बरेली कॉलेज : एमकॉम में 32, एलएलबी में 48 दाखिले
बरेली कॉलेज में मंगलवार से एलएलबी और एमकॉम में प्रवेश के लिए काउंसिलिग प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले दिन एमकॉम में 32 और एलएलबी में 48 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया।
बरेली, जेएनएन : बरेली कॉलेज में मंगलवार से एलएलबी और एमकॉम में प्रवेश के लिए काउंसिलिग प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले दिन एमकॉम में 32 और एलएलबी में 48 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया।
प्रवेश समन्वयक डॉ. वीपी सिंह ने बताया कि एलएलबी की काउंसिलिग विधि विभाग में थी। यहां 90.73 फीसद से 68.10 फीसद कटऑफ वाले अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। इनमें ओपेन कैटेगरी में 112 सीटों पर 48 प्रवेश हुए। इसी तरह एमकॉम में 86.43 से 58.35 फीसद कटऑफ वाले अभ्यर्थी भी पहुंचे। 84 सीटों के सापेक्ष 32 छात्र-छात्राओं ने दाखिला लिया। दोनों कोर्स में इस कटऑफ के अभ्यर्थियों के लिए बुधवार को प्रवेश का आखिरी मौका है। इनसेट
एमए के 14 अन्य कोर्सों की मेरिट आज
एलएलबी और एमकॉम के बाद बुधवार को एमए हिदी, अंग्रेजी, समाजशास्त्र सहित 14 अन्य कोर्सों की मेरिट जारी होगी। पहले दिन ओपेन कैटेगरी की कटऑफ होगी। इनमें चयनित अभ्यर्थियों के दाखिले के लिए 12 और 19 नवंबर को काउंसिलिग होगी। कॉमर्स विभाग के बाहर शारीरिक दूरी गायब
बरेली कॉलेज में एमकॉम की काउंसिलिग के लिए कॉमर्स विभाग में अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। दूसरे गेट पर बीकॉम में प्रवेश ले चुके छात्र-छात्राओं की भीड़ लगी रही। इस बीच लाइन में शारीरिक दूरी नहीं नजर आई। कई छात्र-छात्राएं मास्क भी नहीं लगाए थे।
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नहीं मिल रहा रिकार्ड, छात्र परेशान
जासं, बरेली : रुहेलखंड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध शाहजहांपुर के जीएफ कॉलेज के कई छात्र परेशान हैं। यह सभी पीजीडीसीए उत्तीर्ण हैं। इन सभी ने नौकरी के लिए जहां आवेदन कर रखा है। वहां से जब वैरीफिकेशन विश्वविद्यालय से कराया गया तो पता चला कि रिकार्ड नहीं मिल रहा। मंगलवार को छात्र फिर अपनी इस समस्या को लेकर परीक्षा नियंत्रक के पास पहुंचे। वैरीफिकेशन न होने की वजह से नौकरी की ज्वाइनिग में दिक्कत हो रही है। अब उन्हें दीपावली के बाद फिर बुलाया गया है।
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पैसा लेकर भरवाया फार्म, रुक गया रिजल्ट
जासं, बरेली : बरेली कॉलेज में एक बार फिर एक कर्मचारी द्वारा पैसा लेकर एमए की छात्रा का फार्म भरवाने का मामला सामने आया है। बदायूं की रहने वाली इस छात्रा का एमए इंग्लिश से फार्म भरवा दिया। लेकिन जब नतीजे जारी हुए तो उसका परिणाम नहीं आया। परेशान छात्रा प्रिसिपल के पास पहुंची। उसने बताया कि एक कर्मचारी को पैसे दिए थे। फिर भी काम नहीं हुआ। प्रिसिपल डॉ. अनुराग मोहन ने बाबू को तलब किया। जिसके बाद बाबू ने जल्द से जल्द रिजल्ट जारी होने का आश्वासन दिया। गौरतलब है कि यह वही कर्मचारी है जो पहले भी ठेके पर फार्म भरवाने के मामले में फंस चुका है।