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कोर्ट ने खारिज की हत्यारिन पत्नी की जमानत, ममेरे देवर से अवैध संबंधों के चलते की थी पति की हत्या

Bareilly Court News पति की हत्या में आरोपित महिला की जमानत अर्जी सेशन कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी। वारदात की रिपोर्ट थाना मीरगंज में मृतक के चाचा ने दर्ज कराई थी। बीते पांच फरवरी को वादी का भतीजा ओमकार रात को भागवत देखने गया था।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 02 Nov 2021 02:55 PM (IST)Updated: Tue, 02 Nov 2021 02:55 PM (IST)
कोर्ट ने खारिज की हत्यारिन पत्नी की जमानत, ममेरे देवर से अवैध संबंधों के चलते की थी पति की हत्या
कोर्ट ने खारिज की हत्यारिन पत्नी की जमानत, ममेरे देवर से अवैध संबंधों के चलते की थी पति की हत्या

बरेली, जेएनएन। Bareilly Court News: पति की हत्या में आरोपित महिला की जमानत अर्जी सेशन कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी। वारदात की रिपोर्ट थाना मीरगंज में मृतक के चाचा ने दर्ज कराई थी। बीते पांच फरवरी को वादी का भतीजा ओमकार रात को भागवत देखने गया था। सुबह तक नहीं लौटा तो तलाश की गई। अगले दिन गांव के बाहर सरसों के खेत में ओमकार की लाश पड़ी मिली। गांव वालों के बयानों पर मृतक की पत्नी पर शक हुआ। गांव वालों ने बताया कि मृतक की पत्नी के अपने ही ममेरे देवर से प्रेम संबंध थे।

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निसंतान ओमकार के घर चरन सिंह का आना जाना था। काल डिटेल निकलवाने पर पता चला कि आरोपित भूरी चरन सिंह से लंबी बातचीत करती थी। सख्ती करने पर चरन सिंह ने पुलिस को बताया कि ओमकार प्रेम संबंधों में रोड़ा बनता था। वारदात की रात महिला ने पति के हाथ पकड़े और उसने मृतक का गला घोंटकर लाश खेत में ही छोड़ दी। डीजीसी क्राइम सुनीति कुमार पाठक ने आरोपिता की जमानत अर्जी का विरोध किया। सेशन जज रेणु अग्रवाल ने जमानत अर्जी नामंजूर कर दी।

सच्चाई सामने लाने को कोर्ट ने दिए एफआईआर के आदेश

कोतवाली थाना क्षेत्र की एक नवविवाहिता ने अपने ही पति पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। कहा कि उसकी शादी बीते वर्ष नवंबर में बारादरी थाना क्षेत्र के राज शर्मा से हुई थी। शादी से दो माह पूर्व बर्थडे पार्टी के बहाने राज शर्मा की बहनों ने उसे घर बुला लिया। मंगेतर ने मौका पाकर दुष्कर्म किया। विरोध करने पर मंगेतर की मां व बहनें बोलीं कि तुम्हारी गोद भराई की रस्म तो हो ही गई है। अब तो तुम पति पत्नी होने वाले हो तो इसमें क्या हर्ज है। नवंबर माह में शादी के बाद विवाहिता के ससुराल वाले ब्लैकमेल करके पांच लाख की रकम मांगने लगे।

पीड़िता गर्भवती हो गई तो उसने ससुराल में खबर की। पति ने चरित्रहीन होने का आरोप लगाते हुए बच्चा अपनाने से इनकार कर दिया। तब पीड़िता ने सच्चाई से पर्दा उठाने को अदालत का दरवाजा खटखटाया। पीड़िता के अधिवक्ता अजय निर्मोही ने अपनी बहस में कहा कि मामले की तफ्तीश व डीएनए टेस्ट से ही सच्चाई सामने आ सकती है। एसीजेएम-प्रथम विष्णुदेव सिंह ने पीड़िता के पति, सास व ननदों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश के आदेश दिए हैं।


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