दो घंटे से ज्यादा इंतजार के बाद मिल रहा मोक्ष, श्मशान में लगने लगे ताले
कोरोना महामारी भयावह रूप ले रही है। संक्रमण की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा दिन-प्रतिदिन तेजी के साथ बढ़ रहा है। श्मशान में चिताओं को जलाने के किए गए अतिरिक्त इंतजाम भी फेल हो रहे हैं। श्मशान भूमि में शवाें को वेटिंग में रखा जा रहा है।
बरेली, जेएनएन। कोरोना महामारी भयावह रूप ले रही है। संक्रमण की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा दिन-प्रतिदिन तेजी के साथ बढ़ रहा है। आलम यह है कि श्मशान घाट में चिताओं को जलाने के किए गए अतिरिक्त इंतजाम भी फेल हो रहे हैं। जिस वजह से श्मशान भूमि में शवाें को वेटिंग में रखा जा रहा है।
शहर की तीनों ही श्मशान भूमि में शव की अंत्येष्टि चबूतरे न मिलने की वजह से जमीन पर करनी पड़ रही थी। इससे स्वजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। समस्या को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम ने श्मशान घाटों में पृथक प्लेटफार्म तैयार कराए। लेकिन, सारे इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। स्वजनों को जगह न होने की वजह से शव की अंत्येष्टि के लिए दो घंटे से अधिक समय का इंतजार करना पड़ रहा है।
गुरुवार को सिटी श्मशान भूमि में दस काेविड और 40 सामान्य शवों का अंतिम संस्कार हुआ। संजयनगर श्मशान भूमि में 9 कोविड और 34 सामान्य शव की अंत्येष्टि की गई। वहीं गुलाबबाड़ी श्मशान भूमि में पांच कोविड और पांच सामान्य शवों का अंतिम संस्कार किया गया। संजयनगर श्मशान भूमि कमेटी के पदाधिकारी महेंद्र पटेल ने बताया कि देर रात तक शवों के आने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जब तक शवों के आने की संख्या कम नहीं होती है। रात को आठ बजे तक ही श्मशान के द्वार खुलेेंगे।