Bareilly Coronavirus News Update : बरेली के कोविड अस्पताल में हवा-पानी को तरस रहे संक्रमित
कोरोना संक्रमितों को घर से लाकर कोविड अस्पताल में रख दिया जाता है। यहां उन्हें सुविधाओं के नाम पर दिक्कत और परेशानी उठानी पड़ रही है।
बरेली, जेएनएन। कोरोना संक्रमितों को घर से लाकर कोविड अस्पताल में रख दिया जाता है। यहां उन्हें सुविधाओं के नाम पर दिक्कत और परेशानी उठानी पड़ रही है। कभी खाना तो कभी गंदगी की शिकायतें कर रहे संक्रमितों ने अब कैदियों की तरह रखे जाने की शिकायत की है। उनका आरोप है कि उन्हें वार्ड में बंद कर दिया गया है। जहां न तो ताजी हवा आती है और न ही अस्पताल की टंकी से साफ पानी आता है। संक्रमितों ने सारी समस्याओं को एक पत्र में लिखकर डीएम और सीएमओ को पत्र वाट्सएप पर भेजा है।
तीन सौ बेड अस्पताल में इस समय 64 संक्रमित भर्ती हैं। संक्रमितों ने बीते दिनों वीडियो वायरल कर यहां पर व्याप्त अव्यवस्थाओं को उजागर किया था। इसके बाद से सीएमओ ने यहां की व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिए थे। जिस पर खाना, साफ सफाई और मरीजों का रुटीन चेकअप आदि कराया जाना शुरू कर दिया गया।
बीते दो दिनों से संक्रमितों ने इन सभी व्यवस्थाओं पर संतुष्टि जाहिर की। लेकिन सोमवार को संक्रमितों ने साफ पानी और स्वच्छ हवा को लेकर शिकायत दर्ज कराई। अस्पताल में भर्ती करीब 30 संक्रमितों के हस्ताक्षर से एक पत्र लिखकर डीएम और सीएमओ को वाट्सएप किया। इसमें उन्होंने बताया कि अस्पताल में खिड़कियां दरवाजे सभी बंद हैं। जहां ताजी हवा नहीं आती है।
उनका कहना है कि जब लाइट चली जाती है तो उन्हें गर्मी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा उन्हें पानी समय पर न मिलने और टंकी से गंदा पानी आने की शिकायत की भी की है। बताया कि वॉश बेसिन में आने वाला पानी भी प्रयोग करने के योग्य नहीं है। कुछ वॉशबेसिन के नल भी खराब पड़े हैं।
छत खुलवाने की मांग
संक्रमितों ने पत्र में मांग की है कि छत के दरवाजे खोल दिए जाएं जिससे वह वहां जा सकें। लिखा कि पहले दरवाजे खुले थे जिससे गर्मी होने पर वह लोग छत पर ताजी हवा ले सकते थे। लेकिन अब दरवाजे बंद कर दिए जाने से दिक्कत हो रही है। संक्रमितों ने दो अलग अलग प्रार्थना पत्र लिखकर सभी संक्रमितों ने हस्ताक्षर करवाकर सीएमओ, डीएम और तीन सौ बेड अस्पताल के प्रभारी को भेजा है।
संक्रमितों की सुरक्षा का देखते हुए छत के रास्ते बंद किए गए हैँ। खिड़कियां इसलिए बंद हैं कि संक्रमित वहां से थूक न सकें। खिड़की से बाहर थूकने पर संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। पानी की समस्या के बारे में जानकारी की जाएगी, अभी पत्र देखा नहीं है। - डा. विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ