बरेली विकास प्राधिकरण अभी ध्वस्त नहीं करेगा मकान, विभागीय जांच के बाद जानिये क्या होगी कार्रवाई
BDA not Demolish House of Om Sai Colony डोहरा रोड स्थित ओम साईं कालोनी के मामले में बीडीए और स्थानीय लोगों में आपसी सहमति बन गई है। आवासों की भूमि का लैंड यूज बदलने के लिए नए मास्टर प्लान में रखा जाएगा। बीडीए मकानों को ध्वस्त नहीं करेगा।
बरेली, जेएनएन। BDA not Demolish House of Om Sai Colony : डोहरा रोड स्थित ओम साईं कालोनी के मामले में बीडीए और स्थानीय लोगों में आपसी सहमति बन गई है। आवासों की भूमि का लैंड यूज बदलने के लिए नए मास्टर प्लान में रखा जाएगा। तब तक बीडीए किसी के भी मकानों को ध्वस्त नहीं करेगा। वही, लोगों को बीडीए की शर्तों को मानना पड़ेगा। इसके साथ ही ग्रीन बेल्ट में आवास खड़े किए जाने पर विभागीय संलिप्तता की जांच कमेटी बनाकर की जाएगी। दोषी पाए जाने वाले इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बरेली विकास प्राधिकरण ने बीते दिनों ओम साईं कालोनी में रहने वाले करीब 40 लोगों को नोटिस दिया। ग्रीन बेल्ट पर बने मकानों को ध्वस्तीकरण करने के नोटिस देख लोग परेशान हो गए। गुरुवार को तमाम लोग एसएसपी के पास पहुंचे और बिल्डर की शिकायत की। उन्होंने बताया कि बिल्डर ने कालोनी का लेआउट बीडीए से अप्रूव बताकर उनके साथ धोखाधड़ी की। शुक्रवार को कालोनी निवासी संत कुमार के साथ पांच सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल बीडीए उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह से मिला। उपाध्यक्ष ने लोगों को मकान ध्वस्त नहीं किए जाने का आश्वासन दिया। कहा, मास्टर प्लान में भूमि का प्रयोग बदलने के लिए प्रस्ताव रखा जाएगा। लैंड यूज बदलने पर उनके नक्शे पास करा दिए जाएंगे।
पांच बिंदुओं पर बनी आपसी सहमतिः उपाध्यक्ष के सामने स्थानीय लोगों के प्रतिनिधिमंडल और बीडीए के अधीक्षण अभियंता राजीव दीक्षित समेत अन्य इंजीनियरों की एक कमेटी बनाई गई। उनके बीच पांच बिंदुओं पर सहमति बनी। इंजीनियरों ने कहा कि लैंड यूज बदलने तक बीडीए उनके मकान ध्वस्त नहीं करेगा। इस बीच कालोनी के लोग प्राधिकरण का रास्ता, नाला, सीवर समेत अन्य सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं करेंगे। बीडीए जो भी शुल्क चार्ज करेगा, उस पर लोग सहमत होंगे। इसके साथ ही कमेटी की हर मीटिंग के मिनट भी लिखे जाएंगे।
मामले की होगी विभागीय जांच, फिर कार्रवाईः ग्रीन बेल्ट पर पूरी कालोनी कैसे बन गई, इससे बीडीए के अधिकारियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कालोनी बन गई और मकान बेच दिए गए, लेकिन यह कैसे हो सकता है कि प्राधिकरण के किसी इंजीनियर को कोई भनक तक नहीं लगी। उपाध्यक्ष ने बताया कि यह काम बिना प्राधिकरण की संलिप्तता से होना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि मामले में कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी। उस वक्त जो भी सहायक अभियंता, अवर अभियंता, सुपरवाइजर होंगे, अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह है मामलाः वर्ष 2013 में ग्रीन पार्क में रहने वाले एक बिल्डर ने डोहरा रोड पर ओम साईं कालोनी में प्लाट काटे थे। बिल्डर ने लोगों को धोखे में रखकर प्लाट बेच दिए। उन्हें बताया कि कालोनी का लेआउट बीडीए से पास है। यह भी बताया कि जमीन का लैड यूज बदलवाकर आवासीय कराया जा चुका है। जमीन सीलिंग या ग्रीन बेल्ट की नहीं है, ऐसा बताकर लोगों को प्लाट बेच दिए। अब 40 लोगों के मकानों पर संकट आ गया है।
बीडीए उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने बताया कि ओम साईं कालोनी के मकान ग्रीन बेल्ट पर बने हैं। लोगों की समस्या को सुनकर उन्हें फिलहाल ध्वस्तीकरण नहीं करने का आश्वास दिया है। लैड यूज बदलने के लिए मास्टर प्लान में प्रस्ताव रखा जाएगा। भू उपयोग बदलने पर लोगों के नक्शे पास कराए जाएंगे। विभागीय संलिप्तता की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई होगी।