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Bareilly Milk Booth News : बरेली के अपर नगर आयुक्त ने खोला राज, पांच साल से मिल्क बूथ लगा रहे नगर निगम को चूना

Bareilly Milk Booth News पांच साल पहले शहर में बनाए गए मिल्क बूथ में बड़ी गड़बड़़ी सामने आई है। शहर के प्रमुख तीन स्थानों पर मिल्क बूथ बनाकर वहां अन्य उत्पाद बेचे जा रहे हैं। पांच साल होने के बावजूद निगम में किराया जमा नहीं कराया गया है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 06 Jul 2021 01:18 PM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 01:18 PM (IST)
Bareilly Milk Booth News : बरेली के अपर नगर आयुक्त ने खोला राज, पांच साल से मिल्क बूथ लगा रहे नगर निगम को चूना
Bareilly Milk Booth News : बरेली के अपर नगर आयुक्त ने खोला राज,

बरेली, जेएनएन। Bareilly Milk Booth News : पांच साल पहले शहर में बनाए गए मिल्क बूथ में बड़ी गड़बड़़ी सामने आई है। शहर के प्रमुख तीन स्थानों पर मिल्क बूथ बनाकर वहां अन्य उत्पाद बेचे जा रहे हैं। पांच साल होने के बावजूद निगम में किराया जमा नहीं कराया गया है। मामले की जानकारी होने पर सोमवार को अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह और कार्यकारिणी के सदस्यों ने मिल्क बूथों का निरीक्षण किया। वहां बिक रहा अन्य सामान भी जब्त किया।

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नगर निगम की कार्यकारिणी समिति में वर्ष 2013 में शहर के पांच स्थानों पर मिल्क बूथ बनाने के लिए प्रस्ताव रखा गया था। तीन सदस्यीय समिति ने भूमि का चयन किया और डीएम के सर्किल रेट के हिसाब से भूमि देने की मंजूरी कार्यकारिणी ने दी। फिर यह प्रस्ताव बोर्ड की बैठक में भी पास हो गया। नगर निगम के अफसरों ने पांच की जगह सात बूथ बनाए जाने के लिए मार्च 2015 में अनुबंध कर लिए।

सातों अनुबंध सिर्फ नोटरी शपथपत्र पर किए, रजिस्ट्रेशन नहीं कराए। सारे अनुबंध तत्कालीन मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने कराए, जबकि अनुबंध सिर्फ नगर आयुक्त करा सकते हैं। नगर निगम की कार्यकारिणी के सदस्यों ने फिर मामला उठा दिया है। सोमवार को अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह के साथ उपसभापति संजय राय, कार्यकारिणी सदस्य शमीम अहमद, कपिल कांत सक्सेना, मुनेंद्र सिंह, राजकुमार गुप्ता ने कुतुबखाना, पटेल चौक, सेटेलाइट पर निरीक्षण किया। सभी बूथ पर मिल्क के अलावा अन्य उत्पाद मिलते पाए गए।

पांच साल से नहीं दिया किराया

मिल्क बूथ बनाने के लिए आवंटियों को सौ वर्ग फीट की भूमि दी गई थी। इसका किराया दो हजार रुपये प्रति माह तय किया गया था। जगह पांच साल के लिए ही आवंटित की गई थी। इन आवंटियों ने पांच साल में एक बार भी किराया नहीं दिया। बावजूद इसके अब तक नगर निगम के किसी भी अधिकारी ने उन पर कार्रवाई नहीं की।

मिल्क बूथ संचालकों ने पांच साल में एक बार भी किराया नहीं दिया। उन्हें पांच साल होने के बावजूद नहीं हटाया गया। नगर निगम में किसकी संलिप्तता से ये बूथ चलते रहे, इसकी जांच कराई जाएगी। निगम की संपत्तियों को खाली कराया जाएगा। डा. उमेश गौतम, महापौर


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