सौहार्द की मिसाल है बरेली का यह चौराहा.. अजान से दिन का आगाज, आरती से रात
बरेली के चौकी चौराहा पर एक ओर चर्च तो दूसरी ओर मस्जिद व गुरुद्वारा स्थित है। वहीं, 1991 से यहां गणेश पूजा पंडाल सजता है।
जेएनएन, बरेली। जहां एक ओर देश में तमाम जगह धर्म, मजहब और संप्रदाय के नाम पर आएदिन माहौल खराब कर लोगों के दिलों में जहर घोलने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक ऐसा चौराहा है जो सौहार्द का मिसाल बना हुआ है। सर्वधर्म समभाव के संदेश को चरितार्थ कर रहा है। यहां का चौकी चौराहा बीते पांच दिनों से गंगा जमुनी तहजीब की नजीर बना हुआ है। चौकी चौराहा के एक ओर चर्च स्थित है, जबकि दूसरी ओर कुछ ही दूरी पर मस्जिद और गुरूद्वारा। वहीं, पिछले पांच दिनों से यहां पर गणेश चतुर्थी का पंडाल भी सजा हुआ है। आजकल यहां दिन का आगाज अजान से होता है जबकि रात गणेश पंडाल में आरती से। सोमवार को गणेश मूर्ति विजर्सन हुआ, जिसके कार्यक्रम दोपहर की नमाज के बाद शुरू हुए।
--1991 से सर्वधर्म समभाव का संदेश दे रहा चौराहा
श्री गणेश पूजन समारोह समिति चौकी चौराहा की ओर से वर्ष 1991 से गणपति पूजन शुरू किया गया था। चौराहा पर सजने वाले गणेश पंडाल के सामने ही सड़क के दूसरी तरफ मस्जिद और थोड़ा आगे बढ़ने पर गुरुद्वारा है। इस कारण समिति ने उत्सव के कार्यक्रमों का समय रात्रि नौ बजे के बाद का रखा है। फिर देर रात तक यहां विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होते हैं।
--दोपहर में नमाज, शाम को दही हांडी उत्सव
इस साल सोमवार को गणेश मूर्ति विसर्जन निर्धारित था, जिसके कार्यक्रमों की शुरुआत दोपहर एक बजे से होनी थी। दोपहर तक हांडी फोड़ आदि की सभी तैयारियां पूरी हो गई, मगर तब तक दोपहर की नमाज का वक्त हो चला। गणेश उत्सव के संयोजक नरसू नायक बताते हैं ऐसे में, मूर्ति विसर्जन के कार्यक्रम का समय एक घंटा बढ़ाया गया, जिससे सामने मस्जिद में दोपहर की नमाज हो जाए। चौराहा पर दोपहर में नमाज पढ़ी गई, फिर तीन बजे के बाद हांडी फोड़ उत्सव मनाया गया। इसके बाद पूरे विधि विधान और धूमधाम से गणेश विसर्जन शुरू हुआ।
--खास बातें
- चौराहा के एक ओर स्थित है चर्च, दूसरी ओर कुछ दूरी पर मस्जिद व गुरूद्वारा
- 1991 से अब तक हर साल चौराहा पर ही सजता है गणेश पूजा का पंडाल
- गणेश पूजा के दौरान अजान से दिन का आगाज होता है और पंडाल में आरती से रात
- मस्जिद में दोपहर की नमाज के बाद शुरू होते है गणपति विसर्जन के कार्यक्रम