विभाग के अधिकारियों को तलब कर लिया गया। हालांकि 20 नालों की सफाई की जांच के लिए कमेटी गठित होने की अाड़ ली गई। ठेकेदार भी भुगतान फंसने के आसार बनने के बाद दौड़भाग करते नजर आए।

बाकरगंज भरा हुआ, फिर कहां जाता है नालों से निकला कूड़ा : मानक हैं कि छह फीट गहराई तक नालों की सफाई होनी है। सूत्र कहते है कि तली तक सफाई नहीं हुई। बाकरगंज डंपिंग जोन में जगह नहीं है। इसलिए नालों का कूड़ा बारिश होने पर दोबारा नालों में चला गया। सिल्ट भी नहीं उठी। इसलिए जलभराव अधिक हुआ।

क्या कहते हैं ठेकेदार : ठेकेदार शाकीर मियां के मुताबिक उनके पास तीन छोटे और दो बड़े नाले रहे। उनकी सफाई में लापरवाही नहीं हुई। रतन कान्ट्रेक्टर से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सबसे ज्यादा नालों का ठेका हमें मिला है। पूर्व में भी काम करते हुए आए है। ठेकेदारों ने कहा कि हमारे काम की जांच करवा ली जाए। नालों की सफाई बहुत अच्छी हुई है।

क्या कहतेे हैं अधिकारी : अपन नगर आयुक्त श्याम लता आनंद ने बताया कि नालों की सफाई देखने के लिए मैं खुद मौके पर गई हूं। केडीके इंटर कॉलेज के पास बाउंड्रीवाल गिरी थी। सामग्री हटवा दी गई। सेटेलाइट, सुभाषनगर, सिकलापुर के नालों का कूड़ा भी हट रहा है। नालों की सफाई अभी सितंबर तक चलनी है।


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