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बरेली : बूंद बूंद सहेजने के लिए जागरण की मुहिम लाई रंग, नहीं होने दिए तुलाशेरपुर के दो तालाबों पर कब्जे

शहर में तालाबों को बचाने के लिए जागरण ने मुहिम शुरू की थी। जागरण के अभियान के साथ ही नगर निगम अधिकारियों ने पार्षदों की पूरी टीम लगा दी। शहर के तमाम तालाबों की स्थिति को देखा गया। कई जगह तालाबों पर कब्जे दिखाई दिए।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 12:55 PM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 12:55 PM (IST)
बरेली : बूंद बूंद सहेजने के लिए जागरण की मुहिम लाई रंग, नहीं होने दिए तुलाशेरपुर के दो तालाबों पर कब्जे
बरेली : बूंद बूंद सहेजने के लिए जागरण की मुहिम लाई रंग

बरेली, जेएनएन।  शहर में तालाबों को बचाने के लिए जागरण ने मुहिम शुरू की थी। जागरण के अभियान के साथ ही नगर निगम अधिकारियों ने पार्षदों की पूरी टीम लगा दी। शहर के तमाम तालाबों की स्थिति को देखा गया। कई जगह तालाबों पर कब्जे दिखाई दिए। पार्षदों ने अपनी रिपोर्ट अधिकारियों को दी, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। जागरण की मुहिम के बदौलत तुलाशेरपुर के दो पार्कों पर कब्जे नहीं हो पाए।

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दो साल पहले देखे थे तालाबों के हाल 

वर्ष 2019 में बरसात से पहले जागरण ने तालाबों की स्थिति सुधारने के लिए अभियान चलाया था। उसी दौरान नगर निगम में अधिकारियों ने तालाबों की स्थिति को देखने के लिए पार्षदों की एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी में पार्षद अतुल कपूर, चमन सक्सेना, विनोद सैनी, अवनेश, रूप किशोर, सलीम पटवारी थे। पार्षदों ने शहर भर के करीब सात तालाबों को देखा। अधिकांश तालाब उथले पाए गए। कुछ तालाबों में कब्जे भी हो चुके थे। पार्षदों ने अपनी रिपोर्ट अधिकारियों को सौंप दी थी।

तुलाशेरपुर के दोनों तालाबों को बचाया 

जागरण ने अभियान के दौरान तुलाशेरपुर स्थित मठिया के पास के दो तालाबों को बचाया। वहां पहले तालाब के किनारे से कब्जा करके उसे संकुचित कर दिया गया था। उनके आगे कुछ और लोग कब्जा करने की फिराक में थे, लेकिन उनके मंसूबे नाकाम नहीं हो पाए। नगर निगम ने वहां तालाब की सफाई करवाई और तालाब खोदा था। मौजूदा समय में आसपास के घरों से निकला पानी तालाब में भर रहा है।

शहर में डेढ़ सौ से अधिक तालाब

नगर निगम क्षेत्र में तालाबों की संख्या 156 है। डेलापीर, संजय कम्युनिटी हाल, अक्षर विहार समेत कुछ तालाबों में ही पानी है। बाकी अधिकतम तालाब पट गए हैं। कई तालाब ऐसे हैं जो आबादी के बीच में आने के कारण वहां सफाई नहीं हो पाती है। महेशपुर अटिराय, जौहरपुर, जोगी नवादा समेत अन्य तालाब आबादी के बीच है, जिन पर मुकदमे चल रहे हैं। किसी भी तालाब की देखभाल नगर निगम ने कर पा रहा है।

 नगर निगम के तालाबों में कब्जे नहीं हैं। देखभाल नहीं होने के कारण तालाब पट जरूर गए हैं। बरसात से पहले उनकी खोदाई का काम कराया जाएगा, ताकि बारिश के पानी का संचय हो सके। अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त


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