बरेली नगर निगम ने फर्जी नियुक्ति बताकर महिला के रोके भुगतान, काेर्ट पहुंची महिला
नगर निगम ने एक सेवानिवृत्त महिला की नियुक्ति फर्जी बताकर उसका भुगतान रोक दिया। महिला ने न्याय के लिए कोर्ट की शरण ली है। कोर्ट में चल रहे करीब 22 मामले नगर निगम के लिए दिक्कत बने हुए हैं।
बरेली, जेएनएन। : नगर निगम ने एक सेवानिवृत्त महिला की नियुक्ति फर्जी बताकर उसका भुगतान रोक दिया। महिला ने न्याय के लिए कोर्ट की शरण ली है। कोर्ट में चल रहे करीब 22 मामले नगर निगम के लिए दिक्कत बने हुए हैं। नगर पालिका के सफाई कर्मचारी माधोबाड़ी निवासी रामभरोसे ने खुद को बीमार बताते हुए पांच जून 1989 को सशर्त त्याग पत्र दिया था। उन्होंने अपने स्थान पर पत्नी रानी को सफाई कर्मचारी के पद पर नियुक्ति देने की मांग की थी। इस पर रानी को 14 अक्टूबर 1989 को सफाई कर्मचारी के पद पर नियुक्ति दे दी गई।
वह आठ अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त हो गई। इससे पहले 13 सितंबर 1991 को मुख्य नगर अधिकारी से त्यागपत्र में रामभरोसे का अंगूठा फर्जी होने की शिकायत की गई थी। इस पर रामभरोसे के अंगूठे की विशेषज्ञ टीम ने जांच की। 10 मई 1993 को जांच रिपोर्ट में अंगूठा फर्जी साबित हुआ। तब नगर निगम ने रानी के खिलाफ थाने में तहरीर दी, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। मामला ठंडे बस्ते में गया और रानी नौकरी करती रही। उनके रिटायर होने पर ग्रेच्युटी अन्य फंड के भुगतान की मांग की तो नगर निगम के ऑडिट, लेखा विभाग ने आपत्ति लगा दी। भुगतान रोकने पर रानी ने कोर्ट की शरण ली है।
महिला के भुगतान को लेकर नगर निगम की ओर से कोर्ट में जवाब दिया गया है। ऐसे जितने भी मामले कोर्ट में चल रहे हैं, उनमें विधिक राय लेकर ही जवाब दाखिल किए जा रहे हैं। अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त