भाजपा सहित अन्य राजनीतिक दलों के सामने दावेदारों ने खड़ी की ये चुनौती, एक सीट पर तीन-तीन दावेदार मांग रहे टिकट
Panchayat Chunav BJP News पंचायत चुनाव को मिनी विधानसभा के तौर पर देखा जाता है। प्रधान से लेकर क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य सीटों पर दो से तीन लोगों की दावेदारों ने सभी प्रमुख दलों की मुश्किलें बढ़ा दी है।
बरेली, जेएनएन। Panchayat Chunav BJP News : पंचायत चुनाव को मिनी विधानसभा के तौर पर देखा जाता है। प्रधान से लेकर क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य सीटों पर दो से तीन लोगों की दावेदारों ने सभी प्रमुख दलों की मुश्किलें बढ़ा दी है। खासकर सत्ताधारी पार्टी भाजपा के लिए समर्थकों को संतुष्ट करना बड़ी चुनौती बनी हुई है। कहीं कोई असंतुष्ट पाला बदलकर दूसरी पार्टी में न पहुंच जाए इसकी चिंता भी की जा रही है। इससे बचाव के लिए वार्ड स्तर और जिला स्तर पर बनी कमेटियों का सहारा लिया जा रहा है।
सत्ताधारी पार्टी से जुड़े गांव स्तर के कार्यकर्ताओं को पंचायत चुनाव में ही राजनीतिक भागीदारी निभाने का मौका मिलता है। प्रधानी से लेकर क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य बनकर नेतृत्व करने का अवसर होता है। इससे क्षेत्र ही नहीं पार्टी में भी साख बढ़ती है। जिला पंचायत सदस्य की 51 सीटें हैं। हर सीट पर दो से तीन लोग दावेदारी कर रहे हैं। इनमें से किसी एक को ही पार्टी समर्थित प्रत्याशी घोषित करेगी।
निश्चित रूप से दो दावेदार नाराज होंगे। सपा, बसपा और कांग्रेस में भी इसी तरह के हालात बन रहे हैं। जिले के वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रांतीय पदाधिकारियों तक जुगाड़ लगाया जा रहा है। सपा में तो एक सीट का मामला सैफई तक पहुंच गया है। भाजपा ने प्रत्याशियों का चयन करने के लिए वार्ड स्तर पर कमेटी बनाकर पहले ही सर्वे करा लिया है। बदायूं के भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक भारतीय कहते हैं कि चुनाव के समय यह दिक्कत आती है, इसलिए पार्टी ने पहले से ही वार्ड स्तर पर प्रभारी नियुक्त कर आंकलन करा लिया है।
दावेदार तो कई सामने आ रहे हैं, लेकिन जिला स्तरीय कमेटी सर्वे रिपोर्ट को ध्यान में रखकर फैसला करेगी। सपा जिलाध्यक्ष प्रेमपाल सिंह यादव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष ओमकार सिंह और बसपा जिलाध्यक्ष डा.लाखन सिंह भी जिला स्तरीय कमेटी बनाकर विभिन्न सीटों के लिए आ रहे आवेदन पर मंथन कर रहे हैं। नामांकन का समय दो दिन का ही निर्धारित है। राजनीतिक दलों से चुनावी समर में उतरने वाले दिग्गजों की तस्वीर नामांकन से दो दिन पहले ही साफ हो सकेगी। सबसे बड़ी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के दावेदारों के नाम भी सामने आ सकेंगे।