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Bareilly Coronavirus News : बरेली के अस्पतालों में अब एक भी कोरोना संक्रमित भर्ती नहीं

Bareilly Coronavirus News कोरोना संक्रमण का असर अब कम दिखाई दे रहा है लेकिन यह कमजोर बिल्कुल नहीं हुआ है। दूसरी लहर के दौरान संक्रमण ने लोगों को जो नुकसान पहुंचाया उससे एहतियात पर जोर दिया गया। लोगों ने मास्क लगाना शारीरिक दूरी का पालन करना शुरू कर दिया।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 08:11 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 08:11 AM (IST)
Bareilly Coronavirus News : बरेली के अस्पतालों में अब एक भी कोरोना संक्रमित भर्ती नहीं
तीन सौ बेड अस्पताल में कोई कोविड मरीज भर्ती नहीं, सर्विलांस टीम के पास अब नहीं पहुंच रहे फोन।

बरेली, जेएनएन। Bareilly Coronavirus News : कोरोना संक्रमण का असर अब कम दिखाई दे रहा है, लेकिन यह कमजोर बिल्कुल नहीं हुआ है। दूसरी लहर के दौरान संक्रमण ने लोगों को जो नुकसान पहुंचाया उससे एहतियात पर जोर दिया गया। लोगों ने मास्क लगाना, शारीरिक दूरी का पालन और हाथ धोने और उन्हें सैनिटाइज्ड करना शुरू कर दिया। यही कारण है कि अब कोई अगर किसी कोरोना कैरियर के संपर्क में आ रहा है तो संक्रमण उसे गंभीर स्थिति में नहीं पहुंचा पा रहा है। यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बीते चार दिनों में 33 मरीज आए लेकिन किसी को भी अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया।

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जिले में कोरोना संक्रमण के अभी 385 सक्रिय केस हैं। इन दिनों मात्र सात से आठ केस ही निकल रहे हैं। इनमें भी ज्यादातर मरीज बिना लक्षण वाले हैं, जिन्हें घर पर ही भर्ती कराया जा रहा है। बीते चार दिनों में कोविड कंट्रोल रूम और सर्विलांस टीम द्वारा किसी भी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है। स्थिति यह है कि तीन सौ बेड अस्पताल में अब कोविड का कोई मरीज भर्ती नहीं है। यहां एक मरीज पोस्ट कोविड का है। यही हाल एसआरएमएस मेडिकल कालेज का यहां का आइसीयू फुल रहता था, जो अब खाली हो चुका है।

यहां इलाज कराने वाले अब मात्र 18 मरीज भर्ती हैं। रुहेलखंड मेडिकल कालेज में मात्र 12 मरीज हैं, लेकिन वह गंभीर हैं और आइसीयू में हैं। शहर के कुछ अन्य प्राइवेट अस्पतालों में एक या दो मरीज ही बचे हैं। कोविड के जानकार बताते हैं कि बीते दिनों जो लॉकडाउन लगा उसमें जिले के लोग चैन ऑफ ट्रांसमिशन (संक्रमण के संचरण की श्रृंखला) को तोड़ने में सफल रहे। इसके साथ ही लोगों ने एहतियात अधिक बरतना शुरू किया। जो लोग गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं, वह घर से नहीं निकल रहे हैं। यही कारण है कि अब जो लोग संक्रमित मिल रहे, वह गंभीर नहीं है।

शारीरिक दूरी सबसे जरूरी : एसआरएमएस मेडिकल कालेज के क्रिटिकल केयर यूनिट के एचओडी डा. ललित सिंह ने बताया कि संक्रमण आज भी उतना ही घातक है, जिनता पहले था। लेकिन अब संक्रमितों की संख्या कम होने और गंभीर संक्रमितों के न मिलने की वजह हमारी सावधानी है। अब लोग मास्क लगाने के प्रति अधिक गंभीर है। बताया कि मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करने से अगर कोई व्यक्ति कोरोना कैरियर के संपर्क में आया भी तो संक्रमण पूरी क्षमता से प्रहार नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहाकि अब बाजार खुल गए हैँ तो सबसे जरूरी है कि लोग कम से कम पांच से छह फिट दूरी बनाकर रखें।

वायरस में नहीं लोगों में आया बदलाव : डा. राहुल गोयल ने बताया कि कम संक्रमित मिलना या गंभीर संक्रमित के न मिलने से यह कहना बिल्कुल गलत होगा कि संक्रमण के व्यवहार में बदलाव आया है। बदलाव संक्रमण में नहीं लोगों के व्यवहार में आया है। अब बुजुर्ग और बीमार लोग जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकल रहे हैं। मास्क का उपयोग 95 फीसद लोग करने लगे हैं। समय समय पर हाथों को सैनिटाइज्ड करना या धोते रहना लोगों की आदत में आ चुका है। बीते दिनों हुए लॉकडाउन का भी इसका बड़ा कारण माना जा रहा है। अगर लोग शारीरिक दूरी बनाकर रखें तो संक्रमण से बचाव संभव है।


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