अब पोस्ट कोविड बच्चों में एमआइएस-सी का खतरा, जानिये क्या है बीमारी, कैसे करें बचाव
कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी बीमारियां पीछा नहीं छोड़ रहीं हैं। वयस्क और बुजुर्ग जहां ब्लैक फंगस के शिकार हो रहे हैं। वहीं बच्चे मल्टी इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चाइल्ड (एमआइएस-सी) के शिकार हो रहे हैं। जिले के अलग अलग अस्पतालों में बच्चे पहुंच रहे हैं।
बरेली, (अंकित गुप्ता)। कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी बीमारियां पीछा नहीं छोड़ रहीं हैं। वयस्क और बुजुर्ग जहां ब्लैक फंगस के शिकार हो रहे हैं। वहीं बच्चे मल्टी इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चाइल्ड (एमआइएस-सी) के शिकार हो रहे हैं। जिले के अलग अलग अस्पतालों में इससे ग्रसित प्रतिदिन 7 से 8 बच्चे पहुंच रहे हैं। जिले के एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में ही बीते 25-30 दिनों में पोस्ट कोविड बच्चों के पहुंचने की संख्या 100 से अधिक है। बाल रोग विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना से पहले इस प्रकार की बीमारी को नहीं देखा गया। यहां तक कि कोरोना की पहली लहर में भी पोस्ट कोविड बच्चों के बीमार होने की संख्या न के बराबर थी।
एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज के पीडियाटीशियन इंचार्ज डा. पी एल प्रसाद ने बताया कि पिछले 25-30 दिनों में पोस्ट कोविड बच्चे आने शुरू हुए हैं। जबकि पिछले वर्ष मल्टी इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चाइल्ड (एमआइएस-सी) बीमारी से ग्रसित बच्चे नहीं आए थे। इस बार जो बच्चे आ रहे हैं उनमें इसके लक्षण मिल रहे हैं, जिनका लगातार इलाज चल रहा है। डा. पी एल प्रसाद के अनुसार अगर इस बीमारी का समय से इलाज नहीं मिला तो यह प्राणघातक भी हो सकती है। बताया कि अब तक सौ से अधिक बच्चों का उपचार किया जा चुका है, जिनमें से कुछ पूरी तरह से स्वस्थ हैं तो कुछ स्वस्थ हो रहे हैं।
ये हैं लक्षण : शहर के खुशलोक अस्पताल के पीडियाटीशियन डा. ललित पागरानी ने बताया कि एमआइएस-सी के प्रमुख लक्षणों में लगातार बुखार आना, डायरिया होना, दौरा पड़ना, दिल में दर्द उठना, आंखों का लाल होना, शरीर में लाल रंग के दाने, शरीर के भीतरी अंगों में सूजन होना शामिल है।
इम्युन सिस्टम की कमजोरी वजह : पीडियाटीशियन डा. पीएल प्रसाद ने बताया कि कोविड के दौरान सक्रिय प्रतिरक्षा तंत्र (इम्युन सिस्टम) अगर कमजोर है तो यह खुद के शरीर को नुकसान पहुंचाने लगता है। इससे विभिन्न अंगों जैसे हार्ट, किडनी, रक्त संचार व्यवस्था समेत शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर देता है। इसीलिए इसे मल्टी इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआइएस) कहा गया है।
यूरोपीय देशों से हुई शुरुआत : पीडीयाट्रीशियन डा. पीएल प्रसाद ने बताया कि कोविड की शुरुआत में यूरोपीय देशों से हुई। जहां काफी बच्चे भी इससे प्रभावित हुए थे। 2020 की शुरुआत से ही यूरोपीय देशों में बच्चों के शरीर के कई अंगों में इसका प्रभाव देखा गया। इसके कारण ही इस तरह की बीमारी को मल्टी इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चाइल्ड (एमआइएस-सी) कहा गया। भारत या उप्र में एमआइएस-सी से ग्रसित बच्चों की संख्या कोविड की दूसरी लहर में अधिक देखी गई।